राजस्थान की टीम ने सीजन में अच्छा खेल दिखाया था. देखा जाए तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बहुत बड़े नाम वाले खिलाड़ी इस टीम का हिस्सा नहीं थे. सच पूछिए तो राजस्थान की टीम की ‘यूएसपी’ शुरू से यही रही है.


घरेलू खिलाड़ियों के दम पर इस टीम ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है. राजस्थान की टीम जब पहले सीजन में चैंपियन बनी थी तब भी उसके पास शेन वॉर्न को छोड़कर कोई बहुत बड़े नामों का ‘टैग’ नहीं था. इस सीजन में भी राजस्थान की टीम में अजिंक्य रहाणे, संजू सैमसन, जोफरा आर्चर को छोड़कर ज्यादातर नाम कम ही सुने हुए थे.

कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ प्लेऑफ में राजस्थान की टीम और कोलकाता की टीम के बीच का फर्क साबित हुए आंद्रे रसेल. आंद्रे रसेल ने 25 गेंद पर 49 रन बनाकर कोलकाता के स्कोर को 169 के संघर्ष कर सकते वाले टोटल तक पहुंचाया. गेंदबाजी के दौरान भी वो बिल्कुल सधे हुए नजर आए. आंद्रे रसेल ने तीन ओवर फेंके, जिसमें उन्होंने 22 रन दिए. आईपीएल में वेस्टइंडीज के जिन खिलाड़ियों ने धमाल किया है उसमें क्रिस गेल, सुनील नारायण, ड्वेन ब्रावो के साथ साथ उनका नाम भी जुड़ गया है. कोलकाता नाइट राइडर्स की इस जीत के बहाने आइए आईपीएल में कैरेबियन फ्लेवर के तड़के का आंकलन करते हैं.

कैरेबियन तड़का है दमदार
आईपीएल में कैरेबियन तड़का शुरू से ही बहुत ‘पापुलर’ रहा है. क्रिस गेल, ड्वेन ब्रावो, सुनील नरैन और आंद्रे रसेल जैसे खिलाड़ियों ने अपनी अपनी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया है. इस लिस्ट में कीरॉन पोलार्ड का नाम भी है, लेकिन उनके प्रदर्शन में ‘कंसिसटेंसी’ नहीं रही है. इस सीजन की बात करें तो क्रिस गेल ने किंग्स इलेवन पंजाब के लिए 11 मैचों में 368 रन बनाए. इसमें एक शतक भी शामिल है. क्रिस गेल ने 146 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए. सहवाग जैसे धुरंधर बल्लेबाज क्रिस गेल की पूरे सीजन में तारीफ करते रहे हैं.



क्रिस गेल के अलावा सुनील नारायण ने कोलकाता के लिए सभी 15 मैच खेले हैं. इन 15 मैचों में उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से कमाल किया है. उनके खाते में 331 रन है. उनकी स्ट्राइक रेट 190 के करीब है. इसके अलावा उन्होंने 15 मैचों में 16 विकेट भी चटकाए हैं. करीब 7 की इकॉनमी से गेंदबाजी कर उन्होंने टीम की कामयाबी में अहम रोल निभाया है.

नारायण के साथ साथ आंद्रे रसेल ने भी इस सीजन के सभी 15 मैच खेले हैं. इसमें उन्होंने 313 रन बनाए हैं. रसेल की स्ट्राइक रेट तो 190 से भी ज्यादा की है. उन्होंने 313 रन बनाने के साथ साथ 13 विकेट भी लिए हैं.

वेस्टइंडीज के ही ड्वेन ब्रावो भी अच्छी फॉर्म में हैं. उन्होंने इस सीजन के पहले ही मैच में चेन्नई को रोमांचक जीत दिलाई थी. वो अब तक 141 रन बना चुके हैं और 13 विकेट ले चुके हैं. निचले क्रम में धोनी ने बतौर बल्लेबाज उनका शानदार इस्तेमाल किया है.

इस मामले में कीरॉन पोलार्ड पर मुंबई इंडियंस ने जितना दांव लगाया था, वो कामयाब नहीं हुआ. उन्होंन सीजन के 9 मैचों में 133 रन बनाए हैं. पोलार्ड यूं तो गेंदबाजी भी करते हैं लेकिन इस सीजन में रोहित शर्मा ने उनसे गेंदबाजी नहीं कराई. जोफरा आर्चर ने राजस्थान रॉयल्स के लिए अच्छी गेंदबाजी की है. उनके खाते में 10 मैचों में 15 विकेट शामिल हैं.

नेशनल टीम से बाहर हैं लीगों के स्टार
पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड और खिलाड़ियों में तनातनी चल रही है. कभी मामला ठंढा होता है तो कभी जरूरत से ज्यादा गरमा जाता है. बोर्ड ने कई बार बड़े बड़े दिग्गज खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर कड़ा संदेश देने का ‘रिस्क’ भी लिया है. बावजूद इसके मामला कभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ. इसका असर ये हुआ कि वेस्टइंडीज़ की टीम अस्थिर रही.

कई खिलाड़ियों ने इसकी काट अलग तरीके से निकाल ली. क्रिस गेल समेत वेस्टइंडीज के कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो नेशनल टीम का हिस्सा भले ना हो लेकिन दुनिया भर में खेली जाने वाली टी-20 लीग में जरूर नजर आते हैं. जिससे उनकी अच्छी कमाई भी होती रहती है.