अगर आप स्पिन गेंदबाजों के इकॉनमी रेट का सूक्ष्म आंकलन करने बैठेंगे तो हो सकता है कि आपको लगे कि स्पिन गेंदबाज अभी तक हुए शुरूआती मैचों में महंगे साबित हुए हैं. कुछ हद तक ये बात सच भी है.


लेकिन बड़ा सच ये है कि आईपीएल में अब सभी कप्तान स्पिन गेंदबाजों पर बड़ा दाव लगा रहे हैं. उन्हें स्पिन गेंदबाजों में ‘स्ट्राइकिंग’ गेंदबाज नजर आ रहा है. जो जमी जमाई जोड़ियों को तोड़ने का काम करे. जैसे जैसे आईपीएल आगे बढ़ेगा स्पिन गेंदबाज इस रोल को बखूबी निभाते दिखेंगे.

स्पिन गेंदबाजों के पक्ष में आज भी ये आकड़े हैं कि आईपीएल के इतिहास में सबसे किफायती गेंदबाज के तौर पर सुनील नारायण हैं. कुलदीप यादव और चहल जैसे गेंदबाजों ने आईपीएल के दम पर ही टीम इंडिया में जगह बनाई है. अब याद कीजिए वो वक्त जब एक से बढ़कर एक तुर्रम स्पिन गेंदबाज के आईपीएल में हाथ पाव फूले रहते थे. 4 ओवर का कोटा अगर धुनाई के बिना निकल जाए तो स्पिनर राहत की सांस लेते थे.

जैसे जैसे 20-20 का फॉर्मेट थोड़ा पुराना हुआ समझदार स्पिन गेंदबाजों ने खुद को इस फॉर्मेट में ढाल लिया. आज हालत ये हो चुकी है कि एक मैच में एक ही टीम की तरफ से तीन-तीन स्पिन गेंदबाज मैदान में उतर रहे हैं. स्पिन गेंदबाजों ने अपने कप्तानों का भरोसा भी जीता है. वो बल्लेबाजों को मनमाफिक शॉट्स खेलने से रोक रहे हैं. पलक झपकते ओवर खत्म कर रहे हैं.



साथ ही साथ या तो रनों की रफ्तार पर लगाम लगा रहे हैं या विकेट झटक रहे हैं. मौजूदा सीजन में लगभग सभी टीमों ने अपने साथ कम से कम तीन ‘क्वालिटी’ स्पिनर को रखा है. ये स्पिन गेंदबाजों पर बढ़े भरोसे का ही नतीजा है कि किंग्स इलेवन पंजाब ने तो अपनी टीम की कमान ही स्पिन गेंदबाज आर अश्विन को सौंप दी है. जो आम बात नहीं है.

शुरूआती मैचों में खूब दिख रहे हैं स्पिन गेंदबाज

अभी जीत हार को एक तरफ रख देते हैं अभी सिर्फ ये देखते हैं कि कप्तानों को अपने स्पिनरों पर किस कदर भरोसा है. पहले मैच में मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स दोनों ही टीमें कई स्पिनर के साथ मैदान में उतरीं. मुंबई की तरफ से मयंक मारकंडे ने शानदार गेंदबाजी की. उन्होंने 4 ओवर में 23 रन देकर 3 विकेट झटके. जिसमें कप्तान धोनी का विकेट भी शामिल था. चेन्नई की तरफ से तो हरभजन सिंह, रवींद्र जडेजा और इमरान ताहिर मैदान में थे. इन तीनों स्पिनरों ने कुल मिलाकर 5 ओवर ही किए लेकिन धोनी ने इनके जरिए हमले की तैयारी पूरी की थी.

अगले मैच में पंजाब ने भी 3 स्पिनर खिलाए. आर अश्विन के साथ मुजीब उर रहमान और अक्षर पटेल मैदान में थे. दिल्ली की तरफ से राहुल तेवतिया और अमित मिश्रा प्लेइंग 11 में शामिल थे. कोलकाता के कप्तान दिनेश कार्तिक ने तो पीयूष चावला, कुलदीप यादव और सुनील नारायण को मैदान में उतारा. इन तीनों गेंदबाजों ने मिलकर 11 ओवर किए. कार्तिक ने एक ओवर नीतिश राना से कराया जो स्पिन गेंदबाजी करते हैं.

जवाब में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने यजुवेंद्र चहल और वाशिंगटन सुंदर को प्लेइंग 11 का हिस्सा बनाया था. राशिद खान और शकीब अल हसन जैसे स्पिन गेंदबाज भी चौथे मैच में मैदान में नजर आए. अभी पहला हफ्ता भी नहीं बीता है और क्रिकेट फैंस लगभग एक दर्जन स्पिन गेंदबाजों को अलग अलग टीमों में देख चुके हैं.

स्पिनर्स पर भरोसे की वजह क्या है

दरअसल, आईपीएल जिस वक्त खेला जा रहा होता है उस वक्त देश में गर्मी का मौसम रहता है. पिचें सूखी होती हैं. देश के कुछ स्टेडियमों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर मैदानों की पिच पर घास ना के बराबर ही होती है. पिच में ‘क्रैक’ भी होता है. ऐसे में तेज गेंदबाजों के मुकाबले स्पिन गेंदबाज ज्यादा असरदार दिखते हैं. पिच से उन्हें कुछ मदद मिलती है. यही वजह है कि पिछले कुछ सीजन में लगभग सभी टीमों ने अपने प्लेइंग 11 में स्पिन गेंदबाजों को तवज्जो दी है.