New PUC Rules in West Bengal: पश्चिम बंगाल परिवहन मंत्रालय, पिछले कुछ हफ्तों से गाड़ी मालिकों के लिए प्रदूषण नियंत्रण (PUC) सर्टिफिकेट प्राप्त करने के नियमों को सख्त बना रहा है. अब PUCC सर्टिफिकेट पर कोई समझौता न कर और सख्त उत्सर्जन नियमों को लागू करने के लिए, राज्य मंत्रालय ने पीयूसीसी संस्करण 2.0 लागू कर दिया है. नए प्रमाण-पत्र पाने के लिए मंत्रालय ने पहले राज्य के सभी उत्सर्जन परीक्षण केंद्रों पर जियोफेंसिंग लागू की है, क्योंकि गाड़ी मालिक टेस्टिंग सेंटर्स पर जाये बिना ही पीयूसी सर्टिफिकेट प्राप्त कर रहे थे, लेकिन जियोफेंसिंग की वजह से बिना सेंटर पर जाये PUC सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा सकता.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर मंत्री स्नेहासिस चक्रवर्ती ने हाल ही में घोषणा की है, कि PUC प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए गाड़ी मालिकों को यह क्लियर करना होगा कि, उनकी गाड़ी के लिए कोई भी चालान आदि बकाया या पेंडिंग न हो. नए शासनादेश के अनुसार, अगर डेटाबेस में किसी गाड़ी का चालान या टैक्स बकाया है, तो उत्सर्जन परीक्षण सेंटर उस गाड़ी के लिए PUC सर्टिफिकेट जारी नहीं करेगा. मंत्रालय के अनुसार, पीयूसी जारी करने की प्रक्रिया पारदर्शी हो, ये सुनिश्चित करने और प्रदूषण को कंट्रोल में रखने के लिए ही इस नियम को लाया गया है. नया नियम 1 नवंबर 2023 से लागू हो जायेगा.
ऐसे काम करता है जियोफेंसिंग
ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी सौमित्र मोहन द्वारा शेयर किये गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, पहले के उलट जहां एक उत्सर्जन सेंटर पर केवल गाड़ी की रजिस्ट्रेशन प्लेट की फोटो की जरुरत होती थी. जबकि अब PUCC वेरिएंट 2.0 के लिए गाड़ी की एक लैंडस्केप फोटो की जरुरत होगी, जिसे मोबाइल के यूज से जियोलोकेशन के जरिये ही वेरिफाइ किया जा सकेगा. जिसके बाद ही पीयूसी सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा.
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