जरा सोच कर देखिए कि एक खिलाड़ी महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी की वजह से बीच दौरे से वापस बुलाया गया हो. उसे निलंबित किया गया हो. हर किसी ने उसकी आलोचना की हो. उसको लेकर अगर किसी में ‘सिम्पैथी’ का भाव आया भी तो उससे उसकी गलती कम नहीं होती.


कुछ ऐसी ही स्थिति थी हार्दिक पांड्या की. उनकी किस्मत कह लें या टीम इंडिया की जरूरत कह लें. हार्दिक पांड्या को न्यूज़ीलैंड भेजा गया. ये संभव है कि विराट कोहली और रवि शास्त्री कभी इस बात को स्वीकार नहीं करेंगे कि उन्होंने हार्दिक पांड्या की वापसी की वकालत की थी. लेकिन जिस तरह से बीसीसीआई का रूख बदला उसमें ये बात साफ झलकती है. अब मुद्दा हार्दिक पांड्या की वापसी का था.


उस ‘मेंटल टफनेस’ का था जो उन्हें मैदान में दिखानी थी. वो अपने बयान पर कई बार खेद जता चुके थे. माफी मांग चुके थे. बावजूद इसके वो अच्छी तरह समझ रहे थे कि देश उनके नाराज है. इस नाराजगी को दूर करने का एक ही तरीका उनके पास था. वो तरीका है- मैदान में शानदार प्रदर्शन. सोमवार को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ उन्होंने इसी तरीके को अपनाकर क्रिकेट फैंस की नाराजगी को कुछ हद तक दूर किया होगा.


मैदान में हार्दिक बने सुपरमैन


न्यूज़ीलैंड की पारी का 17वां चल रहा था. गेंदबाजी यजुवेंद्र चहल कर रहे थे. न्यूज़ीलैंड की टीम 26 रन पर दो विकेट के झटके से उबरने का प्रयास कर रही थी. कप्तान विलियम्सन पारी संभालने की कोशिश में थे. चहल की गेंद को विलियम्सन ने मिड विकेट की तरफ खेला था. उनके शॉट को देखकर और फील्डिंग पोजीशन को देखकर लगा नहीं था कि वो आउट होने वाले हैं. लेकिन तभी अचानक मैदान में सुपरमैन की तरह अपनी बाईं तरफ छलांग लगाकर हार्दिक पांड्या ने विलियम्सन का कैच लपक लिया.


न्यूज़ीलैंड की टीम 59 रन पर तीसरा विकेट खो बैठी. इसके बाद लैथम और टेलर में एक साझेदारी हुई लेकिन वो रन गति के लिहाज से टीम के काम नहीं आई. हार्दिक पांड्या ने जब गेंद थामी तो भी कमाल किया. उन्होंने कीवियों का मध्यक्रम संभलने ही नहीं दिया. पहले निकोलस और फिर सैंटनर को दिनेश कार्तिक के हाथों कैच कराके हार्दिक पांड्या ने गेंदबाजी में भी शानदार वापसी की. खास बात ये रही कि वो टीम इंडिया के सबसे किफायती गेंदबाज भी रहे. हार्दिक पांडया ने 10 ओवर में 4.5 की इकॉनमी से 45 रन देकर 2 विकेट लिए.


क्यों टीम इंडिया की जरूरत है हार्दिक पांड्या


हार्दिक पांड्या को ऑस्ट्रेलिया के दौरे से बीच में ही वापस बुला लिया गया था. उनकी अनुपस्थिति में टीम इंडिया ने तीन वनडे मैच खेले. तीनों ही मैचों मे विराट कोहली को हार्दिक पांड्या की कमी जबरदस्त खली. उन्होंने तीनों मैच में एक एक तेज गेंदबाज को आजमाया. लेकिन तीनों ही नए तेज गेंदबाज अपना असर छोड़ने में नाकाम रहे. खलील अहमद, मोहम्मद सिराज और विजय शंकर को विराट कोहली ने एक एक मैच में मौका दिया था.


तीनों गेंदबाज महंगे साबित हुए थे. स्पिन ऑलराउंडर में तो फिर भी विराट कोहली के पास विकल्प हैं लेकिन मौजूदा समय में हार्दिक पांड्या को छोड़कर उनके पास सीम ऑलराउंडर कोई नहीं है. हार्दिक पांड्या मैदान में वापसी कर चुके हैं. उन्होंने खुद को एक बार फिर एक बेहतर खिलाड़ी के तौर पर साबित भी किया है. अब सवाल सिर्फ उस नाराजगी का है जो क्रिकेट फैंस को उनसे है. वो नाराजगी वक्त के साथ ही जाएगी. बशर्ते पांड्या यूं ही अच्छा प्रदर्शन करते रहें और खुद को किसी नए विवाद से बिल्कुल दूर रखें.