2013 का साल था. 13 साल के एक लड़के को तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से ‘बेस्ट स्कूल क्रिकेटर’ का अवॉर्ड दिया गया. उस बच्चे के पिता भी क्रिकेटर थे. उन्होंने भी तमिलनाडु के लिए रणजी ट्रॉफी कैंप तक का सफर तय किया था हालांकि वो रणजी ट्रॉफी खेल नहीं पाए थे. लोगों की जिज्ञासा उस बच्चे के नाम को लेकर थी, उस बच्चे का नाम था भी कुछ अलग सा. वो जिज्ञासा अब भी बनी हुई है. मुंबई के खिलाफ मंगलवार को पुणे की जीत के हीरो रहे वाशिंगटन सुंदर के नाम को लेकर अब भी जिज्ञासा है.


मंगलवार को वाशिंगटन सुंदर की शानदार गेंदबाजी की बदौलत पुणे ने मुंबई को 20 रनों से हराकर आईपीएल के फाइनल में जगह पक्की कर ली. आईपीएल का फाइनल 21 मई को हैदराबाद में खेला जाएगा. हालांकि अब भी आम क्रिकेट प्रेमियों की जिज्ञासा यही थी कि आखिर ये कैसा नाम हुआ? दरअसल, इस नाम की एक कहानी है.

मुंबई के खिलाफ मैच में मैन ऑफ द मैच रहे वाशिंगटन सुंदर के पिता का नाम एम सुंदर है. वाशिंगटन के पिता एम सुंदर पीडी वाशिंगटन को अपना मेंटॉर मानते थे. ऐसा इसलिए था क्योंकि पीडी वाशिंगटन सुंदर की फीस भरने से लेकर उन्हें क्रिकेट बैट देने तक की मदद कर चुके थे. ये उस वक्त की बात है जब एम सुंदर पिता बनने वाले थे. अचानक एक रोज उनके मेंटॉर पीडी वाशिंगटन का निधन हो गया. एम सुंदर के लिए ये एक बड़ा झटका था. कुछ रोज बाद एम सुंदर के परिवार में एक लड़के ने जन्म लिया. अपने गुरू को याद करते हुए एम सुंदर ने अपने बेटे का नाम ही रख दिया- वाशिंगटन सुंदर. पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए वाशिंगटन का दिल भी क्रिकेट में ही लगा रहता था.

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2016 में उन्हें अंडर 19 विश्व कप की टीम में चुना गया. आईपीएल के इसी सीजन में अपनी एक पारी से धूम मचाने वाले ऋषभ पंत भी उसी टीम का हिस्सा थे. बांग्लादेश में खेले गए गए उस टूर्नामेंट में वाशिंगटन का प्रदर्शन अच्छा रहा. इसके बाद श्रीलंका में खेली गई एक सीरीज में भी उनके बल्ले से रन निकले. एक कहानी ये भी है कि दरअसल वाशिंगटन सुंदर पहले सिर्फ बल्लेबाज ही बनना चाहते थे.

दरअसल ऐसी कहानी है वाशिंगटन सुंदर के पिता एम सुंदर और भारत के पूर्व बल्लेबाज डब्लूवी रमन साथ साथ पढ़े और खेले थे. जाहिर है घर में बल्लेबाजी को लेकर ज्यादा चर्चा होती थी. ऐसे में वाशिंगटन सुंदर का पहला लक्ष्य एक बल्लेबाज बनना ही था. आज भी अगर किसी मैच में वाशिंगटन गलत शॉट खेलकर आउट हो जाते हैं तो उन्हें पिता से डांट खानी पड़ती है. बाद में धीरे धीरे वो स्पिन गेंदबाजी की तरफ भी आए और उन्होंने ऑफ स्पिन करनी शुरू की. वाशिंगटन सुंदर घरेलू क्रिकेट में तमिलनाडु के लिए पारी की शुरूआत भी करते रहे हैं.

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आईपीएल के इस सीजन में भी उनकी किस्मत तब खुली जब आर अश्विन पूरे सीजन के लिए टीम से बाहर हो गए. आर अश्विन के बाहर होने के बाद टीम मैनेजमेंट ने वाशिंगटन सुंदर को टीम में शामिल किया. वाशिंगटन सुंदर का प्रदर्शन ऐसे मैच में सामने आया जब उनकी टीम को उसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. मुंबई के खिलाफ मिली जीत में धौनी के साथ साथ उनका योगदान गजब रहा. वाशिंगटन सुंदर ने 4 ओवर में सिर्फ 16 रन देकर 3 विकेट लिए. इसमें छठे ओवर में ही रोहित शर्मा और अंबाती रायडू के दो विकेट शामिल हैं जिसके बाद मुंबई की टीम संभल नहीं पाई. कीरॉन पोलॉर्ड एक बल्लेबाज थे जो पुणे के लिए खतरा बन सकते थे. उन्हें भी वाशिंगटन ने स्मिथ के हाथों कैच करा दिया. वाशिंगटन सुंदर को इस शानदार स्पेल के लिए मैन ऑफ द मैच भी चुना गया.

वाशिंगटन सुंदर की बहन एमएस शैलजा भी तमिलनाडु के लिए क्रिकेट खेल चुकी हैं. वो चर्चा में तब आई थी जब उन्होंने इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए स्पोर्ट्स कोटा लगाया था. स्पोर्ट्स कोटा लगाने के बाद भी कुछ वजहों से उन्हें तमिलनाडु इंजीनियरिंग एडमिशन में 2009 में प्रवेश नहीं मिला. इससे नाराज होकर उन्होंने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था.