ये कहानी साल 2012 की है. महेंद्र सिंह धोनी टीम के कप्तान हुआ करते थे. भारतीय टीम श्रीलंका के दौरे पर थी. रोहित शर्मा की फॉर्म अच्छी नहीं चल रही थी. पिछली कुछ पारियों में वो दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंचे थे. लेकिन एक बड़ा फर्क ये था कि उस समय रोहित शर्मा मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी किया करते थे. टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का करियर भी अपने आखिरी दौर में ही था.


ऐसे वक्त में बतौर कप्तान धोनी ने रोहित शर्मा के साथ वही किया जो कभी सहवाग के साथ सौरव गांगुली ने किया था. धोनी ने रोहित शर्मा को सलामी बल्लेबाज की जिम्मेदारी सौंप दी. टीम इंडिया के लिए अगली बड़ी चुनौती थी चैंपियंस ट्रॉफी. जहां रोहित शर्मा ने पहले ही मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अर्धशतक जड़ा. इसके बाद उन्होंने विंडीज के खिलाफ भी हाफसेंचुरी लगाई. भारत ने उस साल चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता.


रोहित शर्मा टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की फेहरिस्त में दूसरे नंबर पर थे. उन्होंने 5 मैच में 177 रन बनाए थे. इसी के बाद रोहित शर्मा की विश्व क्रिकेट में एक सलामी बल्लेबाज के तौर पर पहचान बनी. अगले ही साल उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक लगाया. एक साल बाद उनका एक और दोहरा शतक दुनिया ने देखा. इस बार उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 264 रनों की विशाल पारी खेली. 2017 में श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने एक और दोहरा शतक जड़ दिया. इसी के साथ उनके खाते में वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक हो गए. आज करीब 7 साल बाद एक बार फिर वक्त वहीं लौट आया है.


टेस्ट टीम से केएल राहुल की होगी छुट्टी


इस बहस की शुरूआत इस बार सौरव गांगुली ने की. सौरव गांगुली अपनी कप्तानी के दौरान ये रिस्क ले भी चुके हैं. उन्होंने ही वीरेंद्र सहवाग को मिडिल ऑर्डर से निकालकर ओपनिंग की जिम्मेदारी सौंपी थी. लिहाजा अब उन्होंने साफ शब्दों में कहाकि केएल राहुल की फॉर्म जिस तरह की दिख रही है उसमें उनकी जगह टीम में नहीं बनती. बेहतर होगा कि रोहित शर्मा को बतौर सलामी बल्लेबाज आजमाया जाए.


इसके बाद टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने भी कुछ ऐसी ही बात कही है. आपको याद दिला दें कि हाल ही में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली. इन दोनों मैचों में केएल राहुल ने 4 पारियों में कुल 101 रन बनाए. इन मैचों में उनकी औसत 25.25 की रही. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के मुकाबले कठिन रहेगी. लिहाजा भारतीय टीम को अपनी तैयारियों और मुकम्मल रखनी होगी.


विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की रैंकिंग में भारतीय टीम अभी नंबर एक पर है. उसे अपनी साख के मुताबिक प्रदर्शन करने के हर मोर्चे पर मुस्तैद रहना होगा. रोहित शर्मा के टेस्ट करियर कि बात करें तो उन्होंने अपने 12 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर में कुल 27 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 39.62 की औसत से 1585 रन बनाए जिसमें 3 सेंचुरी और 10 हॉफ सेंचुरी शामिल हैं. रोहित शर्मा ने आखिरी टेस्ट मैच 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में खेला था. जिसमें उन्होंने 68 रन बनाए थे.


आखिरी फैसला विराट को ही लेना है


दिलचस्प बात ये है कि रोहित शर्मा के टेस्ट टीम में खेलने का फैसला विराट कोहली को करना है. रोहित शर्मा टीम में तो हैं ही. सवाल प्लेइंग 11 में मौका मिलने का है. दरअसल इस बात की चर्चा काफी समय से चल रही है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच अनबन है. इस अनबन के बढ़ने की बात अक्सर सामने आती है. वेस्टइंडीज दौरे पर जाने से पहले विराट कोहली ने इस बारे में सफाई भी दी थी. हाल ही में रवि शास्त्री ने भी इस बात पर बयान दिया कि रोहित शर्मा और विराट कोहली के बीच कोई अनबन नहीं है. रवि शास्त्री ने तर्क दिया कि अगर दोनों खिलाड़ियों में रिश्ते अच्छे नहीं होते तो रोहित शर्मा विश्व कप में इतनी अच्छी परफॉर्मेंस कैसे करते. इन बातों को ध्यान में रखकर ये तस्वीर बिल्कुल साफ है कि बतौर ओपनर रोहित शर्मा की वकालत चाहे जितनी की जाए फैसला विराट कोहली ही लेंगे.