गुरूवार को कोलकाता अपने ही घर में एक और मुकाबला हार गई. 7 अप्रैल के बाद से अब तक खेले गए 6 के 6 मैचों में कोलकाता को हार का सामना करना पड़ा है. इस मामले में उसने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की बराबरी कर ली जो सीजन के पहले 6 मैच हार गई थी. कोलकाता के मैदान में खेले गए पिछले चार के चार मैच केकेआर हार चुकी है. राजस्थान रॉयल्स को उसने जीत के लिए 176 रनों का लक्ष्य दिया था जो राजस्थान ने 19.2 ओवर में ही पूरा कर लिया. वो भी तब जबकि 100 रन के पहले पहले राजस्थान के सभी बड़े बल्लेबाज आउट हो चुके थे. आउट होने वाले बल्लेबाजों में अजिंक्य रहाने, संजू सैमसन, स्टीव स्मिथ, बेन स्टोक्स और स्टुअर्ट बिन्नी शामिल हैं.


इसके बाद भी राजस्थान रॉयल्स ने 2008 के बाद पहली बार कोलकाता के मैदान में मैच जीता. आखिरी चार ओवरों में राजस्थान को जीत के लिए 46 रन चाहिए थे जो उसने मैच में चार गेंद रहते ही हासिल कर लिया. सवाल ये है कि कोलकाता नाइट राइडर्स की इस दुर्दशा की जिम्मेदारी कौन लेना. आंकड़े बताते हैं कि इस हार की जिम्मेदारी कोलकाता के बड़े स्टार खिलाड़ियों को ही लेनी होगी. जिसमें कप्तान दिनेश कार्तिक भी शामिल हैं.

अनुभवी स्टार खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखिए
राजस्थान के खिलाफ दिनेश कार्तिक ने भले ही शानदार 97 रन बनाए लेकिन इसके अलावा पूरे सीजन में अब तक उनका बल्ला बुरी तरह खामोश था. उनकी इस 97 रनों की पारी को जोड़कर भी अब तक 11 मैचों में उनके खाते में 30.57 की औसत से 214 रन ही हैं. इससे पहले खेले गए 10 मैचों में उन्होंने 117 रन बनाए थे. दूसरे स्टार खिलाड़ी हैं सुनील नरेन. इनकी कहानी भी दिनेश कार्तिक जैसी ही है. इन्होंने भी राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ बेहतर गेंदबाजी की लेकिन बाकि मैचों में इन्होंने भी निराश किया. सुनील नरेन को अभी तक खेले गए 9 मैचों में सिर्फ 8 विकेट मिले हैं. उन्होंने कुल 143 रन बनाए हैं. जबकि पिछले कुछ सीजन से सुनील नरेन की पहचान एक शानदार स्पिनर के साथ साथ टॉप ऑर्डर में तेज गति से रन बनाने वाले बल्लेबाज की भी थी.

कोलकाता को बड़ा झटका कुलदीप यादव की फॉर्म से भी लगा है. कुलदीप यादव आईपीएल के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं. उन्होंने अब तक 9 मैच खेले हैं. जिसमें उन्हें कुल 4 विकेट ही मिले हैं. उनसे ज्यादा विकेट पीयूष चावला ने लिए हैं जो पिछले 8 साल से वनडे क्रिकेट से दूर हैं. सच्चाई ये है कि कोलकाता की टीम ने अब तक सीजन में जो 4 मैच जीते उसमें आंद्रे रसेल का योगदान करिश्माई रहा. उन्होंने नामुमकिन दिखने वाली जीत को सच में बदला. लेकिन ये बात हर कोई जानता है कि अकेले आंद्रे रसेल हर मैच नहीं जीता सकते हैं. आंद्रे रसेल अब तक 11 मैचों में 406 रन बना चुके हैं. उनकी स्ट्राइक रेट 209 से ज्यादा की है. वो कोलकाता नाइट राइडर्स के टॉप स्कोरर हैं. बावजूद इसके बाकि खिलाड़ियों का साथ ना मिलने की वजह से उनकी टीम लगातार हार रही है.

अब क्या कहता है प्वाइंट टेबल का गणित
11 में से 7 मैच हारकर फिलहाल कोलकाता की टीम प्वाइंट टेबल में छठे नंबर पर है. अभी उसे तीन मैच और खेलने हैं. इन तीन मैचों में से उसे एक मैच किंग्स इलेवन पंजाब से खेलना है और दो मैच मुंबई इंडियंस से. ये दोनों ही टीमें प्वाइंट टेबल में उससे ऊपर हैं. यानी सीजन में उनका प्रदर्शन इनसे बेहतर है. कोलकाता की टीम अगर अगले तीनों मैच जीत भी जाती है तो उसके खाते में 14 अंक ही होंगे. दिल्ली और चेन्नई की टीम पहले से ही 14 या 14 से ज्यादा अंक हासिल कर चुकी हैं. ऐसे में कोलकाता के लिए अब प्लेऑफ की रेस में बने रहने से ज्यादा कहीं बड़ी लड़ाई आत्मसम्मान की है. भूलना नहीं चाहिए कि ये टीम दो बार की आईपीएल चैंपियन रही है.