विराट कोहली की अगुवाई में टीम इंडिया श्रीलंका के दौरे पर है. तमाम विवाद के बाद विराट कोहली को उनकी पसंद का कोच और कोच को उनकी पसंद का ‘सपोर्ट स्टाफ’ मिल चुका है. जाहिर है अब मैदान में प्रदर्शन का वक्त है. विराट कोहली और रवि शास्त्री की जोड़ी सही मायनों में श्रीलंका में ही बनी थी.


दरअसल ऑस्ट्रेलिया के दौरे में धोनी के कप्तानी छोड़ने के बाद विराट कोहली ने श्रीलंका से ही टीम की ‘फुलटाइम’ कप्तानी संभाली थी. उसी दौरान रवि शास्त्री को भी टीम डायरेक्टर के तौर पर चुना गया था. उस दौरे के बाद विराट कोहली एक बार फिर टीम के साथ श्रीलंका में हैं. विराट कोहली और पूरी टीम की परेशानी श्रीलंका का वो गेंदबाज है, जिसने पिछले दौरे में टीम इंडिया को परेशान किया था. उस गेंदबाज का नाम है रंगना हेराथ.



हेराथ चालीस की उम्र में पूरे करने वाले हैं 400 विकेट


रंगना हेराथ की उम्र 39 साल 124 दिन है. टेस्ट क्रिकेट में उन्हें 18 साल का तजुर्बा है. वो अब तक 384 टेस्ट विकेट ले चुके हैं. इस सीरीज में भारतीय टीम को 3 टेस्ट मैच खेलने हैं. ऐसे में निश्चित तौर पर उनका लक्ष्य होगा कि इस सीरीज में वो अपने इस सपने को पूरा करें.


दिलचस्प बात ये है कि जब तक मुथैया मुरलीधरन टीम में थे तब तक रंगना हेराथ हमेशा ‘सेकंड लाइन अप’  के गेंदबाजों में रहे. उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन 2010 में मुथैया मुरलीधरन के बाद बतौर स्पिनर रंगना हेराथ श्रीलंका की टीम की पहली पसंद बनते चले गए.


इसके अगले ही साल श्रीलंका की टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर थी. जहां रंगना हेराथ के करिश्माई स्पेल की बदौलत श्रीलंका ने दक्षिण अफ्रीका में अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज की. उस टेस्ट मैच में रंगना हेराथ ने 128 रन देकर 9 विकेट झटके थे.


इसके बाद रंगना हेराथ मैच दर मैच अनुभव बटोरते गए और विरोधी टीमों को परेशान करते रहे. 40 की उम्र में खुद को मैच के लिए कैसे तैयार करना है इसकी चुनौती को समझने के लिए बस इतना जान लीजिए कि मुथैया मुरलीधरन जैसे चैंपियन खिलाड़ी ने करीब 35-36 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, लेकिन रंगना हेराथ इसी उम्र के बाद और ज्यादा खतरनाक होते चले गए.



रंगना हेराथ से क्यों घबराती है टीम इंडिया


दरअसल 2015 में भारतीय टीम गॉल टेस्ट मैच खेल रही थी. आर अश्विन की शानदार गेंदबाजी के दम पर टीम इंडिया ने श्रीलंका को पहली पारी में 183 रन पर समेट दिया. जबकि पहली पारी में भारतीय टीम ने 375 रन बनाए थे. इसमें विराट कोहली और शिखर धवन का शतक शामिल था. करीब दो सौ रनों की बढ़त भारतीय टीम के पास थी. टेस्ट में जबरदस्त पकड़ थी.


श्रीलंका की टीम दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी. आर अश्विन ने फिर 4 विकेट चटकाए. बावजूद इसके श्रीलंका की टीम दूसरी पारी में 367 का स्कोर खड़ा करने में कामयाब रही. इसमें चांदीमल की शानदार 162 रनों की नॉट आउट पारी शामिल थी. 367 रन बनाने के बाद भी पहली पारी के आधार पर मिली बढ़त के कारण भारतीय टीम के सामने चौथी पारी में पौने दो सो रनों के करीब का लक्ष्य था.


इस आसान से लक्ष्य को रंगना हेराथ ने असंभव सा बना दिया. उन्होंने आसान लक्ष्य की सोच को तोड़ दिया. भारतीय टीम जब दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी तो सिर्फ और सिर्फ मायूसी हाथ लगी. पूरी टीम सिर्फ 112 रन बनाकर पवेलियन लौट गई. आधी टीम तो दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाई.


पहली पारी के शतकवीर विराट कोहली और शिखर धवन का बल्ला नहीं चला. टीम के लिए सबसे ज्यादा 36 रन अजिंक्य रहाणे ने बनाए. इन सारी नाकामियों के पीछ की वजह थे रंगना हेराथ. जिन्होंने 7 खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा. दूसरी पारी में रंगना हेराथ ने 21 ओवर में 48 रन देकर 7 विकेट चटकाए थे.


अच्छी बात ये है कि इस टेस्ट मैच में अप्रत्याशित हार के बाद भी भारतीय टीम ने अगले टेस्ट मैच से सीरीज में वापसी की. अगले टेस्ट मैचों को जीत कर टीम इंडिया ने सीरीज पर कब्जा भी किया. बावजूद इसके दूध का जला छांछ भी फूंक फूंक कर पीता है की कहावत विराट कोहली ने सुन भी रखी है और देख भी रखी है. ऐसे में उनके सामने इस दौरे में रंगना हेराथ के खिलाफ सावधान रहने में ही भलाई है की रणनीति बेहतर होगी.