टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए मयंक को इंतज़ार ज़रूर करना पड़ा था लेकिन अपनी जगह उन्होंने बहुत जल्दी पक्की कर ली. जिस टीम में विराट कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा जैसे स्टार बल्लेबाज़ हों उसमें उन्होंने बहुत कम समय में अपना नाम कमाया. ऐसा लगता है कि मयंक अग्रवाल को दो सौ का आँकड़ा पसंद है. एक समय में वीरेंद्र सहवाग के बारे में कहा जाता था कि उन्हें बड़े शतक लगाना अच्छा लगता है. फिर यही बात लिमिटेड ओवर के खेल में रोहित शर्मा के बारे में कहा जाने लगी. अब मयंक अग्रवाल इसी कड़ी में नया नाम हैं. बांग्लादेश के खिलाफ इंदौर टेस्ट में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी कर फैंस को अपना दीवाना बना दिया. मयंक पूरी तरह बांग्लादेश के गेंदबाजों पर हावी रहे. गेंदबाज़ मयंक को आउट करने की हर कोशिश करते रहे. लेकिन उनकी कोशिशें नाकाम रहीं. मयंक ने एक और दोहरा शतक जड़ दिया. उनके दोहरे शतक की बदौलत भारतीय टीम बेहदमज़बूत स्थिति में है और टेस्ट मैच अगर तीसरे दिन ही उसकी झोली में आ जाता है तो किसी को कोई ताज्जुब नहीं होगा.


इंदौर टेस्ट में मयंक की बल्लेबाज़ी की खूबियां


इंदौर टेस्ट में मयंक की बल्लेबाज़ी में ग़ज़ब का संतुलन था. यानी स्पिन और तेज गेंदबाज़ों का सामना करते समय उनके शरीर का संतुलन लाजवाब था. एक परिपक्व बल्लेबाज़ की तरह उन्हें हर वक्त अपने ऑफ स्टंप का अंदाज़ा था. इसीलिए उनका बॉल सेंस भीपरफ़ेक्ट दिखा. उन्होंने गेंद को देरी से खेला. स्पिन गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ उन्होंने जिस तरह छक्के लगाए वो ये बताने के लिए काफ़ी हैंकि उनका फुटवर्क कितना कमाल का है. स्पिन गेंदबाज़ों के खिलाफ उन्होंने पुल शॉट्स भी खेले. जिससे पता चलता है कि उन्होंने गेंदकी लेंथ को समय से काफ़ी पहले भाँप लिया. स्पिनर्स के ख़िलाफ़ एक्सट्रा कवर की तरफ़ उन्होंने खूबसूरत शॉट्स लगाए. ये जानना भीदिलचस्प है कि रोहित शर्मा के बाद वो दूसरे भारतीय बल्लेबाज़ बन गए जिन्होंने छक्के के साथ अपना दोहरा शतक पूरा किया. ये लगातार चौथा टेस्ट मैच है जब भारत की तरफ़ से किसी बल्लेबाज़ ने दोहरा शतक जड़ा है. इसमें रोहित शर्मा, विराट कोहली के अलावा मयंक के दो दोहरे शतक शामिल हैं.


पारखी नज़र और क़िस्मत का खेल


इंदौर टेस्ट के पहले दिन 37 रन के स्कोर पर नॉट आउट रहे मयंक ने दूसरे दिन बांग्लादेश के गेंदबाजों के ख़िलाफ़ मोर्चा संभाला. मयंक जब अपने शतक से 18 रन दूर थे तो गेंदबाद महंदी हसन ने उनके खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील की. फील्ड अंपायर ने मयंक कोआउट करार भी दिया. लेकिन मयंक इस फ़ैसले से संतुष्ट नहीं थे उन्होंने डीआरएस लिया और फिर फैसला उनके हक में आया. जिसके बाद मयंक ने बांग्लादेश को कोई मौक़ा नहीं दिया. खास बात ये है कि पिछले 4 टेस्ट में मयंक का ये तीसरा शतक जिसमें एक दोहराशतक भी शामिल है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी उन्होंने शानदार फ़ॉर्म दिखाई थी. इंदौर में मयंक ने रोहित के जल्दी पवेलियन लौटने के बाद दूसरे विकेट के लिए पुजारा के साथ 91 रन की अहम साझेदारी भी की. कप्तान विराट कोहली के बग़ैर खाता खोलेआउट होने के बाद मयंक अग्रवाल और उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने पारी को आगे बढ़ाया और दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए190 रन की साझेदारी हुई. मयंक अग्रवाल की परफ़ॉर्मेंस ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों के लिए आईना है कि टीम में जगह मिलने केबाद कैसे जगह पक्की की जाती है और कप्तान के साथ साथ फैंस का भरोसा जीता जाता है.