इंडियन प्रीमियर लीग में जिस तरह का खेल चल रहा है उससे भारतीय टीम के चयनकर्ताओं का सिरदर्द बढ़ने वाला है. दरअसल, आईपीएल के तुरंत बाद भारतीय टीम को लंदन में चैंपियंस ट्रॉफी खेलनी है. भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी की मौजूदा चैंपियन है. जाहिर है उस पर उम्मीदों का बोझ है साथ ही अच्छा प्रदर्शन करने की चुनौती भी. भारतीय टीम में ज्यादातर जगहों पर यूं तो खिलाड़ी फिक्स हैं लेकिन जिन दो-तीन जगहों पर विराट कोहली विकल्प तलाश रहे थे वहां काफी भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है. टीम इंडिया के वो खिलाड़ी जो स्थापित हैं और आईपीएल के जरिए टीम इंडिया में अपनी वापसी की राह देख रहे हैं उनके मुकाबले ऐसे खिलाड़ियों का प्रदर्शन ज्यादा शानदार है जिन्हें पहली बार टीम इंडिया में दस्तक देनी है. आईपीएल के इस सीजन के करीब एक तिहाई मैच खेले जा चुके हैं उसके बाद की स्थिति के आंकलन को आपको समझाते हैं.


युवराज सिंह, सुरेश रैना, रोहित शर्मा, शिखर धवन का प्रदर्शन
चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया में एक सलामी बल्लेबाज और एक मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज की जगह है. इन चारों खिलाड़ियों पर हर किसी की नजर है. सेलेक्टर्स की भी और कप्तान विराट कोहली की भी. चोट के बाद वापसी कर रहे रोहित शर्मा और शिखर धवन का प्रदर्शन औसत ही रहा है. युवराज और रैना भी अभी अपने पूरे रंग में नहीं दिख रहे हैं.

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शिखर धवन ने अब तक खेले गए 6 मैचों में 34 की औसत से 205 रन बनाए हैं उनका स्ट्राइक रेट 120 के करीब है और उन्होंने एक अर्धशतक लगाया है सुरेश रैना ने अब तक खेले गए 5 मैचों में 53 की औसत से 159 रन बनाए हैं. उनका स्ट्राइक रेट 135 के करीब है और उन्होंने एक अर्धशतक लगाया है. युवराज सिंह 6 मैच की 5 पारियों में अब तक सिर्फ 96 रन ही बना पाए हैं. उनकी औसत 20 से भी कम की है. उनका स्ट्राइक रेट 175 के करीब है और उन्होंने एक अर्धशतक लगाया है. रोहित शर्मा तो खैर 6 मैच की 5 पारियों में अभी पचास रन भी नहीं जोड़ पाए हैं. उनके खाते में 12.25 की औसत से कुल 49 रन हैं.

नए खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखिए  
स्थापित नामों से अलग भारत के घरेलू क्रिकेट स्टार्स ने अब तक सीजन में शानदार प्रदर्शन किया है. इन नए खिलाड़ियों ने जबरदस्त बल्लेबाजी की है. इन्होंने चयनकर्ताओं को संदेश दे दिया है कि इनके नांम पर भी विचार किया जाना चाहिए. संजू सैमसन, मनीष पांडे, ऋषभ पंत और नितीश राना ने इस सीजन में जबरदस्त बल्लेबाजी की है. मुंबई इंडियंस के लिए खेल रहे नीतिश राना फिलहाल इस सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में टॉप पर हैं. उन्होंने अभी तक खेले गए 6 मैचों में 51 की औसत से 255 रन बनाए हैं. वो तीन अर्धशतक लगा चुके हैं. उनकी स्ट्राइक रेट भी 142 से ज्यादा की है.

सौजन्य: IPL(BCCI) 

इसी लिस्ट में कोलकाता के मनीष पांडे भी हैं. मनीष पांडे ने 5 मैच की चार पारियों में 221 की औसत से 221 रन बनाए हैं. 150 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी कर रहे मनीष पांडे इस सीजन में दो अर्धशतक भी लगा चुके हैं. दिल्ली की तरफ से संजू सैमसन सीजन का पहला शतक जड़ ही चुके हैं. उन्होंने सीजन के पांच मैचों में 43 की औसत से 215 रन बनाए हैं. उनका स्ट्राइक रेट 142 का है. ऋषभ पंत की भी इस सीजन में खूब तारीफ हुई है. वो भी पांच मैचों में 141 रन बना चुके हैं. पिता के निधन के बाद जिस जीवटता के साथ उन्होंने मैदान में प्रदर्शन किया है उससे उन्हें काफी तारीफ मिली है.

अब आप खुद ही फैसला कर लीजिए कि अगर आपको चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम में कुछ खिलाड़ियों को चुनना है तो आप किसे चुनेंगे. उन्हें जो फॉर्म में हैं फिट हैं या फिर उन्हें जो अपनी साख के दम पर टीम में वापसी की आस लगाए बैठे हैं. जाहिर है स्थिति भ्रम की है. चुनाव करना मुश्किल है. युवराज, रैना, शिखर या रोहित को इतने बड़े टूर्नामेंट से बाहर करने का फैसला आसान नहीं है. इसीलिए एमएसके प्रसाद की अगुवाई में जब सारे सेलेक्टर्स चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम चुनने बैठेंगे तो उन्हें एक्सट्रा दिमाग खर्च करना पड़ेगा. विराट कोहली की सोच भी इसमें काफी मायने रखती है.

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चैंपियंस ट्रॉफी को मिनी वर्ल्ड कप कहा जाता है. माना जाता है कि चैंपियंस ट्रॉफी में मैदान में उतरने वाले खिलाड़ी ही वर्ल्ड कप की टीम के लिए रेस में होते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए नए नए खिलाडियों ने जोरदार दस्तक दे दी है. विराट खुद भी यंगिस्तान के हिमायती रहे हैं. अब उनकी इस सोच का इम्तिहान होना है जिसके लिए सेलेक्टर्स को भी माथापच्ची करनी पडेगी.