वर्तमान की केंद्र सरकार ने मुस्लिम समुदाय को सशक्त किया है. सरकार ने पसमांदा मुस्लिमों को सरकारी योजनाओं से सीधा फायदा पहुंचाया है. बिना किसी भेदभाव के मोदी सरकार की नीतियों का लाभ पसमांदा मुस्लिम समाज तक सीधे पहुंच रहा है. आजाद भारत में अभी तक किसी भी प्रधानमंत्री ने पसमांदा मुसलमानों की सुध नहीं ली. नरेंद्र मोदी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने पसमांदा मुसलमानों के दर्द को समझा और उनके राजनैतिक, सामाजिक व आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन को महसूस किया.

 

राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हुए पसमांदा मुसलमानों को सभी राजनीतिक दलों ने सिर्फ अपने फायदे के लिए वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल तो किया लेकिन पसमांदा मुसलमानों को उनके हाल पर छोड़ दिया. जब भी कुछ देने की बात आई तो मुस्लिम समाज के कुछ तथाकथित ठेकेदारों को रेवड़ी खिला कर इन पसमांदा मुसलमानों को इनके मूल मुद्दों से भटकाने का काम किया. भाजपा ही सच्चे अर्थों में पसमांदा मुसलमानों की हितैषी साबित हुई है. भाजपा ने अपनी योजनाओं के माध्यम से पसमांदा मुस्लिम समाज का आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक विकास बिना किसी भेद भाव और बिना तुष्टीकरण किए किया है.

 


सरकार की आवास योजना, आयुष्मान योजना, किसान सम्मान निधि योजना जैसी अनेकों योजनाओं से देश के दलित, शोषित, पीड़ित, गरीब मजदूर किसानों के साथ- साथ भारतीय मूल का पसमांदा मुसलमान को भी योजना से लाभान्वित कराया गया है. आजादी के बाद  75 साल मे पसमांदा मुसलमान हाशिये पर आ चुका था. सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ इस समाज तक पहुंचना शुरू हुआ है तब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पसमांदा समाज का भरोसा और गहरा हुआ है. आजादी के बाद से पिछले 70 साल में देश व प्रदेशों में कांग्रेस, सपा, बसपा समेत अन्य तथाकथित सेक्युलर विपक्षी दलों ने पसमांदा मुस्लिमों को गुमराह किया है. इन दलों ने अपने फायदे के लिए मुस्लिम समाज का भरपूर इस्तेमाल किया है. सिर्फ वोट बटोरने के लिए मुस्लिम समाज को गुमराह किया जाता है. अब सही समय है कि अपने खोए हुए राजनैतिक सम्मान को वापस लाने, पिछड़ेपन को दूर करने , शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ा जाए.

 

बिना किसी भेदभाव का विकास 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की डबल इंजन की सरकारों ने बिना भेदभाव किए सबका साथ सबका विकास का नारा साकार करते हुए काम किया है. पिछड़े मुस्लिम समाज को सभी योजनाओं का लाभ पहुंचाते हुए उनके पिछड़ेपन को दूर करने का काम किया है. पसमांदा मुस्लिम समाज को अब किसी विपक्षी दल के बहकावे में नहीं आना है. ये पार्टियां सिर्फ़ गुमराह करके अपने फायदे के लिए सिर्फ मुस्लिम समाज का इस्तेमाल करते हैं, और अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं. ये दल कभी भी पसमांदा मुस्लिम समाज के पिछड़ेपन को दूर नहीं कर सकते.

 

 इन दलों को सिर्फ पसमांदा समाज की वोट चाहिए उसके बाद पसमांदा मुस्लिम समाज को भूल जाते हैं. मोदी सरकार ने बिना भेदभाव के मुस्लिम समाज को मुफ्त राशन, मुफ्त घर, मुफ्त शौचालय और पांच लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी है. अब पसमांदा मुस्लिम समाज की भी जिम्मेदारी बनती है कि जिस तरह बिना भेदभाव के सरकार में पसमांदा मुसलमानों को हिस्सेदारी दी है,सरकार की सभी योजनाओं का लाभ दिया है, उसी तरह पसमांदा मुस्लिम समाज को भी आने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने का काम करना होगा.  देश का पसमांदा मुसलमान आज मोदी के साथ खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा. अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को लाभ पहुंचाने का काम मोदी सरकार जिम्मेदारी के साथ पूरा कर रही है.

 

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बढ़ रही है साख 

 

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत व भारतीयों की पहचान की साख बढ़ते जा रही है. आज जिस तरह से हिंदुस्तान के बाहर दूसरे मुल्कों में हिंदुस्तान के व्यक्तियों को इज्जत व सम्मान की नजर से देखा जाता है. इस का पूरा श्रेय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के ऐतिहासिक विदेश नीति को जाता है. विदेश नीति की दृष्टि से देखें तो आजाद भारत की इतनी सशक्त और मजबूत विदेश नीति पहले कभी नहीं देखी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई देशों द्वारा अपने अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान का दिया है. जिस तरह से 5 अरब देशों का भी पीएम को अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला है. इससे साफ इशारा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत विश्व गुरु बनने की राह की ओर बढ़ चला है. 

 

कोरोना काल हो या दुनिया में कहीं भी युद्ध हो, भारत के तिरंगे को जीवन रक्षक की भूमिका में पूरी दुनिया ने जाना है. आज दुनिया के किसी भी देश में खड़े होकर अगर यह बात बोला जाए कि वो भारतीय है तो सामने वाला खुद बोलेगा कि आपके यहां का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है. इस समय पूरी दुनिया में नरेंद्र मोदी एक ब्रांड की तरह उभरे हैं. सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास वास्तव में धरातल पर साकार करने का काम आज की सरकार ने किया है.  भारत में किसी भी तरह का और किसी के साथ भी किसी तरह का कोई भी भेद भाव नहीं किया गया है.

 

ऐसे में जरूरत है की देश का पसमांदा मुसलमान भी अपनी भूमिका निभाए और आने वाले लोकसभा चुनाव में तथाकथित धर्म निरपेक्ष पार्टियों व मुस्लिम वोटों के ठेकेदारों से सावधानी बरतते हुए अपने पार्टी के साथ खड़ें हों. जिससे कि देश के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखा जाए और सबका साथ सबका विकास के साथ सबका विश्वास पर भी काम हो सके.



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