टीम इंडिया पहला टी-20 मैच गंवा चुकी है. मुकाबला जबरदस्त हुआ था लेकिन जीत हाथ से फिसल गई. अब दूसरे टी-20 मैच में हार का मतलब है एक दशक से भी ज्यादा समय के बाद कंगारुओं के हाथ टी-20 सीरीज में पटखनी खाना. यूं तो टीम इंडिया हाल के दिनों में सीमित ओवरों के मैच में जिस शानदार फॉर्म में रही है वहां अगर एकाध मैच हाथ से निकल भी जाए तो कोई बड़ा गम नहीं होता लेकिन हार बार-बार नहीं होनी चाहिए. अपने घर में अपनी पिचों पर तो बिल्कुल भी नहीं. इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि मैच में सही प्लेइंग 11 के साथ के साथ मैदान में उतरा जाए.


पिछले मैच में टीम इंडिया सिर्फ 4 स्पेशलिस्ट बल्लेबाजों के साथ मैदान में उतरी थी. बुधवार के मुकाबले में भी विराट कोहली प्रयोग करेंगे. उनके प्रयोगों से परेशानी किसी को नहीं है क्योंकि क्रिकेट फैंस जानते हैं कि इस वक्त वो हर प्रयोग 2019 विश्व कप को ध्यान में रखकर कर रहे हैं. बस एक प्रयोग है जिसको लेकर चर्चा करनी पड़ेगी. वो प्रयोग है सलामी जोड़ी के साथ छेड़छाड़. रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी को शायद ही अभी आराम की जरूरत है. इस आराम के नाम पर ही पिछले मैच में शिखर धवन प्लेइंग 11 का हिस्सा नहीं बन पाए थे.


सलामी जोड़ी बड़ी मुश्किल से बनती है


इस बात को दुनिया का हर कप्तान समझता है कि किसी भी टीम के सेट ओपनर्स को तैयार करने में खासा वक्त लगता है. सलामी बल्लेबाजी करना मुश्किल रोल है. फिर बात चाहे किसी भी फॉर्मेट की हो. ये खुशकिस्मती है कि टीम इंडिया के पास लिमिटेड ओवरों के मैच में रोहित शर्मा और शिखर धवन के तौर पर बिल्कुल सेट जोड़ी है. लंबे समय से ये दोनों खिलाड़ी एक दूसरे के साथ पारी की शुरूआत करते हैं. एक दूसरे के खेल को समझते हैं. खुद को दूसरे के खेल के हिसाब से ‘एडजस्ट’ करना जानते हैं.


ऑस्ट्रेलिया के लंबे दौरे में शिखर धवन टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं थे. रोहित शर्मा ने भी पूरी सीरीज नहीं खेली थी. ऐसे में इन दोनों ही खिलाड़ियों पर वैसा ‘वर्कलोड’ नहीं था जैसा कप्तान विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों पर था. लिहाजा इस बात पर विचार विमर्श कर लेना चाहिए कि इन्हें ‘रेस्ट’ देने की वाकई जरूरत है भी या नहीं?


रोहित-शिखर की जोड़ी का जवाब नहीं


ये ठीक है कि विराट कोहली सिर्फ 2019 विश्व कप के मद्देनजर इस तरह के प्रयोग कर रहे हैं. लेकिन डर इस बात का है कि कहीं नए जोड़ीदार के साथ तारतम्य बिठाने की कोशिश में शिखर धवन या रोहित शर्मा ज्यादा प्रेशर ना ले लें. ऐसी भी खबरे हैं कि बुधवार को टी-20 मैच में विराट कोहली रोहित शर्मा को आराम देकर शिखर धवन को वापस लाना चाहते हैं. इस स्थिति में भी जोड़ी तो टूटेगी ही. भूलना नहीं चाहिए कि रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी लिमिटेड ओवरों के मैच में देश की सबसे कामयाब जोड़ियों में से एक है. इस जोड़ी को एक साथ मैदान में उतरते करीब पांच साल का वक्त हो गया है.


2013 में शिखर धवन ने वनडे टीम में वापसी की थी और रोहित शर्मा को मिडिल ऑर्डर से ओपनिंग स्लॉट में भेजा गया था. उसके बाद से ये दोनों बल्लेबाज इस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं. अभी न्यूज़ीलैंड में इन दोनों बल्लेबाजों ने सचिन तेंडुलकर और वीरेंद्र सहवाग का रिकॉर्ड तोड़ा था. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के दूसरे मैच में इन दोनों बल्लेबाजों ने 114 पारियों में 13 शतकीय पारी का सचिन सहवाग का रिकॉर्ड तोड़ा था. फिलहाल ये रिकॉर्ड सचिन तेंडुलकर और सौरव गांगुली के खाते में हैं. जिन्होंने 26 बार शतकीय साझेदारी की है. शिखर धवन और रोहित शर्मा की जोड़ी टीम इंडिया के लिए चैंपियंस ट्रॉफी और विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट्स में पहले भी पारी की शुरूआत कर चुकी है. ऐसे में जब तब बहुत ही जरूरी ना हो इस जोड़ी को ‘डिस्टर्ब’ करना नुकसान का सौदा हो सकता है.