GoodBye 2021:  कोरोना (Coronavirus) ने दुनिया के जिन क्षेत्रों में बड़े बदलाव लाए हैं, उनमें एंटरटेनमेंट (Entertainment Industry) प्रमुख है. अव्वल तो इस महामारी ने ओटीटी (OTT) को भारत में घर-घर की चीज बना दिया और इसी का नतीजा निकला कि अचानक कहानियां ग्लोबल होने लगीं. सितारे भाषाई सीमाएं तोड़ने लगे. फिल्मों के सामने वेब सीरीज खड़ी हो गईं. दर्शकों ज्यादा मुखर होकर दिल मांगे मोर का शोर करने लगे. मनोरंजन के फार्मूले फेल हुए और नए आइडिया की मांग बढ़ गई. सिनेमाघर (Box Office) से ओटीटी (OTT) तक भाषा डब होने और सब-टाइटल्स में बदलने लगी. कंटेंट अच्छा है, मनोरंजक है, विचारोत्तेजक है तो दर्शक हर स्थिति में उसे देखने को तैयार है. अब यह कहने की बात नहीं है कि एंटरटेनमेंट बदल गया है. 2021 ने साबित कर दिया कि सचमुच ऐसा हो चुका है.


सिनेमा की वर्तमान स्थिति


हिंदी का दर्शक अब सिर्फ हिंदी में बना कंटेंट नहीं देख रहा. वह तमिल, तेलुगु, मलयालम से लेकर इंग्लिश, फ्रेंच, स्पेनिश और कोरियन सिनेमा (Korean Cinema) और वेब सीरीज (Web Series) धड़ल्ले से देख रहा है. द ग्रेट इंडियन किचन (The Great Indian Kitchen), जय भीम (Jai Bheem), पुष्पा (Pushpa) और मिन्नल मुरली (Minnal Munni) से लेकर मनी हीस्ट (Money Heist) और स्क्विड गेम (Squid Games) इस साल हिंदी के दर्शकों में चर्चा का केंद्र बने रहे. हिंदी दर्शकों की ऐसी पीढ़ी खुल कर सामने है, जो अपने सिनेमा की वर्तमान स्थिति से नाखुश है. वह ओटीटी (OTT) पर शिफ्ट हो चुकी है. यही वजह है कि इस साल करीब दर्जन भर हिंदी और अन्य भाषाओं के ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर 400 से ज्यादा वेब सीरीज रिलीज हुई हैं.


फैमिली मैन 2 (The Family Man 2), एस्पिरेंट्स (Aspirants), सनफ्लावर (Sunflower), कैंडी (Candy), आरण्यक (Arayanak), ग्रहण (Grahan), टाब्बर (Tabbar), मुंबई डायरीज 26/11 (Mumbai Diaries 26/11) जैसी वेब सीरीज 2021 में खूब पसंद की गईं. यही नहीं, नॉन फिक्शन में द हाउस ऑफ सीक्रेट्सः बुराडी डायरीज (The House Of Secrets), ब्रेक पॉइंट (Break Point), क्राइम स्टोरीज इंडिया (Crime Stories India) जैसी सीरीज भी दर्शकों को लुभाती रहीं. अभी तक नेटफ्लिक्स और प्राइम वीडियो जैसे विदेशी ओटीटी प्लेटफॉर्म भारतीय दर्शकों को आकर्षित करने की दौड़ थे, साल खत्म होते-होते अमेरिका के लायंस गेट प्लस और रियलिटी टीवी शो वाले प्लेटफॉर्म हेयू ने भी हमारे बाजार में एंट्री ले ली.


ओटीटी पर बॉलीवुड सितारे


ओटीटी (OTT) का यह मतलब नहीं है कि जो कुछ भी इस पर रिलीज होगा उसे पसंद किया जाएगा. 2021 में बड़े बॉलीवुड सितारों की फिल्में डायरेक्ट ओटीटी (Bollywood Stars OTT Debut) पर रिलीज हुई, लेकिन कमजोर या फार्मूला कंटेंट के कारण दर्शकों ने उन्हें नकार दिया. मोस्ट वांटेड भाई सलमान खान (Salman Khan) की राधे (Radhe), भरोसेमंद अजय देवगन (Ajay Devgn) की भुज (Bhuj), चौथे खान सैफ अली  (Saif Ali Khan) और अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor) की भूत पुलिस (Bhoot police) और शिल्पा शेट्टी-परेश रावल (Shilpa Shetty-Paresh Rawal) की बहु-प्रतीक्षित हंगामा 2 जैसी फिल्में ओटीटी पर सीधे आकर भी दर्शक नहीं खींच पाई.


जिन हीरोइन ओरिएंटेड फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर कमजोर माना जाता है, वह ओटीटी पर चलीं. विद्या बालन (Vidya Balan) की शेरनी (Sherni), तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) की हसीन दिलरुबा (Haseen Dilruba), काजोल (Kajol) स्टारर त्रिभंग (Tribhanga), कृति सैनन (Kriti Sanon) की मिमी (Mimi) और सान्या मल्होत्रा (Sanya Malhotra) की पगलैट (Pagglait) सामने हैं.


दर्शकों की पसंद


दर्शकों की पसंद का ग्राफ लगातार ऊपर-नीचे होता है लेकिन इतना तय है कि ओटीटी (OTT) ने क्राइम को हॉट केक में बदल दिया है. दूसरा नंबर है देश भक्ति का. ये दोनों विषय इस साल करीब-करीब सफल रहे. मैं हीरो बोल रहा हूं, द सरपेंट, द बिग बुल, 200 हल्ला बोल, अक्कड़ बक्कड़ रफूचक्कर, 420 आईपीसी और द व्हिसल ब्लोअर जैसी वेब सीरीज और फिल्में अपराध जगत में रीयल घटनाओं को मिक्स करके लाई गईं. देशभक्ति का कंटेंट भी 2021 में जमकर आया और देखा गया. शेरशाह इस साल की सबसे सफल ओटीटी फिल्म रही तो सरदार उधम सिंह, लाहौर कॉन्फिडेंशियल, जिद की जीत, स्टेट ऑफ सीजः टैंपल अटैक और 1964: द वार इन द हिल्स जैसी फिल्में और वेब सीरीज दर्शकों को लुभाती रहीं.


लॉकडाउन में ओटीटी बना मनोरंजन का सहारा


कोरोना के कारण बंद सिनेमाघर (Cinema Halls In Coronavirus) 2021 में सितंबर में खुले थे लेकिन सूर्यवंशी (Sooryavanshi) को छोड़ कर अन्य हिंदी फिल्में भीड़ नहीं जुटा पाईं. 2022 की शुरुआत में भी तीसरी लहर सामने खड़ी हैं. ऐसे में एक बार फिर ओटीटी (OTT In Lockdown) ही दर्शकों के मनोरंजन का सहारा है. मनोरंजन की दुनिया में बदलाव का दौर जारी है. नए साल में तस्वीर और भी साफ ढंग से उभरेगी. कहानी अभी और बदलेगी. एंटरटेनमेंट बदल गया है. संदेश साफ है, बॉलीवुड को भी बदलना पड़ेगा.


(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)