एक कहावत है-‘’जाना था जापान पहुंच गए चीन’’. यह कहावत इन दिनों सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर चल रही जांच के मामले में सटीक लगती है. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन को पूरे 4 महीने हो गए हैं. लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि सुशांत की मौत आत्महत्या थी, हत्या या किसी ने सुशांत को दुखी और विचलित कर आत्महत्या करने के लिए उकसाया.


इन तीन बातों के सच को जानने के लिए देश की तीन बड़ी एजेंसियां पिछले लगभग दो महीनों से जुटी हुई हैं. जबकि उससे पहले लगभग दो महीने ही मुंबई पुलिस और कुछ दिन बिहार पुलिस भी सुशांत केस की जांच से जुड़ी रहीं. फिर भी अब हालात ऐसे लगने लगे हैं कि सुशांत की मौत का सही कारण, शायद कभी उजागर नहीं हो पाएगा.


यूं मुंबई पुलिस ने गत 14 जून को सुशांत की मौत के तुरंत बाद घोषणा कर दी थी कि सुशांत ने अपने मुंबई स्थित घर पर पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली है. जिसका कारण सुशांत का अवसाद बताया जाने लगा. हालांकि, सुशांत के परिवार और कुछ दोस्तों ने कहा कि सुशांत आत्महत्या नहीं कर सकते. लेकिन सुशांत की पूर्व घनिष्ठ मित्र अंकिता लोखंडे सहित चर्चित अभिनेत्री कंगना रानौत ने भी जब यह कहा कि सुशांत आत्महत्या नहीं कर सकता और वह अवसाद में भी नहीं था तो इस मामले ने गर्माना शुरू कर दिया.


इस घटना ने पहली बार तूल तब पकड़ा जब कंगना ने कहा कि सुशांत फिल्म इंडस्ट्री के ‘भाई भतीजावाद’ का शिकार हो गया था. यह आत्महत्या नहीं हत्या है. कंगना के इस मामले में खुलकर बोलने और कुछ फिल्म जगत के मठाधीशों पर आरोप लगाने के बाद तो इस दुखद मामले ने नया रंग ले लिया. जब इस सिलसिले में यशराज फिल्म्स के प्रमुख आदित्य चोपड़ा सहित कुछ अन्य फिल्म वालों से भी पूछताछ हुई तो इससे सुशांत की मौत का मामला लगातार सुर्खियों में आ गया. लगातार इतनी सुर्खियों में कि इसके चलते कई बड़ी खबरें बौनी हो गईं. यहाँ तक सुशांत की मौत के बाद विश्वव्यापी महामारी कोरोना की खबरें भी पीछे छूटटी दिखने लगीं.


इतने लंबे समय तक कुछ जगह जिस तरह दिन रात लगातार सुशांत की खबरें चल रही हैं, उससे कई बार कोफ्त भी होती है. क्योंकि मामले में प्याज की परतों की तरह एक के बाद एक परतें तो खुल रही हैं. फिर भी सुशांत की मौत संदिग्ध बनी हुई है. अब 4 महीने बाद वे सब लोग सुशांत की मौत का सच जानना चाहते हैं, जो इस पूरे घटनाक्रम को लगातार देख-सुन और पढ़ रहे हैं. अपने देश से ही नहीं दुनिया के कई देशों में रह रहे सुशांत सिंह राजपूत के बहुत से प्रशंसक भी ये जानने में उत्सुक हैं कि सुशांत के साथ आखिर हुआ क्या? यदि ये आत्महत्या है तो ऐसे क्या कारण थे कि तेजी से फिल्म क्षितिज पर अपनी खास जगह बनाता यह सितारा खुद यकायक लुप्त क्यों हो गया ?


यूं फिल्म उद्योग में आत्महत्या या संदिग्ध मौत की घटनाएँ नई नहीं हैं. पिछले बरसों में ही दिव्या भारती, कुलजीत रंधावा, जिया खान, नफीसा जोसफ, प्रत्युषा बनर्जी सहित ऐसे कई नाम आ चुके हैं. अभिनेत्री श्रीदेवी की तो फरवरी 2018 में सदिग्ध मौत के बाद बीस दिन बहुत चर्चा हुई लेकिन बाद में सब शांत हो गया. लेकिन सुशांत के दुखांत से अभी तक सब अशांत हैं.


बॉलीवुड के बाहर से संदिग्ध मौत का मामला जो काफी दिनों तक चर्चित रहा, वह था नोएडा की आरुषी तलवार और उनके नौकर हेमराज का. मई 2008 में हुए इस दोहरे हत्याकांड का रहस्य अभी तक नहीं सुलझ पाया है. सीबीआई ने भी इसकी लंबी छानबीन की. लेकिन सुशांत की मौत जिस तरह लगातार 4 महीने से व्यापक चर्चा में है, इतनी सुर्खियां पहले किसी और को नहीं मिलीं. असल में सुशांत केस में बड़ा मोड़ तब आया जब सुशांत के पिता ने गत 28 जुलाई को पटना में सुशांत की ‘गर्ल फ्रेंड’ रिया चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, कि रिया ने पैसों के लिए सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाया.


देखा जाये तो सुशांत की मौत की जांच शुरू से विभिन्न दिशाओं में भटक रही है. पहले सुशांत के अवसाद और फ़िल्मकारों द्वारा भेदभाव और उपेक्षा का मामला आया. फिर रिया द्वारा सुशांत और उनकी कमाई आदि पर नियंत्रण का. उधर पहले मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार संदेह के घेरे में इसलिए रही कि सुशांत के शव को पुलिस ने पंखे पर लटके हुए देखा भी नहीं था कि उसे आनन फानन में आत्महत्या करार दिया. सुशांत के पोस्टमार्टम और उसमें मौत का समय न लिखे जाने से भी सवाल उठे. फिर दो महीने की जांच के बाद भी सुशांत की मौत को लेकर न कोई केस दर्ज हुआ और न कोई गिरफ्तारी और न कोई ठोस निष्कर्ष.


उधर जब बिहार पुलिस मुंबई में जांच के लिए पहुंची तो उसके साथ सहयोग की जगह बदसलूकी हुई. फिर जब सुशांत की बहनों और पिता ने इस केस की जांच सीबीआई से कराने की मांग की तो मुंबई पुलिस ने इसका सर्वोच्च न्यायालय तक विरोध किया. रिया भी इसलिए निशाने पर आ गयी कि जो रिया पहले खुद केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से सुशांत मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए कह रही थी, उसने भी बाद में सीबीआई जांच का विरोध कर दिया. अंततः 20 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआई के पास आ गयी. इससे लगा कि अब जल्द ही सुशांत की मौत का मामला सुलझ जाएगा. साथ ही सुशांत के खातों से करोड़ों निकलने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय और फिर सुशांत, रिया के ड्रग्स सेवन आदि के मामले से ‘नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो’ भी इस जांच में जुड़ गया.


उधर सुशांत के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट की खामियों के चलते एम्स के मेडिकल बोर्ड को भी इसमें जोड़ दिया गया . इतना सब होने पर भी देश की इतनी बड़ी जांच संस्थाएं सुशांत की मौत की गुत्थी को अभी तक सुलझा नहीं पाई हैं. लंबा समय गुजरने के बाद भी न तो सीबीआई ने अभी तक इस संबंध में कोई सूचना या जानकारी सार्वजनिक की है. न ही एम्स के मेडिकल बोर्ड की कोई रिपोर्ट अधिकृत रूप से सार्वजनिक हुई है.


जबकि रिया से पूछताछ के बाद जब ‘ड्रग्स पेडलर’ के नामों के खुलासे हुए तो सुशांत की मौत का मामला पीछे और फिल्मी दुनिया ड्रग्स के शिकंजे का मामला प्रमुख हो गया. रिया को तो ड्रग्स केस में 28 दिन जेल में बिताने पड़े. जबकि दीपिका पादुकोण, श्रद्दा कपूर, साराअली खान सहित और भी कई नाम आने से एक नया हंगामा खड़ा हो गया. इससे सुशांत की मौत की जगह जांच नशीले पदार्थों की ओर पहुँच गयी है. हालांकि इन चर्चित अभिनेत्रियों के नामों के जब ड्रग्स मामले में खुलासे हुए तो लगा था कि बहुत बड़ा पहाड़ टूट पड़ा है. लेकिन अब इन अभिनेत्रियों से घंटों की पूछताछ के बाद, मामला फिर शांत सा हो गया है. उससे भी यह लगने लगा है कि ‘खोदा पहाड़ और निकला चूहा’ वाली कहावत भी, कहीं यहाँ भी लागू न हो जाये.


उधर एम्स की मेडिकल टीम की जिस फोरेंसिक रिपोर्ट की लीक को लेकर जो बात सामने आयीं हैं, उस पर भी सुशांत का परिवार अंगुलियाँ उठा रहा है. परिवार ने फिर से एक नयी मेडिकल टीम से जांच कराने की मांग की है. इधर सीबीआई भी सभी दृष्टी से फिर से जांच करने में जुट गयी है. इससे यह सवाल बार बार कचोटता है कि यह बार बार जांच और पूछताछ आखिर और कब तक चलेगी. दायें बाएँ होती जांच से, सुशांत की मौत का सच कभी सामने आयेगा भी या नहीं !


(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)


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