बुद्धवार को मुंबई इंडियंस की किस्मत एक बार फिर चमकी. मुंबई इंडियंस एक रोमांचक मुकाबले में किंग्स इंलेवन पंजाब को 3 रन से हराकर प्वाइंट टेबल में चौथी पायदान पर पहुंच गई.


अब तक खेले गए 13 मैचों में से मुंबई इंडियंस 6 मैच जीत चुकी है. यूं तो राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब ने भी अब तक खेले गए 13-13 मैचों में 6-6 जीत ही दर्ज की है लेकिन रन रेट के आधार पर वो मुंबई इंडियंस से पीछे है.

बुद्धवार को मुंबई इंडियंस ने किंग्स इलेवन पंजाब को जीत के लिए 187 रनों का लक्ष्य दिया था. लेकिन पंजाब की टीम 20 ओवर में 183 रन ही बना पाई. वो भी तब जबकि पंजाब के सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने 60 गेंद पर 94 रनों की शानदार पारी खेली. दरअसल मैच तब तक पंजाब के खाते में था जब उसे आखिरी दो ओवर यानी 12 गेंद पर 23 रन चाहिए थे. 19वां ओवर जसप्रीत बुमराह ने किया. उन्होंने ही मैच की बाजी काफी हद तक पलट दी. 19वें ओवर में पंजाब के बल्लेबाज जसप्रीत बुमराह की शानदार गेंदबाजी के सामने कुछ खास नहीं कर पाए.

बुमराह ने सिर्फ 6 रन दिए और केएल राहुल को आउट भी किया. केएल राहुल के आउट होने के बाद पंजाब की उम्मीद युवराज सिंह से थी लेकिन युवराज सिंह पूरे सीजन की बेरंगी का रंग खुद से एक बार फिर उतार नहीं पाए. असल में उनकी नाकामी ही पंजाब की हार भी बनी. जिस मैच में एक एक गेंद की कीमत थी उस मैच में उन्होंने 3 गेंद पर सिर्फ 1 रन बनाया और आउट होकर पवेलियन लौट गए. पंजाब को जीत के लिए आखिरी ओवर में 17 रन चाहिए थे, जो वो नहीं बना पाई और मुंबई को जीत मिली.

किस्मत और तुक्के की बदौलत चल रही है मुंबई
मुंबई इंडियंस के फैंस को ये बात अच्छी नहीं लगेगी लेकिन सच यही है कि मुंबई इंडियंस की टीम तुक्के और किस्मत की बदौलत चल रही है. ये मुंबई इंडियंस की किस्मत ही थी कि सीजन में अपनी फॉर्म से जूझ रहे कीरॉन पोलार्ड पंजाब के खिलाफ अपनी असली फॉर्म में आए. उन्होंने सिर्फ 23 गेंद पर 50 रन जड़ दिए. इस सीजन का ये उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है. इससे पहले पोलार्ड ने 7 मैचों में सिर्फ 76 रन बनाए थे.

मुंबई का तुक्का इसलिए भी लगा क्योंकि पंजाब की टीम ने अपनी बल्लेबाजी क्रम का सही इस्तेमाल नहीं किया. मैच के दौरान भी इस बात पर चर्चा हो रही थी कि अक्षर पटेल को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजने का फैसला ठीक नहीं था. अक्षर पटले ‘प्रमोशन’ पाकर ऊपर बल्लेबाजी करने तो गए लेकिन 8 गेंद पर सिर्फ 10 रन ही बना पाए. जो जीत दिलाने के लिए नाकाफी था. हां, मुंबई की टीम की तरफ से कुछ अच्छा प्रदर्शन हुआ तो वो था जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी और मुंबई की फील्डिंग.

पिछले साल फाइनल में भी ऐसे ही चमकी थी मुंबई
पिछले सीजन का फाइनल इसलिए याद आ रहा है क्योंकि पिछले सीजन में मुंबई ने 1 रन से फाइनल मैच जीता था. फाइनल में मुंबई का मुकाबला पुणे से था. मुंबई की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 129 रन ही बना पाई थी. 130 रनों का लक्ष्य बहुत छोटा था. ऐसा लग रहा था कि मुकाबला पुणे आसानी से जीत लेगी. ये भी संयोग ही है कि उस मैच में भी पुणे को आखिरी दो ओवरों में जीत के लिए 23 रन चाहिए था.

उस मैच में बुमराह ने 17वां और 19वां ओवर किया था. खैर, आखिरी ओवर में जीत के लिए पुणे को सिर्फ 11 रन चाहिए थे. स्टीवन स्मिथ और मनोज तिवारी के क्रीज पर रहते ये कहीं से मुश्किल लक्ष्य नहीं था. नाटक तब शुरू हुआ जब मिचेल जॉनसन ने लगातार दो गेंद पर स्मिथ और मनोज तिवारी को आउट कर दिया. इसके साथ ही बाजी पलटी और मुंबई की टीम ने आखिरकार सिर्फ 1 रन से फाइनल जीत लिया था.