पंछी, नदिया..पवन के झोंके, कोई सरहद ना इन्हें रोके, 


सरहद इंसानों के लिए है, सोचो मैंने और तुमने क्या पाया इंसां होके? 


-एक हिंदी फिल्म आयी थी- रिफ्यूजी. उसी के एक सुपरहिट गाने की ये दो पंक्तियां ऊपर लिखी हैं. इसलिए कि सीमा हैदर की कहानी भी पूरी फिल्मी है. पाकिस्तान में चार बच्चों की मां और भरे-पूरे परिवार की सीमा को हिंदुस्तान के ग्रेटर नोएडा में रहनेवाले सचिन से प्यार हुआ और वह उड़ चलीं. पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते न केवल भारत में घुसीं, बल्कि शादी भी कर ली. हैरान करनेवाली बात यह है कि वह अपनी चारों संतानों को भी लेकर आयीं और वह कई दिनों तक बेखौफ रही भीं, पुलिस ने भी उन्हें हाल में पकड़ा. फिलहाल, कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ सचिन और सीमा को राहत तो दे दी है, लेकिन सोशल मीडिया से लेकर सड़कों और चौबारों तक इस प्रेम-कहानी के चर्चे हैं. वैसे, कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह हमारी सुरक्षा एजेंसियों की विफलता है और सीमा की सख्ती से जांच की जानी चाहिए, क्योंकि वह एक दुश्मन-देश पाकिस्तान से आयी हैं. वह एक जासूस भी हो सकती हैं. 


सुरक्षा बलों का है फेल्योर


बिना वीजा और पासपोर्ट के अगर वह आ गयी हैं, तो यह हमारे सुरक्षा बलों का, हमारी इंटेलिजेंस का फेल्योर माना जाएगा. उनके पास पासपोर्ट तक नहीं है, न ही नागरिकता के लिए जो 'नैचुरलाइजेशन' की प्रक्रिया है, वह भी छह साल की है. वह भी पूरा नहीं हुआ है. न ही नागरिकता के लिए आवेदन दिया है. केवल हिंदुस्तानी से शादी कर लेने से तो नागरिकता नहीं मिल जाती है. अगर कोई शुरू से ही गैर-कानूनी ढंग से भारत में घुसा है, तो उसको डिपोर्ट किया जाएगा. खासकर, अगर पाकिस्तान जैसे शत्रु-देश से कोई घुस आता है, तो उसको तो तत्काल ही डिपोर्ट करना पड़ेगा. वह नेपाल के रास्ते होते हुए भारत आयी हैं. यह बहुत बड़ा सुरक्षा का मसला है. एक तकरीबन अनपढ़ महिला इतनी दूरी और दो देशों को फलांग कर आ गयी है, तो जो मॉड्यूल्स हैं, जो आतंकी तत्व हैं, वे कितनी आसानी से घुस जाएंगे, यह सोचने की बात है. सरकार पहले तो तुरंत इनको अरेस्ट करे, फिर इनकी ढंग से विवेचना हो, जांच-पड़ताल हो कि ये जासूस हैं कि नहीं हैं, उसके बाद डिपोर्टेशन की प्रक्रिया को तुरंत शुरू कर देना चाहिए. 



नहीं चलता मुहब्बत से कानून


कानून का मुहब्बत से वास्ता नहीं है, वह इश्क से नहीं चलता है. कानून बस तथ्य देखता है और उसके बिना पर कार्रवाई करता है. आप गैर-कानूनी ढंग से भारत में घुसे हैं, तो कार्रवाई होगी, यह कानून कहता है. एक शादीशुदा औरत अगर किसी दूसरे मर्द से शादी कर लेती है, तो भारत में वह गैर-कानूनी है, चाहे वह हिंदू धर्म में हो या इस्लाम में हो. इनकी दूसरी शादी तो खुद ही गैर-कानूनी है, तो उसका कोई महत्व नहीं है, वह तो खुद ही बेमानी हो गयी. जहां तक काउंसुलेट-एक्सेस की बात है तो वह तो सरकार पर निर्भर करता है कि वह क्या फैसला लेती है, वह कैसे इस पूरे मसले को देख रही है. हम कई अंतरराष्ट्रीय संधियों और बंधनों से भी बंधे हैं, तो इंटरनेशनल कन्वेंशन तो ये कहता है कि काउंसिल-एक्सेस देना चाहिए, तो हो सकता है कि वह उनको मिल भी जाए. हालांकि, पहला तरीका तो यही है कि इनको हिरासत में लेकर तत्काल इनकी कड़ी विवेचना की जाए, ताकि यह पता चल सके कि असल मसला क्या है? कहीं पाकिस्तान की तरफ से हमारी आंखों में धूल झोंकने की कोशिश तो नहीं है, कहीं वह पाकिस्तानी जासूस तो नहीं हैं? हमें इस मामले की तह तक पहले पहुंचना चाहिए. 



सीमा पर उठते हैं कई सवाल


सीमा ने हद और सरहद दोनों पार कर दी है. सवाल कई सारे हैं. जैसे, उनके चार बच्चे हैं, सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आपको यह वक्त कैसे मिल जाता था कि वह लगातार पबजी खेलती थीं, फिर उन्होंने अपने तमाम बेटों की जान भी खतरे में डाल दी. अब इसे प्यार कहें, कुछ और कहें या हिंदुस्तान पहुंचने की साजिश कहें, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा. हालांकि, मेरा मानना है कि यह तो हिंदुस्तान पहुंचने की ही साजिश है, और कुछ नहीं है. यह हमारी सेक्योरिटी-एजेंसीज की भयंकर असफलता है. सीमा और उन जैसी तमाम महिलाओं-पुरुषों को रोकना उनकी ड्यूटी है, उनका कर्तव्य है. जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, एक आधी-अधूरी या कम पढ़ी-लिखी औरत इतनी आसानी से नेपाल के रास्ते भारत न केवल आ जाती है, बल्कि शादी भी कर लेती है, रहने भी लगती है तो यह सिवाय भयानक असफलता के और क्या कहा जा सकता है? हमारी लोकल इंटेलिजेंस यूनिट क्या कर रही थीं, हमारी सीमाओं पर क्या हो रहा है और हमारे तमाम इंटेलिजेंसवाले कहां थे? ये सारे बहुत सीरियस सवाल उठते हैं. 


[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]