Mahindra Scorpio N Review: स्कॉर्पियो एन और हम बहुत समय पहले चले गए थे, क्योंकि पहले हम एक दिन में पुणे से दिल्ली वापस आए थे, जबकि इस बार, काम कम कठिन था और वास्तव में, यह एक मजेदार सड़क यात्रा थी. हमने स्कॉर्पियो एन पेट्रोल से पूरे गोवा में ड्राइव करने के साथ-साथ, मुंबई से गोवा और वापसी तक इस इंजन को ठीक से समझ लिया था. पहले लंबी दूरी की यात्रा के लिए हमारे पास डीजल ऑप्शन था, जबकि इस बार हमने 2.0 टर्बो पेट्रोल ऑप्शन चुना. आइये जानते हैं कि, यह लंबी दूरी के सफर को कैसे पूरा करती है. 


प्लान यह था कि मीलों को चबाया जाए और यह भी देखा जाए कि, साल के आखिर में ट्रैफिक भरे सफर के साथ-साथ उसकी मैनेजमेंट कपैसिटी से इफिशिएंसी प्रभावित होगी या नहीं. हालांकि 2.0 लीटर टर्बो पेट्रोल एक बेहतरीन इंजन है और काफी स्मूथ है. यह रिफाइंड है और इसमें जबरदस्त ताकत है, जो कम नहीं है. यह इंजन स्पष्ट रूप से छोटी क्षमता वाली मोटर के साथ, एक कट महसूस करता है जो एक अलग आकर्षण है. आप वास्तव में चौक जायेंगे कि, वे 200 से ज्यादा घोड़े कितने स्ट्रांग हैं और 380 NM का टॉर्क महसूस होता है. यह रौ पावर के मामले में अपने से तीन गुना महंगी लग्जरी एसयूवी को भी शर्मिंदा करती है. 




हमारी कार में 6-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स था, जोकि काफी आरामदायक गियरबॉक्स है. जबकि यह पूरी तरह से स्पोर्टी होने के बजाय, क्रूज़िंग के लिए ज्यादा ठीक है. इसमें कोई शिफ्ट पैडल नहीं हैं लेकिन ईमानदारी से कहें तो, इस इंजन की वजह से हमें उसकी जरूरत भी नहीं पड़ी. हल्की स्टीयरिंग और मजबूत सस्पेंशन भी हमारे सफर के लिए प्रभावशाली साबित हुए, एक बड़ी कार होने के बावजूद, इसे ट्रैफ़िक के बीच चलाना मुश्किल नहीं है और तेज़ रफ़्तार पर कॉन्फिडेंस दिखाने के लिए इसका हल्का स्टीयरिंग काफी सीधा है. हालांकि हैंडलिंग एक चौका देने वाली बात थी, पेट्रोल स्कॉर्पियो एन संयम बनाए रखते हुए, डीजल की तुलना में ज्यादा अच्छे से संभालती है. यह न तो बहुत सॉफ्ट है और न ही इसमें बहुत ज्यादा बॉडी रोल है. हालांकि आपको इसे तंग पहाड़ी जगहों पर सावधानी से ले जाने की ज़रूरत है. इसमें लैडर फ्रेम बेस्ड बॉडी रोल है. कम स्पीड पर सवारी थोड़ी अनस्टेबल हो जाती है, लेकिन हाई स्पीड पर बेहतर हो जाती है.




इंटीरियर में वही आधिकारिक ड्राइविंग पोजिशन है और जैसा कि हमने पहले कहा है, स्कॉर्पियो एन डिजाइन या एर्गोनॉमिक्स के मामले में स्कॉर्पियो के लिए एक बड़ा चेंज है. यह आरामदायक होने के साथ, अच्छे स्पेस के साथ हमारे सामान को आसानी से खींच लेती है. हालांकि तीसरी पंक्ति की सीटें अडल्ट के लिए नहीं है. ग्रैब हैंडल एक बहुत ही जरूरी फीचर है जो आपको इस कार में चढ़ने में मदद करता है. इसके केबिन में एक कठिन लेकिन प्रीमियम आकर्षण है, जो एक गाड़ी को कई दिनों और किलोमीटर तक आने वाली कठिनाइयों को हैंडल कर लेता है. ड्राइवर की सीट अपने आप में सपोर्ट के मामले में काफी अच्छी है और ड्राइविंग पोजिशन भी अच्छी लगती है. स्कॉर्पियो एन में गोवा की तंग गलियों को हैंडल करने में कोई समस्या नहीं थी. जैसा कि बताया गया, बड़ी टचस्क्रीन के साथ 360 डिग्री कैमरा अच्छा है. हालांकि इसमें बाकी प्रीमियम फीचर्स भी मौजूद हैं. साउंड क्वालिटी क्रिस्पी है. 




स्कॉर्पियो एन पेट्रोल की इफिशिएंसी एक बड़ा चर्चा का विषय है, जो कठिन ड्राइव करने पर या बम्पर से बम्पर वाले ट्रैफ़िक में कम सिंगल डिजिट तक पहुंच जाती है. जबकि क्रूज़ इसे 10 किमी/लीटर तक ले जात है. शहर में आपको 8-9 किमी/लीटर का माइलेज मिलेगा, लेकिन इस इंजन को लेने के लिए इसकी दमदार पावर अपने आप में बड़ा कारण है. 




गोवा और मुंबई से वापस आने की हमारी लंबी यात्रा से पता चला कि, स्कॉर्पियो एन पेट्रोल स्कॉर्पियो ब्रांड की कुछ खासियत को बरकरार रखता है. जो इसे और ज्यादा एडवांस्ड बनाता है, कीमतों के मामले में भी यह अपमार्केट है. लेकिन स्मूथ और दमदार पेट्रोल मोटर के साथ, एक मजबूत एसयूवी के तौर पर यह एक पैसा वसूल है. हां, पेट्रोल स्कॉर्पियो एन को पीना पसंद है, लेकिन स्मूथनेस और परफॉरमेंस इसे इसके लायक बनाते है. 


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