2019 की महाभारत का पांचवां अध्याय पूरा हुआ और सत्ता की जंग भी शिखर पर पहुंच गई। पांचवे दौर में सीटें भी दिग्गजों की रायबरेली में सोनिया गांधी तो लखनऊ में राजनाथ सिंह और सबसे अहम अमेठी जहां सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को 2014 से पटखनी देने को बेताब मोदी की सिपहसालार स्मृति ईरानी। जंग के अहम दिन जुबानी जंग भी सबसे तीखी नज़र आई।


स्मृति के निशाने पर राहुल गांधी हैं और राहुल गांधी के निशाने पर पीएम मोदी। राहुल जानते हैं कि कांग्रेस मुक्त भारत का संकल्प लेकर चुनाव प्रचार में खासतौर पर गांधी परिवार को निशाना बनाने वाले पीएम मोदी का सबसे बड़ा टारगेट सोनिया गांधी और राहुल गाँधी ही हैं। इसीलिए इस बार चुनाव में रायबरेली और अमेठी में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी। ऐसे में राहुल भी पूरे राशन-पानी के साथ पीएम मोदी पर हमलावर हैं।


गांधी परिवार और पीएम मोदी की ये जंग अमेठी और रायबरेली के चुनाव से पहले ही बेहद तल्ख हो चुकी है। चौकीदार को लेकर राहुल गांधी के बयान का सबसे करारा जवाब पीएम मोदी ने दो दिन पहले दिया। पीएम मोदी ने राहुल के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'मिस्टर क्लीन' का जीवनकाल 'भ्रष्टाचारी नम्बर वन' के रूप में खत्म हुआ।


जवाब में राहुल और प्रियंका दोनों ने पलटवार किया। राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि - 'मोदीजी, लड़ाई खत्म हो चुकी है। आपके कर्म आपका इंतजार कर रहे हैं। खुद के बारे में अपनी आंतरिक सोच को मेरे पिता पर थोपना भी आपको नहीं बचा पाएगा। सप्रेम और झप्पी के साथ- राहुल'।


वहीं प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमला बोला और कहा कि 'शहीदों के नाम पर वोट मांगकर उनकी शहादत को अपमानित करने वाले प्रधानमंत्री ने अपनी बेलगाम सनक में एक नेक और पाक इंसान की शहादत का निरादर किया। जवाब अमेठी की जनता देगी जिनके लिए राजीव गांधी ने अपनी जान दी। हां मोदीजी ‘यह देश धोखेबाज़ी को कभी माफ नहीं करता।'


इन जुबानी तीरों से साफ है कि 2019 की सियासी जंग कई मौकों पर निजी जंग तक पहुंच जाती है। असल में ये पूरी लड़ाई मोदी बनाम गांधी परिवार में तब्दील नज़र आती है। इस जंग में भाजपा आगे भी नज़र आती है और आत्मविश्वास से भरी हुई भी लेकिन भाजपा के दिग्गज नेता राम माधव का बयान भाजपा के तमाम दावों को कठघरे में खड़ा करता है। एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू राममाधव ने कहा कि 'भाजपा बहुमत से दूर रह सकती है'। भाजपा को उत्तर भारत के उन राज्यों में संभावित तौर पर नुकसान हो सकता है जहां 2014 में रिकॉर्ड जीत मिली थी। हालांकि पूर्वोत्तर में भाजपा को फायदा मिलेगा। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा बहुमत से पीछे रह सकती है, लेकिन एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलेगा।


2019 की महाभारत के तमाम चक्रव्यूह और दांव और भाजपा के दिग्गज नेता की बातों से सवाल खड़े होते हैं कि क्या पीएम मोदी दोहरा पाएंगे 2014 का करिश्मा ? क्या अमेठी में गांधी परिवार का किला ढहा पाएंगी स्मृति ईरानी, पांचवें दौर के मतदान के बाद किस पार्टी को कितना नफा-नुकसान ?


भाजपा की स्थिति कांग्रेस के मुकाबले मजबूत जरूर है, लेकिन राम माधव का बयान जो आशंका जता रहा है उसे खारिज नहीं किया जा सकता। खुद पीएम मोदी को भी इस बात की आशंका है इसीलिए उन्होंने वाराणसी में अपने नामांकन के बाद कहा था कि उनकी जीत तय मानकर जनता मतदान में लापरवाही ना दिखाए। कांग्रेस इस बात से राहत महसूस कर सकती है कि वो अपने सबसे खराब प्रदर्शन शायद 2014 में कर चुकी है, इसलिए उसे फायदा ही होगा, लेकिन मामूली फायदा कांग्रेस की सत्ता में वापसी नहीं करा सकता। यूपी के क्षत्रप भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। यानी उत्तर प्रदेश में भाजपा अगर 2014 का रिकॉर्ड नहीं दोहरा पाई तो केंद्र में उसकी राह मुश्किल हो सकती है।