Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान के आर्थिक हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, लोग महंगाई से परेशान हैं और सरकार को कोस रहे हैं. आलम ये है कि अब खाने के भी लाले पड़ने शुरू हो गए हैं. महंगाई से परेशान लोगों की जेब तो खाली हो ही चुकी है, लेकिन शहबाज शरीफ सरकार की जेब में भी ज्यादा कुछ नहीं बचा है. पाकिस्तान की चरमराती अर्थव्यवस्था को समझने के लिए हमने आर्यभट्ट कॉलेज में इकॉनोमिक्स की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ आस्था आहूजा से बात की. जिन्होंने बताया कि कैसे पाकिस्तान बड़े संकट से घिर चुका है और इससे निकल पाने में उसे कई साल लग जाएंगे. पढ़ें उनका ये पूरा आर्टिकल....


पाकिस्तान में आर्थिक संकट क्यों?
पाकिस्तान में जो इकॉनोमिक क्राइसिस है, उसका कारण भारत से उसके रिश्ते भी हैं. पाकिस्तान के रिश्ते अगर भारत से अच्छे होते तो उसकी ऐसी हालत नहीं होती. पिछले साल पाकिस्तान में जो बाढ़ ने तबाही मचाई थी, उससे फसलें पूरी तरह तबाह हो गई थीं. खासतौर पर प्याज और टमाटर की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं. जिसका असर ये हुआ कि उसके दाम बढ़ने लगे. भारत के साथ अगर डायरेक्ट ट्रेड होता तो पाकिस्तान को मदद मिल सकती थी. भारत वाघा बॉर्डर और अटारी बॉर्डर से सब्जियां भेज सकता था. 


इनफॉर्मल ट्रेड से हो रहा है नुकसान
पाकिस्तान ने भारत के साथ इंपोर्ट और एक्सपोर्ट अगस्त 2019 में बंद कर दिया था. इसके बाद 2 सितंबर 2019 को उन्होंने दो नोटिफिकेशन निकाले थे, जिनमें बताया गया कि फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट्स का ट्रेड जारी रहेगा. पाकिस्तान ने इंडिया के साथ ट्रेड को लेकर कई चीजें नेगेटिव लिस्ट में डाल दी थीं. इसका असर ये हुआ कि थर्ड कंट्री से पाकिस्तान को ट्रेड करना पड़ रहा है. अगर आपको प्याज और टमाटर चाहिए तो आप किसी तीसरे देश से उसे खरीदते हैं, उससे जनता पर महंगाई का बोझ पड़ता है. वहीं सरकार को इस इनफॉर्मल ट्रेड से रेवेन्यू नहीं मिलता है. जब सरकार को रेवेन्यू ही नहीं मिलेगा तो कैसे वो आर्थिक संकट से बाहर निकल सकती है. पाकिस्तान को इस इनफॉर्मल ट्रेड से बाहर निकलना होगा. 


बिना वैल्यू चेन के नहीं मिलेगी राहत
पाकिस्तान को मदद करने वाला एक ही देश है और वो है अमेरिका... हाल ही में एक रिपब्लिकन मेंबर ने कहा है कि पाकिस्तान मेजर नॉन नेटो अलाइ है, जिसे हर तरह से मदद दी जाती है. अमेरिका में भी अब कहा जा रहा है कि पाकिस्तान को इससे हटाया जाए. पाकिस्तान को यहां से भी झटका लग सकता है. इसीलिए आपके रिश्ते पड़ोसी देश के साथ ठीक होने चाहिए. दो देशों के बीच में वैल्यू चेन जैसे- ऑटोमोबाइल, गारमेंट्स, टेक्सटाइल... जब तक ये डेवलेप नहीं होती है तब तक सब चीजों पर असर पड़ता है. इसका सीधा असर रोजगार और ट्रेड पर पड़ता है, इसीलिए पूरी इकॉनोमी इससे प्रभावित होती है. 


भारत से कितनी अलग अर्थव्यवस्था
अगर भारत और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को देखें तो काफी बड़ा अंतर नजर आता है. हमारा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और सर्विस सेक्टर काफी ज्यादा ग्रो करता है. जहां तक पाकिस्तान की बात है वहां ऐसा कुछ नहीं दिखता है. पाक को अपने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करना चाहिए. इसके अलावा पाकिस्तान को सबसे पहले भारत के साथ रिश्तों को सुधारना चाहिए. साथ ही अपने टैरिफ रेट्स को कम करना चाहिए. 


पाकिस्तान में आम जनता पर महंगाई की मार पड़ रही है. क्योंकि पूरा देश कर्ज में डूब गया है, हमने पिछले दिनों श्रीलंका का हाल देखा था. पाकिस्तान को कर्ज लेने की बजाय अपनी इकॉनोमी को इंटरनली स्ट्रॉन्ग बनाना होगा. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी बुरे दौर से गुजर रही है, अभी अगर सही कदम नहीं उठाए गए तो इस संकट से निकलने में कई साल लग सकते हैं.