सिर्फ 12 टेस्ट मैच में दुनिया भर के गेंदबाजों में नंबर 3 की जगह हासिल करना आसान नहीं है. लेकिन जसप्रीत बुमराह ने यही मुकाम हासिल किया है. वो आईसीसी की ताजा रैंकिंग्स में नंबर तीन टेस्ट गेंदबाज हैं. वनडे फॉर्मेट में वो नंबर एक की पोजीशन पर पहले से ही काबिज हैं. आपको जानकर ताज्जुब होगा कि पिछले साल जनवरी में जब बुमराह ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का आगाज किया तो वो टेस्ट रैंकिंग्स में 85वें नंबर के गेंदबाज थे.


इसके बाद अगले ही टेस्ट मैच में वो 67वीं पायदान पर पहुंच गए. तीसरे टेस्ट मैच में वो टॉप 50 गेंदबाजों में शामिल हो गए. अब सिर्फ 12वें टेस्ट मैच के बाद वो दुनिया के नंबर तीन टेस्ट गेंदबाज बन गए हैं. विराट कोहली जैसे दिग्गज बल्लेबाज जसप्रीत बुमराह के लिए कहते हैं- “बुमराह के बारे में आप ज्यादा क्या कह सकते हैं . हम खुशकिस्मत हैं कि वो हमारी टीम में हैं . जब बुमराह लय में होते हैं तो वो क्या कर सकते हैं,हम सब देख चुके हैं स्लिप में खड़े होने के दौरान बतौर बल्लेबाज आप महसूस करते हैं कि बुमराह का सामना करने वाले बल्लेबाज का क्या हाल होता है . फिलहाल वर्ल्ड क्रिकेट में उनसे अच्छा कोई नहीं है”.


जमैका टेस्ट की पहली पारी में बुमराह ने जिस अंदाज में अपनी हैट्रिक पूरी की वो लम्हा देखने लायक था. जिस वेस्टइंडीज में कभी भारतीय बल्लेबाज लुटते पिटते दिखते थे उसी वेस्टइंडीज में जसप्रीत बुमराह का कहर देखने को मिलता है. आप ये भी कह सकते हैं कि अब वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों में पहले जैसा दम नहीं लेकिन आप ये कहकर भारतीय तेज गेंदबाजों का ‘क्रेडिट’ नहीं छीन सकते हैं क्योंकि पिछले तमाम दशक में ऐसी घातक तेज गेंदबाजी यूनिट भारत के पास थी भी नहीं.


इन सारी खूबियों की वजह से ही बुमराह आज दुनिया के सबसे सफल गेंदबाजों में शुमार हैं. बुमराह ने अबतक खेले गए 12 टेस्ट मैचों में कुल 62 विकेट अपने नाम किए हैं. वेस्टइंडीज के खिलाफ उसी के घर में एक पारी में 5 विकेट लेने वाले वो इकलौते एशियाई गेंदबाज हैं. बुमराह के टेस्ट डेब्यू के बाद से टीम इंडिया ने विदेशी धरती पर 14 में से 6 टेस्ट मैच जीते हैं. इसमें बुमराह ने 45 विकेट अपने नाम किए. जो उनकी काबिलियत को बताता है. बुमराह की अगुवाई में इन 6 मैचों में भारतीय पेस अटैक ने 84 फीसदी विकेट अपने नाम किए हैं. बुमराह का बॉलिंग एक्शन कई बार बल्लेबाजों के लिए मुश्किल बन जाता है.


बुमराह ओपन चेस्ट बॉलर हैं. जिसकी वजह से उनको एक क्रीज पर एक स्वाभाविक एंगल मिलता है. बुमराह खतरनाक ‘इनकटर’ फेंकते हैं. अपने स्लिंग आर्म एक्शन की वजह से पहले उनके पास आउट स्विंग गेंद नहीं थी. अब उनके तरकश में आउटस्विंग का तीर भी शामिल हो चुका है. लिहाजा वो पहले से ज्यादा पैनी गेंदबाजी करते हैं. बुमराह की यॉर्कर फिलहाल दुनिया में सबसे खतरनाक मानी जाती है और वो स्लो डिलिवरी का भी बखूबी इस्तेमाल करते हैं. लिहाजा विराट कोहली जब कहते हैं कि फिलहाल वर्ल्ड क्रिकेट में बुमराह से बेहतर कोई नहीं तो उनकी बात में काफी दम है.


आप सोचकर देखिए कि जिस खिलाड़ी को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अभी दो साल भी पूरे नहीं हुए हैं उसे गेंदबाजी यूनिट का कप्तान माना जाता है. टीम इंडिया के खिलाड़ी ये बात खुलकर कहते हैं कि मौजूदा समय में बल्लेबाजी में जो रोल विराट कोहली का है, गेंदबाजी में वही रोल जसप्रीत बुमराह का है. पहले टेस्ट मैच में शानदार गेंदबाजी करने वाले ईशांत शर्मा ने भी अपनी सफलता में बुमराह के सुझावों को ‘क्रेडिट’ दिया था. ईशांत शर्मा को टेस्ट क्रिकेट में एक दशक से ज्यादा का तजुर्बा है लेकिन बुमराह की सलाह आज उनके काम भी आती है. धोनी जब टीम इंडिया के कप्तान थे तो उन्होंने एक परंपरा शुरू की थी. उन्होंने जहीर खान को गेंदबाजी यूनिट का लीडर बना दिया था. टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों को नेट्स से लेकर मैच में संभालने और संवारने का काम जहीर खान किया करते थे. अब जसप्रीत बुमराह उसी रोल में हैं.