दिल्ली की केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य और PWD समेत आधा दर्जन विभागों का जिम्मा संभाल रहे मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी ने राजधानी की सियासत को गरमा दिया है.केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्त्तन निदेशालय ED ने हवाला से जुड़े एक पुराने मामले में ये गिरफ्तारी की है. दरअसल,अगले छह महीने के भीतर ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव हैं, जहां कब्जा जमाने के लिए आम आदमी पार्टी पूरी ताकत झोंक रही है.सत्येंद्र जैन को केजरीवाल का सबसे करीबी समझा जाता है और पार्टी ने उन्हें हिमाचल का प्रभारी बनाया हुआ है.


लिहाजा,आम आदमी पार्टी अपने नेता की गिरफ्तारी को हिमाचल चुनाव से जोड़कर देख रही है और इसे बदले की कार्रवाई बता रही है.चूंकि केंद्रीय एजेंसियां किसी हाई प्रोफाइल मामले को अंजाम तक पहुंचाने में इतना लटकाती नहीं हैं,इसलिये सियासी गलियारों में सवाल उठ रहा है कि 2014 में दर्ज मामले में आठ साल बाद गिरफ्तारी का फैसला अभी ही क्यों लिया गया? जैन से तो ED पहले भी कई बार पूछताछ कर चुकी है और अगर चाहती तो वह पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर सकती थी.इसलिये जांच एजेंसी के इस फैसले की टाइमिंग को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं और इसे केंद्र के राजनीतिक निर्णय के तौर पर भी देखा जा रहा है. 


ईडी की कार्रवाई के बाद AAP ने बीजेपी को निशाने पर लिया है. दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ''सत्येंद्र जैन के ख़िलाफ़ 8 साल से एक फ़र्ज़ी केस चलाया जा रहा है. अभी तक कई बार ED बुला चुकी है. बीच में कई साल ED ने बुलाना भी बंद कर दिया था क्योंकि उन्हें कुछ मिला ही नहीं. अब फिर शुरू कर दिया क्योंकि सत्येंद्र जैन हिमाचल के इलेक्शन इंचार्ज हैं.''
दरअसल,कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल पहले भी ये आरोप लगाते रहे हैं कि सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल कर रही है और विपक्ष को डराने-दबाने के लिए सियासी औजार की तरह इनका दुरुपयोग किया जा रहा है.महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक को जब ED ने गिरफ्तार किया,तब भी एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और शिव सेना नेताओं ने यही आरोप लगाया था.पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तो कई बार इस आरोप को दोहरा चुकी हैं.उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी के खिलाफ भी कथित मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है,जिसमें पूछताछ के लिए उन्हें बार-बार दिल्ली बुलाया जाता है.


लेकिन अब सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी ने इस मुद्दे पर विपक्ष को फिर से सरकार के ख़िलाफ़ एकजुटन होने का मौका दे दिया है.हालांकि केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता हमेशा विपक्ष के आरोपों को गलत बताते रहे हैं और उनका दावा है कि केंद्रीय एजेंसियां पूरी तरह से स्वतंत्र है और सरकार उनके कामकाज में कोई दखल नहीं देती है. दरअसल,जैन की गिरफ्तारी चार करोड़ 81 लाख रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में हुई है. आरोप है कि साल 2014-15 में जब सत्येंद्र जैन मंत्री पद पर थे,तब उनके और उनके सहयोगियों के पास कलकत्ता की शेल कंपनियों से पैसे आए. इस मामले में ईडी ने केस दर्ज किया था और कई दफा पूछताछ भी की थी.


दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अपने एक ट्वीट में ये भी कहा, ''हिमाचल में बीजेपी बुरी तरह से हार रही है. इसीलिए सत्येंद्र जैन को आज गिरफ़्तार किया गया है ताकि वो हिमाचल न जा सकें. वे कुछ दिनों में छूट जाएंगे क्योंकि केस बिल्कुल फ़र्ज़ी है.'' मंत्री की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने ट्वीट कर आप पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''ईमानदारी का ढोंग रचने वाले अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को ED ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया.'' देखना ये है कि इस गिरफ्तारी का हिमाचल की जनता पर कितना असर होता है,जहां आप तीसरी ताकत बनने के लिए सारा जोर लगा रही है?


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