Charanjit Singh Channi: पंजाब में वोटिंग (Punjab Election 2022) से महज चार दिन पहले सूबे के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के खिलाफ बयान देकर नया विवाद छेड़ दिया है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि उनके इस बयान पर प्रियंका गांधी ताली बजाते हुए उनकी तारीफ करती हुई दिखीं, जो कि खुद यूपी की ही बहू हैं. हालांकि चन्नी ने सोची-समझी रणनीति के तहत ऐसा बयान देकर मूलतः पंजाब में ही जन्में वोटरों को गोलबंद करने की कोशिश की है .लेकिन कांग्रेस को पंजाबी बनाम बाहरी का ये कार्ड खेलना भारी पड़ सकता है.


वैसे कांग्रेस को ये अहसास हो चुका है कि राज्य में बसे यूपी और बिहार के प्रवासियों के बीच आम आदमी पार्टी ने अपनी जमीन मजबूत बना ली है. लेकिन सीएम चन्नी का बयान संविधान की भावना के खिलाफ होने के साथ ही एक-दूसरे राज्यों के लोगों के बीच वैमनस्य पैदा करने वाला भी है, इसीलिये उनके इस बयान की चौतरफा निंदा हो रही है. हालांकि इस बयान पर चुनाव आयोग चन्नी को नोटिस देकर उनसे जवाब भी तलब कर सकता है. 


विपक्षी दलों के निशाने पर चन्नी और प्रियंका 
दरअसल,15 फरवरी को प्रियंका गांधी पंजाब के रूपनगर में चुनाव प्रचार करने पहुंची थीं. उसी रैली में चन्नी को कुछ ऐसा जोश आया कि वे प्रियंका की तारीफ़ में कसीदे पढ़ते हुए यूपी और बिहार के लोगों के खिलाफ ऐसी गलतबयानी कर गए, जिसका कांग्रेस को फायदा कम और नुकसान ज्यादा होने के आसार हैं. सीएम चन्नी ने कहा, "पंजाबियों की बहू हैं प्रियंका गांधी... पंजाबन हैं, पंजाबियों की बहू हैं, पूरी ताकत के साथ एक तरफ हो जाओ पंजाबियों... यूपी के, बिहार के, दिल्ली के भइया जो पंजाब में आकर राज करना चाहते हैं उन्हें घुसने नहीं देंगे." उनकी इस बात पर नारे लगने लगे, लेकिन खुद प्रियंका गांधी हाथ उठाकर ताली बजाने लगीं, जिसे किसी भी तरह से जायज़ नहीं ठहराया जा सकता.
चन्नी के इस बयान पर विवाद तो खड़ा होना ही था.  बीजेपी नेताओं और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस पर हमला करने का मौका मिल गया. केजरीवाल ने कहा कि, "चन्नी जी, आपने ये जो बिहार, यूपी और दिल्ली के लोगों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है, मैं इसकी निंदा करता हूं. हर पूर्वांचली पंजाब को प्यार करता है, लेकिन आपकी इस छोटी सोच के बाद ये सवाल उठता है कि उत्तर प्रदेश में आपकी प्रियंका दीदी कैसे प्रचार करेंगी? कैसे यूपी में वोट मांगेंगी? प्रियंका गांधी भी यूपी से ताल्लुक रखती हैं तो वह भी एक 'भइया' हुईं. ये कांग्रेस की वही सोच है कि फूट डालो और राज करो."


चरणजीत सिंह चन्नी के बयान पर बीजेपी के उम्मीदवार और पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया ने कहा कि प्रवासी लोगों को सीएम चन्नी ने यूपी, बिहार और दिल्ली वाला भैया बोलकर बचकाना और बेवकूफ़ी भरा बयान दिया है. हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. कालिया ने आगे कहा कि पंजाब के सिख समुदाय के लोग बाकी राज्यों में भी रहते हैं और अगर सभी राज्य के मुख्यमंत्री ऐसा करने लग जाएं तो हिंदुस्तान का क्या होगा. अगर पंजाब में ऐसा हुआ तो बाकी और राज्यों में भी सिख समुदाय के लोगों को निकाला जाएगा. पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भी चन्नी के बयान को शर्मनाक बताया है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी अपने ट्वीट में लिखा, 'मंच से पंजाब के मुख्यमंत्री यूपी, बिहार वालों को अपमानित करते हैं और प्रियंका वाड्रा बगल में खड़े होकर हंस रही हैं, तालियां बजा रही हैं…ऐसे करेगी कांग्रेस यूपी और देश का विकास? लोगों को आपस में लड़ा कर?'


चन्नी के मंत्री को देनी पड़ी सफाई 
हालांकि विवाद बढ़ने के बाद पंजाब सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर परगट सिंह (Pargat Singh) को सीएम चन्नी के बचाव में सामने आना पड़ा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसी और लहजे में ऐसा कहा होगा. परगट सिंह ने कहा कि पंजाब में जब कोई आता है तो उसका स्वागत किया जाता है और उन्होंने यह भी माना कि पॉलिटिकल एंगल से ही सीएम ने इस बात को कहा है. परगट सिंह ने कहा कि चन्नी के कहने का मतलब ये था कि पंजाब से बाहर से आकर हमें जो लोग पॉलिटिक्स सिखाते हैं उनके लिए दरवाजे बंद कर दिए जाने चाहिए.  गौर करने वाली बात ये है कि पंजाब में यूपी व बिहार के प्रवासी मजदूरों की खासी संख्या है, जो वहां के उद्योगों के अलावा बड़ी संख्या में खेतों में भी मजदूरी करते हैं. आम आदमी पार्टी उन्हें अपना सबसे मजबूत वोट बैंक मान रही है और कांग्रेस को यही खतरा सता रहा है. इसीलिये स्थानीय पंजाबियों का ध्रुवीकरण करने के लिए चन्नी ने ऐसा बयान दिया. लेकिन सवाल ये है कि इससे कांग्रेस की नैया डूबेगी या फिर पार लगेगी?


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