Pollution in Delhi NCR: दिल्ली में गंभीर होते प्रदूषण को देखते हुए, राज्य सरकार अब CNG, इलेक्ट्रिक और BS-6 डीजल से चलने वाली बसों को छोड़कर, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एंट्री करने वाली बसों पर कड़ा प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है. इस समय GRAP स्टेज IV के चलते केवल ट्रकों को दिल्ली एनसीआर में एंट्री करने से प्रतिबंधित किया गया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबरके मुताबिक, फिलहाल त्योहार के चलते होने वाली भीड़ भाड़ को देखते हुए, ये प्रतिबंध छठ पूजा त्योहार के बाद लागू किये जाने की संभावना है. पिछले महीने में, दिल्ली सरकार द्वारा जारी किये गए आदेश के मुताबिक, पड़ोसी राज्यों जैसे हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आकर शहर में प्रवेश करने वाली बसें इलेक्ट्रिक, सीएनजी या बीएस-VI डीजल से चलने वाली होनी चाहिए.
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के निर्देश के मुताबिक, 1 जुलाई से हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश या किसी भी अन्य शहर या कस्बे से दिल्ली में एंट्री करने वाली बसें इलेक्ट्रिक, सीएनजी, या बीएस -6 डीजल पर चलने के मानकों को पूरा करने वाली होनी चाहिए. जानकारी के मुताबिक, अब इन मानकों को सभी राज्यों से आने वाली बसों तक बढ़ाने के संकेत मिल रहे हैं.
दिल्ली सरकार द्वारा कंस्ट्रक्शन और डीजल ट्रकों की एंट्री बैन करने जैसे सख्त उपायों के लागू होने के बावजूद, पिछले कुछ दिनों में दिल्ली एनसीआर में AQI लेवल काफी खराब हुआ है और इन प्रतिबंधों को लागू कराने के लिए, ट्रैफिक कर्मियों के साथ साथ चालीस और टीमें रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक दिल्ली के बॉर्डर पर तैनात हैं. कुल मिलाकर, सौ टीमें सक्रिय रूप से ओवरलोडेड ट्रकों, PUC, इंटरस्टेट बसों और भीड़भाड़ जैसे मुद्दों को सँभालने का काम कर रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट में 'ऑड-ईवन' स्कीम की प्रभावशीलता को चैलेंज देने के बावजूद, दिल्ली सरकार के पास अभी भी इसे लागू करने का अधिकार है और अगर सरकार ऐसा कराती है, तो ज्यादातर कैब भी प्रभावित होंगी. जिसके चलते दिल्ली के पब्लिक ट्रांसपोर्ट के ढांचे में परेशानी बढ़ सकती है.
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