ओला, उबर या रैपिडो बुक करते समय अक्सर आपके पास एडवांस टिप का ऑप्शन आता है, जिसको लेकर अब कैब एग्रीगेटर्स की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. अब जानकारी सामने आई है कि सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, जिसके बाद कंपनियों पर ऐसा करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है.
दरअसल, ओला, उबर और रैपिडो जैसे कैब एग्रीगेटर्स यात्रा शुरू होने से पहले 'टिप' मांगने लगे थे, जिसको लेकर CCPA ने 16 मई को तीनों कंपनियों को नोटिस भेजा गया था और इसको लेकर जवाब भी मांगा गया था. इसके बावजूद भी कंपनियों ने एडवांस टिप का ऑप्शन हटाने से इनकार कर दिया था.
कैब एग्रीगेटर्स का क्या है कहना?
अब इस पूरे मामले में कैब एग्रीगेटर्स का कहना है कि यह कोई अनफेयर ट्रैड प्रैक्टिस नहीं है. यह ऑप्शनल हैं, ग्राहक चाहें तो टिप देने से मना कर सकते हैं. ऐसे में CCPA ने इन दावों को लेकर जांच शुरू कर दी है और पता लगाया जा रहा है कि क्या यह ग्राहक अधिकारों का उल्लंघन है. इसके साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि कहीं ग्राहकों पर कोई मानसिक दबाव तो नहीं डाला जा रहा है.
CNBC आवाज की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कंपनियां दोषी पाई जाती हैं तो उनपर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके साथ ही CCPA इन कंपनियों को एडवांस टिप फीचर हटाने का निर्देश भी दे सकती है.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सिस्टम को अनैतिक और शोषणकारी बताया था और कहा था कि तेज सेवा के लिए यात्रियों को एडवांस टिप देने के लिए मजबूर करना अनफैयर ट्रैड प्रैक्टिस के दायरे में आता है. सेवा के बाद की टिप सराहना का प्रतीक हो सकती है, लेकिन अधिकार नहीं बन सकती.
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