इराक और सीरिया में तबाही मचाने वाले दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन ISIS के निशाने पर अब भारत के शीर्ष नेता भी आ गये हैं. रूस की सुरक्षा एजेंसी ने एक आत्मघाती हमलावर (Suicide Bomber) को पकड़ने के बाद ये दावा किया है वह भारत सरकार के एक ताकतवर नेता के ख़िलाफ़ आतंकी हमले की योजना बना रहा था.

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हालांकि रूस की एजेंसी संघीय सुरक्षा सेवा (FSB) ने भारत के किसी नेता के नाम का खुलासा नहीं किया है. इस आतंकी के पकड़े जाने से ये तो साफ हो गया है कि आईएसआईएस भारत में किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने का मंसूबा पाले बैठा है, जो हमारी खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरे की किसी बड़ी घंटी से कम नहीं है.

रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक (Sputnik) के मुताबिक दाएश का यह आतंकी भारत के एलीट नेतृत्व के एक सदस्य के खिलाफ हमले की योजना बना रहा था. एफएसबी के अधिकारियों ने बताया कि यह फिदायीन मध्य एशिया के एक देश का मूल निवासी है. समाचार एजेंसी स्पुतनिक के मुताबिक आरंभिक पूछताछ में इस आतंकी ने कबूला है कि उसने भारत के एक शीर्ष नेता को निशाना बनाने की साजिश रची थी. उसने यह भी बताया कि आईएस भारत में हमले की साजिश रच रहा है.

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दरअसल, पकड़ा गया आतंकी रूस होते हुए भारत आने वाला था. एफएसबी के अनुसार वह अप्रैल से जून तक तुर्की में था और उसने वहां आतंकवाद की ट्रेनिंग ली थी. उसे पहले रूस भेजा गया और वहां से भारत भेजने की तैयारी थी. रूसी सुरक्षा एजेंसी ने बताया कि इस आतंकी ने भारत के सत्तारूढ़ दल (बीजेपी) के एक नेता की हत्या के लिए खुद को विस्फोटक से उड़ाने की योजना बनाई थी. उसे आईएस के एक शीर्ष नेता ने 'सुसाइड बॉम्बर' के रूप में तुर्की में अपने संगठन में भर्ती किया था.

रूसी सुरक्षा एजेंसी ने इस आतंकी का नाम फिलहाल उजागर नहीं किया है. बताया गया है कि वह सोशल नेटवर्किंग साइट 'टेलीग्राम' के जरिए वैश्विक आतंकी संगठन से जुड़ा था. आईएस से जुड़ने के बाद उसने आतंकी संगठन के प्रति वफादारी निभाने की कसम खाई थी. इसके बाद आईएस ने उसे आत्मघाती हमले की ट्रेनिंग दी और मॉस्को से उसे भारत भेजने की व्यवस्था की गई थी.

बता दें कि आईएसआईएस को दाएश, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट या इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया के नाम से भी जाना जाता है. 2013 में यह आतंकी संगठन अस्तित्व में आया था. यह दुनिया का सबसे खूंखार और अमीर आतंकी संगठन माना जाता है. इसका बजट दो अरब डॉलर का बताया जाता है. 2014 में इसने अपने मुखिया अबु बक्र अल बगदादी को दुनिया के सभी मुसलमानों का खलीफा घोषित किया था. इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर इस आतंकी संगठन का कब्जा माना जाता है.  इन जगहों पर आतंकी संगठन पुराना इस्लामी कानून चलाता है.

आईएस को गैर कानूनी गतिविधि निवारक कानून की धारा 1967 की प्रथम अनसूची के तहत प्रतिबंधित किया गया है. गृह मंत्रालय के अनुसार आईएस इंटरनेट आधारित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों के जरिए अपनी विचारधारा का प्रचार प्रसार कर रहा है, इसलिए सुरक्षा एजेंसियां इन पर लगातार नजर रख रही है.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.