Exit Poll 2022: देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश 10 मार्च को एक नया सियासी इतिहास रच सकता है. वह इसलिये कि आज आये तमाम एग्जिट पोल के नतीजों ने वहां एक संन्यासी के दोबारा सिंहासन पर बैठने का दावा कर दिया है. इसलिये कि अब तक यूपी की जनता हर पांच साल में अपनी सरकार बदलती आई है. कई दशकों बाद ये पहली बार होगा कि कब सत्तारुढ़ पार्टी ही दोबारा वापसी करेगी. हालांकि किसी भी सर्वे के नतीजों के बारे में पुख़्ता तौर पर कोई ये दावा नहीं कर सकता कि वो बिल्कुल हक़ीक़त के नजदीक ही होगा. 


एबीपी न्यूज़-सी वोटर के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी को 228-244 सीट मिलने का अनुमान है. यानी वह आसानी से सरकार तो बना रही है लेकिन पिछली बार के मुकाबले उसकी सीटें कम हो रही है. इसका एक बड़ा कारण किसान आंदोलन को माना जा सकता है लेकिन क्षेत्रवार आये इन नतीजों को देखकर तो ये लगता है कि जाटलैंड कहलाने वाले पश्चिमी उत्तरप्रदेश में भी अखिलेश यादव-जयंत चौधरी की जोड़ी का जादू भी उस हद तक नहीं चल पाया कि वे बीजेपी के इस मजबूत किले को पूरी तरह से ध्वस्त कर पाते. लिहाज़ा,अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं,तो इसे उनके लिए बड़ा झटका इसलिये माना जाएगा कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के मोदी सरकार के फैसले की जमीनी हकीकत समझने में नाकामयाब रहे कि यही बीजेपी के लिये गेम चेंजर साबित हो सकता है.


एग्जिट पोल नतीजों के आसपास ही अगर बीजेपी को सीटें मिलती हैं,तो ये पार्टी आलाकमान के लिए भी चिंता की बात इसलिये होनी चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,अमित शाह और योगी आदित्यनाथ की तिकड़ी समेत तमाम दिग्गज़ मंत्रियों-नेताओं की पूरी ताकत झोंकने के बावजूद वह 300 का आंकड़ा नहीं छू पाई. इसे 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अपने लिए शुभ संकेत समझने का भ्रम इसलिये भी नहीं पालना चाहिए कि भले ही सत्ता दोबारा मिल गई लेकिन सीटें कम होने का सीधा-सा मतलब है कि लोगों ने प्रादेशिक चुनाव में भी महंगाई व बेरोजगारी जैसे राष्ट्रीय मुद्दों को ध्यान में रखते हुए अपना वोट दिया. 


रुस-यूक्रैन की जंग के बीच आने वाले दो-तीन दिनों में ही महंगाई आसमान छूने वाली है,जिस पर काबू पाना किसी सरकार के बूते की बात नहीं. लिहाज़ा, इससे कोई भी इंकार नहीं कर सकता कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में संयुक्त विपक्ष इसे एक बड़ा मुड़ा बनाने में कामयाबी हासिल कर सकता है.


सी वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी 132 से 148 सीट हासिल कर सकती है और मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी 13 से 21 सीट जीत सकती है. जबकि कांग्रेस को महज 4 से 8 सीट मिलने का अनुमान है. लेकिन ये थोड़ा चौंकाने वाला इसलिये है कि पिछले दो साल में प्रियंका गांधी की मेहनत का क्या कांग्रेस को जरा भी फायदा नहीं मिल रहा है? ट


इन नतीजों में अन्य को 2 से 6 सीट मिलने का अनुमान जताया गया है. अगर कुल वोट प्रतिशत की बात करें को यूपी में बीजेपी को 40.5 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. जबकि सपा गठबंधन को 33.6, बसपा को 16.7, कांग्रेस को 5.2 और अन्य को 4.0 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. 


(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)