ये सच है कि खेल में हार जीत होती है. ये भी सच है कि दुनिया के किसी भी खेल में कोई भी खिलाड़ी हो वो मैदान में जीतने के इरादे के साथ ही उतरता है. इन बातों के बावजूद श्रीलंका की टीम का पिछले कुछ समय में जो हश्र दिख रहा है वो अफसोस के लायक है. टेस्ट सीरीज में बुरी तरह पिटने के बाद इस बात की उम्मीद थी कि फॉर्मेट बदलने के साथ शायद प्रदर्शन में कुछ फर्क आएगा लेकिन वन डे सीरीज का आगाज भी उसके लिए बहुत खराब रहा.


टीम इंडिया ने पहले वनडे मैच में श्रीलंका को 9 विकेट के बड़े अंतर से हराया. पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका की टीम 44वें ओवर में 216 रन बनाकर ऑलआउट हो गई. जवाब में भारत ने 29वें ओवर में ही सिर्फ एक विकेट खोकर जीत दर्ज कर ली. शिखर धवन और विराट कोहली ने आक्रामक बल्लेबाजी की. शिखर धवन ने शतक लगाया और विराट कोहली ने अर्धशतक. इन दोनों की बल्लेबाजी का स्ट्राइक रेट जबरदस्त रहा. शिखर ने करीब 147 और विराट ने करीब 118 की स्ट्राइक रेट से रन बनाया. ये प्रदर्शन इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि श्रीलंका के गेंदबाज पूरे मैच में बेअसर रहे.


सबसे बुरे दौर से गुजर रही है श्रीलंकाई टीम


श्रीलंका की टीम पिछले करीब तीन दशक के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. ये वही श्रीलंका की टीम है जिसने ऑस्ट्रेलिया को हराकर विश्व कप पर कब्जा किया था. ये वही श्रीलंका की टीम है जो 2007 और 2011 में विश्व कप के फाइनल तक पहुंची थी. ये वही श्रीलंका की टीम है जिसमें सनथ जयसूर्या, कालूवितरना, अर्जुन राणातुंगा, अरविंद डीसिल्वा, चामिंडा वास, मुथैया मुरलीधरन, कुमार संगाकारा, महेला जयवर्धने और लसिथ मलिंगा जैसे शानदार खिलाड़ी हुआ करते थे. जिस टीम को एशियाई क्रिकेट की बड़ी टीमों में हमेशा गिना जाता था. इस टीम का दबदबा इस बात से भी समझा जा सकता है कि जब दुनिया टी-20 क्रिकेट की दीवानी हुई तो श्रीलंका ने उस फॉर्मेट में भी कमाल किया. 2009 और 2012 में श्रीलंका की टीम टी-20 वर्ल्ड कप की रनर अप टीम रही. 2014 में उसने भारत को 6 विकेट से हराकर टी-20 वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा भी किया.


ये कामयाबियां पिछले तीन दशक में श्रीलंका की टीम की ताकत को बताने के लिए काफी हैं. आईपीएल में भी श्रीलंकाई खिलाड़ियों का प्रदर्शन अच्छा रहा है. वही श्रीलंका की टीम पिछले कुछ समय से बुरी तरह संघर्ष कर रही है. पिछले दिनों उसे जिम्बाब्वे की टीम से भी हार का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद कप्तान ने इस्तीफा दे दिया था.


श्रीलंका की खराब हालत का जिम्मेदार कौन


श्रीलंका की टीम इस वक्त ‘ट्रांजिशन’ से गुजर रही है. टीम में ‘क्वालिटी’ गेंदबाजों की कमी साफ दिखाई दे रही है. पूरी टेस्ट सीरीज में श्रीलंकाई गेंदबाज भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ बेदह कमजोर नजर आए. दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच में पारी की हार बताती है कि बल्लेबाजों के अलावा गेंदबाजों ने भी सही तरीके से जिम्मेदारी नहीं निभाई. पहले टेस्ट मैच को छोड़ दिया जाए तो दूसरे टेस्ट मैच में तो श्रीलंकाई गेंदबाज एक पारी में भी पूरी टीम इंडिया को आउट नहीं कर पाए.


आपको याद दिला दें कि दूसरे टेस्ट मैच में भारत ने 622 रन पर 9 विकेट के स्कोर पर डिक्लेयर किया था. कुल मिलाकर श्रीलंका के गेंदबाज तीनों टेस्ट मैच में मिलाकर 32 विकेट ही ले सके. वो भी अपनी पिचों पर, जो उनकी शर्मनाक हार का कारण बना. टीम की इस दुर्गति में निश्चित तौर पर वहां के बोर्ड का गैर पेशेवर रवैया है. श्रीलंका में घरेलू क्रिकेट की हालत अच्छी नहीं है. इन सारी बातों का कई बड़े नुकसान हैं. अव्वल तो एशियाई क्रिकेट की हालत खराब हो रही है और सबसे बड़ा नुकसान उन बेचारे क्रिकेट फैंस का है जो टिकट लेकर मैदान में मैच देखने जाते हैं और एकतरफा मुकाबले में अपनी घरेलू टीम को हारता देखकर लौटते हैं.