सलमान खान भारत में चाहे सभी कलाकारों से ज्यादा हिट फ़िल्में देकर देश में पिछले कुछ बरसों से बॉक्स ऑफिस के सुलतान बने हुए हैं. लेकिन अपने पड़ोसी देश चीन में सिनेमा प्रेमियों के सुलतान सिर्फ और सिर्फ आमिर खान हैं. चीन में न तो सलमान का जादू चल रहा है और न ही शाहरुख खान और ‘बाहुबली’ प्रभाष का. लेकिन आमिर खान चीन में लगातार दिन पर दिन जिस प्रकार लोकप्रिय हो रहे हैं, उससे भारतीय और चीन के फिल्मकार ही नहीं विश्व के सबसे बड़े फिल्म केंद्र हॉलीवुड के फिल्मकार भी सकते में हैं.


आमिर खान की फिल्मों ने चीन की फिल्मी दुनिया के परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है. उनकी सभी फ़िल्में वहां जिस तरह सफलता के नए आयाम बना रही हैं, उससे चीन में भारतीय फिल्मों का बाज़ार इतना विशाल हो गया है कि वहां के लोग तेजी से नए नए सिनेमाघर बनाने में जुट गए हैं. जो चीन अपने यहां भारतीय फिल्मों को प्रदर्शित करने के लिए तैयार नहीं होता था, आज वही चीन भारतीय फिल्मों और खास तौर से आमिर खान की फिल्मों को देखने के लिए बेचैन है. इसीलिए चीन आमिर की फिल्मों के लिए हॉलीवुड फिल्मों से ज्यादा कीमत देने के लिए भी तैयार है. आमिर खान आज चीन में अपनी फिल्म ‘दंगल’ के बाद तो कुछ वैसे ही लोकप्रिय हो गए हैं जैसे 1950 के दशक में, अपनी फिल्म ‘आवारा’ के बाद राज कपूर रूस में लोकप्रिय हो गए थे.


आमिर खान की ‘दंगल’ की अप्रत्याशित सफलता देख बहुत से लोगों का अनुमान था कि आमिर की तरह सलमान खान भी अपनी फिल्म ‘सुलतान’ से चीन में सुपर हिट रहेंगे. यही सोच कर पिछले दिनों यशराज फिल्म्स ने सलमान खान, अनुष्का शर्मा अभिनीत अपनी शानदार फिल्म ‘सुलतान’ को चीन में व्यापक स्तर पर बड़ी उम्मीदों के साथ 11 हज़ार स्क्रीन पर रिलीज़ किया, यहां तक इसके प्रतिदिन रिकॉर्ड 40 हज़ार शो रखे गए. लेकिन इस सबके बावजूद ‘सुलतान’ वहां चारों खाने चित हो गई. इतने धुआंधार शो के बाद भी ‘सुलतान’ ने वहां कुल 36 करोड़ रुपये ही एकत्र किये हैं. जबकि यशराज फिल्म्स की ‘सुलतान’ ने भारत में 300 करोड़ का नेट कारोबार करके सुपर हिट फिल्मों में अपना नाम दर्ज कराया था. लेकिन चीन के दर्शकों को ‘सुलतान’ रास नहीं आई.



यूं भारतीय फिल्मों के विदेशी बाज़ार के हिसाब से किसी एक देश में 36 करोड़ का बिजनेस कम नहीं होता. लेकिन चीन में कुछ समय से आमिर खान की फ़िल्में इससे कम स्क्रीन्स और इससे कम शो के बाद ऐसा बम्पर बिजनेस कर रही हैं कि सभी की आंखें खुली रह गई हैं. यहां तक इरफ़ान खान की फिल्म ‘हिंदी मीडियम’ ने भी हाल ही में वहां 220 करोड़ रुपये का कारोबार कर लिया था. जबकि पिछले साल आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ ने चीन में कुल 1205 करोड़ रुपये का बिजनेस करके नया अनोखा इतिहास रच दिया था. जबकि ‘दंगल’ को 9 हज़ार स्क्रीन्स पर ही रिलीज़ किया गया था. ऐसे ही इसी बरस आमिर खान की फिल्म ‘सीक्रेट सुपर स्टार’ ने भी चीन में करीब 11 हज़ार स्क्रीन्स पर लगकर 760 करोड़ रुपये अपनी झोली में डाल, बड़ी कामयाबी हासिल की थी. दिलचस्प यह है कि 20 करोड़ रुपये से भी कम लागत में बनी ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ ने अकेले चीन में 760 करोड़ रुपये का कारोबार कर सभी को चौंका दिया. हालांकि अपने देश में भी यह फिल्म सिर्फ 63 करोड़ रुपये का बिजनेस कर पाई थी. जबकि ‘दंगल’ ने तो 1205 करोड़ रुपये का अकेले चीन में जो बिजनेस किया उसके बारे में पहले किसी ने स्वप्न में भी नहीं सोचा था.


असल में जिस प्रकार आमिर खान ने सन् 2008 में अपनी फिल्म ‘गजनी’ से देश में पहली बार 100 करोड़ रुपये का बिजनेस करके फिल्मों की सफलता की नई परिभाषा रची. वैसे ही आमिर ने चीन में भी बरसों बाद भारतीय फिल्मों के लिए नए द्वार खोल, सफलता के नए मापदंड स्थापित कर दिए हैं. हाल के बरसों में चीन के लोगों की भारतीय फिल्मों के प्रति दीवानगी तब दिखी जब सन् 2011 में अप्रतय्क्ष माध्यम से आमिर खान की फिल्म ‘3 इडियट्स’ चीन में पहुंची. लेकिन अपने सीमित प्रदर्शन में भी इस फिल्म ने करीब 17 करोड़ रुपये का बिजनेस कर  लिया. आमिर का अभिनय और इस फिल्म का कॉन्सेप्ट ही चीनी दर्शकों को इतना पसंद आया कि उनका भारतीय फिल्मों को देखने के लिए मन मचलने लगा.



उधर जब चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग सन् 2014 में भारत आये तो भारत-चीन के संयुक्त तत्वाधान में फिल्म निर्माण के साथ चीन में भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन के लिए एक समझौता हुआ. साथ ही भारत सरकार ने ‘ब्रिक्स’ मंच से भी फिल्म समारोह और फिल्मों के परस्पर प्रदर्शन को लेकर भी कुछ ऐसे समझौतों को अहमियत दी गई. इसके बाद ही चीन में भारतीय फिल्मों का नियमित प्रदर्शन होने का मार्ग खुला. तभी चीन में तुरंत दो भारतीय फ़िल्में आमिर खान की ‘धूम-3’ और शाहरुख़ खान की ‘हैप्पी न्यू इयर’, दोनों दो-दो हज़ार स्क्रीन्स पर प्रदर्शित हुई. लेकिन ‘धूम-3’ ने जहां 24 करोड़ रुपये एकत्र किये, वहां ‘हैप्पी न्यू ईयर’ मात्र 1 करोड़ 68 लाख रुपये के व्यापार पर ही सिमट गयी. ऐसे ही शाहरुख़ की एक और फिल्म ‘फैन’ भी चीन में औंधे मुंह गिर गयी. यहां तक देश में सफलता के नए शिखर को छूने वाली ‘बाहुबली-2’ भी चीन में सिर्फ 80 करोड़ रुपये ही अपने नाम जमा कर सकी. जबकि ‘बाहुबली-1’ ने तो केवल 7.54 करोड़ का ही बिजनेस किया था. उधर आमिर की एक और फिल्म ‘पी के’ ने तो चीन में 107 करोड़ रुपये एकत्र कर,‘पी के’ को चीन में 100 करोड़ रुपये कमाने वाली पहली भारतीय फिल्म बना दिया.


यूं सलमान खान की चीन में ‘सुलतान’ दूसरी फिल्म है. इससे पहले उनकी फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ जब वहां रिलीज़ हुई थी तब उसने कुल 294 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. लेकिन इस बार तो बॉलीवुड के सुलतान, सलमान खान चीन में बुरी तरह पिछड़ गए. जबकि आमिर खान सभी को पीछे छोड़ते हुए वहां इतना आगे निकल गए हैं कि चीन के सिनेमा जगत की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है.


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