कानपुर में न्यूजीलैंड को आखिरी ओवर में जीत के लिए 15 रन चाहिए थे. आधुनिक क्रिकेट में 6 गेंद पर 15 रन कोई असंभव लक्ष्य नहीं है. वो भी तब जब बल्लेबाज ने पिछले ओवर में छक्का लगाया हो. बावजूद इसके भारतीय टीम को जीत मिली. आखिरी 6 गेंद पर जसप्रीत बुमराह ने कमाल की गेंदबाजी की. उन्होंने अपनी लाइन लेंथ पर जिस शानदार तरीके से काबू किया उससे समझ आया कि वो बड़े मैचों में मुश्किल हालात में अपनी भावनाओं पर काबू करना सीख गए हैं. बुमराह की गेंदबाजी की तारीफ बड़े बड़े दिग्गज खिलाड़ी भी कर रहे हैं.


बुमराह से पहले बल्लेबाजी में रोहित शर्मा और विराट कोहली ने शानदार प्रदर्शन किया था. दोनों ही बल्लेबाजों ने शानदार शतक बनाए. ऐसे में जब कानपुर वनडे सीरीज का निर्णायक मैच बन गया था तब टीम के कई खिलाड़ी एक साथ ‘क्लिक’ कर गए और आखिरकार भारत को सातवीं वनडे सीरीज में जीत मिली. धोनी ने भी विकेट के पीछे से शानदार काम किया.

बुमराह की गेंदबाजी बनी निर्णायक  

जसप्रीत बुमराह ने आखिरी ओवर में शानदार गेंदबाजी करने से पहले न्यूजीलैंड के टॉप ऑर्डर को भी झटका दिया था. उन्होंने सबसे पहले मार्टिन गुप्टिल को दिनेश कार्तिक के हाथों कैच कराके न्यूजीलैंड को पहला झटका दिया. गुप्टिल के जोड़ीदार मुनरो ने जिस धमाकेदार अंदाज में शुरूआत की थी उसमें टीम इंडिया को एक ‘ब्रेकथ्रू’ की सख्त जरूरत थी. बुमराह ने यही ‘ब्रेकथ्रू’ दिलाया. इसके बाद जसप्रीत बुमराह ने रॉस टेलर का अहम विकेट भी लिया. न्यूजीलैंड के मिडिल ऑर्डर में टेलर सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज हैं. उन्होंने अच्छी शुरूआत भी की थी और विश्वास से भरे नजर आ रहे थे लेकिन बुमराह ने उनकी मन:स्थिति को भांपते हुए एक धीमी ऑफकटर पर उन्हें चकमा दिया. उनके बल्ले को छूकर गेंद केदार जाधव के हाथ में चली गई.

टेलर के आउट होने के बाद ही भारतीय खिलाड़ियों में विश्वास लौटा. सैंटनर को भी आउट करने में जसप्रीत बुमराह की रणनीति काम आई. धोनी ने बुमराह को कुछ समझाया और बुमराह ने सैंटनर को फुलटॉस गेंद फेंकी. जिसे सैंटनर अति आक्रामकता की वजह से बल्ले से बीच से नहीं खेल पाए और कैच थमा बैठे. इससे पहले टॉम लैथम को रन आउट करने में भी जसप्रीत बुमराह ने अपने तनाव को काबू में रखा और सीधे स्टंस पर ‘थ्रो’ लगाने में वो चूके नहीं. हालांकि बाद में धोनी ने उन्हें समझाया कि वो चाहते तो दौड़कर जाकर भी स्टंप्स बिखेर सकते थे. जिसे लेकर मैदान में सभी के चेहरे पर मुस्कान दिखाई दी.

रोहित विराट की शानदार बल्लेबाजी

भारत की तरफ से विराट कोहली और रोहित शर्मा ने शानदार शतक लगाए. विराट कोहली तो सीरीज में एक शतक पहले भी लगा चुके थे लेकिन रोहित शर्मा पर दबाव था. रोहित पिछले टी-20 और वनडे मैच में दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाए थे. ऐसे में उन्होंने भी शानदार बल्लेबाजी की. रोहित शर्मा की बल्लेबाजी में शुरू से ही विश्वास दिखाई दिया. उन्होंने 52 गेंद पर अपना अर्धशतक पूरा किया. 106 गेंद पर अपना शतक पूरा किया. इसके साथ साथ उन्होंने एक बार फिर ये साबित किया कि वो बड़े शतक लगाने के मास्टर हैं. 138 गेंद पर 147 रनों की उनकी पारी इस बात को साबित करती है. अपनी इस पारी में उन्होंने 18 चौके और 2 छक्के लगाए. खास बात ये है कि रोहित शर्मा जब आउट हुए तब करीब 9 ओवर का खेल बाकी था यानी अभी करीब 50 गेंद और फेंकी जानी थी. अगर रोहित शर्मा मैच के आखिरी ओवर तक टिके रहते तो वो एक और दोहरा शतक बना सकते थे.



विराट कोहली की पारी तो खैर कमाल की थी ही. उन्होंने 96 गेंद पर शतक लगाया. इसमे 8 चौके और 1 छक्का शामिल था. यानी अपने शतक में 60 फीसदी से ज्यादा रन उन्होंने दौड़कर बनाए थे जो क्रिकेट के मौजूदा फॉर्मेट में उनकी रणनीति और काबिलियत दोनों का अंदाजा लगाने के लिए काफी है. अंत में बात महेंद्र सिंह धोनी की, जिन्होंने विकेट के पीछे से आखिरी ओवर में जिस तरह से मैच को संभाला उससे करोड़ों हिंदुस्तानियों की जुबां पर फिर से धोनी धोनी आ गया.