Second-Hand Car Business: भारत में सेकंड-हैंड कार के मार्केट में तेजी आने वाली है. अगले 10 साल में इस कारोबार में बंपर उछाल देखने को मिल सकता है. सेकंड-हैंड कारों के कारोबार के बारे में Cars24 के सीईओ विक्रम चोपड़ा का कहना है कि साल 2034 तक सेकंड-हैंड कार का कारोबार 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. हर साल सेकंड-हैंड गाड़ियों के बिजनेस में 15 फीसदी की बढ़त देखने को मिल सकती है.


सेकंड-हैंड कार का बढ़ता कारोबार


Cars24 के सीईओ विक्रम चोपड़ा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए बताया कि 'हमारी इंटरनल स्टडी के मुताबिक, भारत में यूज्ड कार के मार्केट की सालाना ग्रोथ (CAGR) 15 फीसदी की दर से बढ़ने वाली है. विक्रम चोपड़ा ने आगे बताया कि साल 2023 में जो कारोबार 25 बिलियन डॉलर पर पहुंचा है, वो साल 2034 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है.'


हालिया 3-4 साल में मार्केट में आई तेजी


Cars24 के सीईओ ने बताया कि 'जब 8 साल पहले कार्स24 की शुरुआत की थी, उस समय यूज्ड कार का मार्केट 10-15 बिलियन डॉलर का था. मुझे लगता है कि पिछले 3 से 4 साल में, जब से मार्कट में कई तरह की गाड़ियां आ गई हैं, तब से ये कारोबार और भी तेजी से चल रहा है.'


क्यों बढ़ रहा है यूज्ड कार का बिजनेस?


यूज्ड कार के लगातार बढ़ रहे बिजनेस को लेकर भी विक्रम चोपड़ा ने अपनी बात रखी. Cars24 के सीईओ ने बताया कि 'इस बढ़ते कारोबार के कई फैक्टर्स हैं.' विक्रम चोपड़ा ने बताया कि 'लगातार शहरों का विकास हो रहा है, मिडिल क्लास परिवार भी आगे बढ़ रहे हैं, जिससे लोगों की जरूरतें बदल रही हैं. साथ ही लोग की अफोर्ड करने की चॉइस में भी बदलाव देखने को मिल रहा है.' आज के समय में मिडिल क्लास परिवार सेकंड-हैंड कार खरीदने के लिए सक्षम बन रहे हैं.


भारत में है काफी स्कोप


भारत में कार खरीदारों की संख्या बाकी देशों की तुलना में काफी कम है. एक तरफ जहां यूरोप, अमेरिका और चीन में 80 से 90 फीसदी लोगों के पास गाड़ियां हैं. वहीं भारत में करीब 8 फीसदी लोग ही ऐसे हैं, जिनके पास अपनी कार है. इसी को लेकर विक्रम चोपड़ा ने कहा कि 'अभी हमारे पास यहां से एक बड़ा रास्ता तय करने के लिए है.'


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