Rolls Royce: रोल्स-रॉयस 19 जनवरी, 2024 को अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार, स्पेक्टर के आधिकारिक लॉन्च के साथ भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में एंट्री करेगी. लॉन्च का यह कदम नवंबर 2023 में चेन्नई में पहली स्पेक्टर यूनिट की डिलीवरी के बाद लिया गया है. पॉपुलर फैंटम और घोस्ट के बीच स्थित, स्पेक्टर की शुरुआती एक्स शोरूम कीमत ₹7-9 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है.


पावरट्रेन 


अन्य रोल्स-रॉयस मॉडलों से अलग स्पेक्टर के प्रत्येक पहिये पर पॉवर देने के लिए एक इलेक्ट्रिक मोटर के साथ V12 इंजन को रिप्लेस करेगा, जिससे यह एक दमदार 4WD कार बन जाएगी. इस ईवी कूप में एक पॉवरफुल 430 किलोवाट और 900 एनएम ड्राइवट्रेन है, जो इसे केवल 4.4 सेकंड में 0 से 100 किमी/घंटा की स्पीड तक पहुंचा देता है. इसमें 323 मील (520 किमी) की रेंज दे के लिए एक मजबूत 102 किलोवाट का बैटरी पैक है. 


कई शानदार खूबियों से लैस


स्पेक्टर का बाहरी डिजाइन काफी आकर्षक है, जिसमें अब तक की सबसे चौड़ी रोल्स-रॉयस ग्रिल शामिल है. 'स्पिरिट ऑफ एक्स्टसी' अपने शार्प पंखों के साथ बेहतर एरोडायनामिक्स मिलता है, जिससे 0.25cd का ड्रैग कोफिशियंट मिलता है; जो इसे अब तक का सबसे एयरोडायनेमिक रोल्स-रॉयस बनती है. रोल्स-रॉयस ने स्पेक्टर के इंटीरियर के लिए बहुत सारे खास एलिमेंट्स को जोड़ा है. स्पेक्टर को स्टारलाईट दरवाजों से भी लैस किया जा सकता है, जिसमें 4,796 स्टार लाइटिंग्स शामिल हैं, जो रोल्स-रॉयस सीरीज में पहली बार देखने को मिलेगा. 


टेक्नोलॉजी के तौर पर स्पेक्टर, स्पिरिट से लैस है, जो व्हीकल कार्यों को संभालने वाला और व्हिस्पर एप्लिकेशन के साथ इंटीग्रेटेड सिस्टम है. यह यूजर को दूर से अपनी कार से जुड़ने और इस लग्जरी कार के साथ रियल टाइम पहुंच का एक्सेस देता है. हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में अपग्रेड के साथ प्लेनर सस्पेंशन सिस्टम, स्पेक्टर के 2,975 किलोग्राम वजन को भी आराम से संभाल सकती है. 


2030 तक फुली इलेक्ट्रिक हो जाएगी कंपनी


कंपनी का लक्ष्य 2030 के अंत तक अपने पूरे पोर्टफोलियो को इलेक्ट्रिक में तब्दील करना है, जो ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी के प्रति उनके दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है. रोल्स-रॉयस मोटर कार्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉर्स्टन मुलर-ओटवोस ने कहा कि स्पेक्टर उन खूबियों का प्रतीक है जिन्होंने रोल्स-रॉयस की विरासत को डिफाइन किया है. इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर कदम रोल्स-रॉयस के सह-संस्थापक चार्ल्स स्टीवर्ट रोल्स के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिन्होंने 1900 में इलेक्ट्रिक कारों की शांत और स्वच्छ प्रकृति को पहचाना था. 


पहले से ज्यादा मजबूत


स्पेक्टर, जिसे फैंटम कूपे का सक्सेसर माना जाता है, रोल्स-रॉयस 3.0 प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है, जो इलेक्ट्रिफिकेशन और संबंधित टेक्नोलॉजी पर जोर देता है. यह प्लेटफ़ॉर्म अब अपने थर्ड जेनरेशन में है, और इसमें पिछले रोल्स-रॉयस मॉडल की तुलना में टफनेस में 30% की बढ़ोतरी हुई है. इसमें लेटेस्ट इंजीनियरिंग और एल्यूमीनियम पार्ट्स का इस्तेमाल किया गया है.


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