केंद्र सरकार के साथ-साथ कई राज्य भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर सब्सिडी दे रहे हैं और हरियाणा भी अब इस लिस्ट में शामिल है. अभी तक हरियाणा में सिर्फ 40 लाख रुपये से महंगी इलेक्ट्रिक कारों पर ही सब्सिडी मिलती थी, लेकिन अब सरकार सस्ती इलेक्ट्रिक कारों पर भी सब्सिडी देने की तैयारी कर रही है. अगर आप हरियाणा में रहते हैं और 40 लाख रुपये से कम की इलेक्ट्रिक कार खरीदना चाहते हैं, तो जल्द ही आपको बड़ी छूट मिल सकती है.
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
- हरियाणा सरकार की EV पॉलिसी 2022 के तहत पहले 15 लाख से 40 लाख रुपये की कीमत वाली इलेक्ट्रिक कारों पर 15% सब्सिडी मिलती थी, जो ज्यादा से ज्यादा 6 लाख रुपये तक हो सकती थी. लेकिन यह स्कीम 31 मार्च 2024 को खत्म हो गई थी. उसके बाद सिर्फ 40 लाख से ज्यादा कीमत वाली महंगी इलेक्ट्रिक कारों पर ही सब्सिडी दी जा रही थी, जिससे सस्ती कारें इस लाभ से बाहर हो गई थीं.
- इस वजह से सब्सिडी का फायदा सिर्फ अमीर लोगों को मिल रहा था और आम लोग इलेक्ट्रिक कार नहीं खरीद पा रहे थे. अब सरकार फिर से यह योजना आम जनता के लिए लागू करने की तैयारी कर रही है ताकि ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक कार खरीद सकें.
क्या कहती है सरकार?
- राज्य के उद्योग और वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने हाल ही में एक बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मौजूदा नियमों में बदलाव करें. उन्होंने कहा कि सब्सिडी का फायदा सिर्फ लक्जरी वाहनों के खरीदारों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे आम लोगों और डेली यूज व्हीकल्स पर भी लागू किया जाना चाहिए.
- दरअसल, सरकार की सोच यह है कि यदि आम जनता को सस्ती इलेक्ट्रिक कारों, स्कूटर और थ्री-व्हीलर पर सब्सिडी मिलेगी तो पर्यावरण के लिए फायदेमंद इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को तेजी से अपनाया जाएगा.
नए बदलाव से क्या होगा फायदा?
- अगर सरकार की नई नीति लागू हो जाती है तो सस्ती इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में तेजी आएगी. टाटा टियागो EV, टाटा पंच EV, MG Comet EV जैसी किफायती गाड़ियों को सब्सिडी मिलना शुरू होगी, जिससे इनकी ऑन-रोड कीमत लाखों रुपये तक कम हो सकती है. इसके अलावा, इलेक्ट्रिक स्कूटर और थ्री-व्हीलर जैसे वाहनों को भी प्राथमिकता देने की योजना है. ऐसे वाहन डेली ट्रांसपोर्ट के लिए ज्यादा उपयोगी होते हैं और बड़ी संख्या में खरीदे जाते हैं.
EV बिक्री में दिख रही है ग्रोथ
- सरकार की यह योजना ऐसे समय में आई है जब देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है. अप्रैल से जून 2025 के बीच भारत में 5,30,386 EVs रजिस्टर हुईं, जो पिछले साल के मुकाबले 34% अधिक हैं. इससे साफ है कि अब भारतीय ग्राहक ईवी टेक्नोलॉजी को अपनाने लगे हैं और यदि सब्सिडी जैसी सुविधा दी जाए तो यह ट्रेंड और भी मजबूत हो सकता है.
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