वियतनाम की प्रमुख इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी VinFast Auto Ltd. ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन (Thoothukudi) में 500 मिलियन डॉलर (करीब ₹4,200 करोड़) की लागत से अपना तीसरा ग्लोबल और पहला भारतीय मैन्युफैक्चरिंग प्लांट शुरू कर दिया है. यह प्लांट न केवल भारत के घरेलू बाजार को टारगेट करेगा, बल्कि इसे दक्षिण एशिया, मिडल ईस्ट और अफ्रीका के लिए एक EV एक्सपोर्ट हब के तौर पर डेवलप किया जाएगा.

क्या है प्लांट की खासियत?

  • VinFast के इस प्लांट की शुरुआती प्रोडक्शन कैपेसिटी हर साल 50,000 गाड़ियां बनाने की रखी गई है. आने वाले समय में इसे बढ़ाकर 1.5 लाख यूनिट्स प्रति साल तक किया जाएगा. इस प्लांट में कंपनी की पॉपुलर प्रीमियम इलेक्ट्रिक SUVs – VF6 और VF7 बनाई जाएंगी. ये गाड़ियां सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में एक्सपोर्ट करने के लिए भी तैयार की जाएंगी.

ग्लोबल EV टारगेट

  • विनफास्ट ने 2024 में दुनियाभर में 97,399 EVs की डिलीवरी की थी और अब उसका टारगेट है कि 2025 में 2 लाख यूनिट्स डिलीवर की जाएं. 2025 की पहली छमाही में ही 72,100 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की जा चुकी है.
  • भारत में कंपनी ने सूरत में अपना पहला शोरूम खोल दिया है और 2025 के अंत तक 27 शहरों में 35 डीलरशिप खोलने की योजना है. इसके अलावा, वाहनों की बिक्री इसी महीने शुरू हो सकती है, और कीमतों की घोषणा जल्द होने की उम्मीद है.

लोकल सप्लाई चेन पर फोकस

  • विनफास्ट ‘मेक इन इंडिया’ के तहत स्थानीय कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पर विशेष जोर दे रही है. कंपनी भारत में इंडस्ट्रियल पार्क्स के अंदर वेंडर यूनिट्स स्थापित करवा रही है ताकि अधिकतम लोकल कंटेंट का उपयोग हो सके. वियतनाम की एक प्रमुख प्लास्टिक निर्माता कंपनी भी भारत में यूनिट लगाने की योजना बना रही है, जिससे लोकलाइजेशन को और मजबूती मिलेगी.

भारत से होगी अंतरराष्ट्रीय सप्लाई

  • VinFast Asia के CEO फान सांह चाऊ ने कहा कि यह प्लांट सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि एक एक्सपोर्ट ओरिएंटेड हब की तरह काम करेगा, जिससे कंपनी इंडोनेशिया, फिलीपींस, नेपाल, मॉरीशस, श्रीलंका और अफ्रीका जैसे बाजारों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी.

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