Future of Electric Vehicle: जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए, जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करने को लेकर धीमी गति के बारे में दुबई में COP28 जलवायु सम्मेलन में काफी आलोचना की गयी. लेकिन एक सकारात्मक बात भी निकलकर सामने आयी, जो यह है दुनिया भर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या में होती आश्चर्यजनक रूप से इसमें बड़ी कमी ला रही है.


बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, खबर हाल के कुछ सालों में ईवी की बढ़ती बिक्री ने पूर्वानुमानकर्ताओं को अपने अनुमानों पर फिर से विचार करने के लिए प्रेरित किया है. जब ग्लोबली तेल का यूज अपने पीक पर होगा, क्योंकि विशेषज्ञों के मुताबिक, सार्वजनिक सब्सिडी और बेहतर टेक्नोलॉजी ग्राहकों को बैटरी चालित कारों की कीमतों पर काबू पाने में मदद करती है.


पेरिस बेस्ड इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA), जो 29 औद्योगिक देशों का एक समूह है, ने उम्मीद जताई है. इस दशक के अंत में पूरी दुनिया में तेल की खपत 103 मिलियन बैरल/दिन तक पहुंच जाएगी, जो कि 2017 के अपने पूर्वानुमान के मुताबिक, 2040 में 105 मिलियन बैरल/दिन के आस पास होगी. 


ट्रांसपोर्ट क्षेत्र से तेल की डिमांड को काफी हद तक कम करने के लिए, इलेक्ट्रिफिकेशन में बदलाव के जरिये नीतिगत समर्थन कर गेम-चेंजर रहा है. जो ग्लोबली तेल की मांग में बढ़ोतरी प्रमुख चालक है.


तेल की दिग्गज कंपनी बीपी ने ग्लोबली तेल की मांग के अनुमानों को आगे बढ़ा दिया है. जबकि यूनाइटेड स्टेट अमेरिका और चीन- दुनिया के दो सबसे बड़े तेल उपभोक्ता हैं और दोनों ही देशों की सरकारों ने अपने घरेलू खपत के पूर्वानुमानों को वापस ले लिया है.


IEA के अनुसार, विश्व की लगभग 60% तेल की खपत के लिए ट्रांसपोर्ट सेक्टर जिम्मेदार है, जिसमें अकेले USA लगभग 10% की खपत करता है. जिसमें कमी लाने की जरुरत है. क्योंकि IEA ईवी के प्रयोग के चलते 2030 तक दुनिया से तेल की मांग में से लगभग 50 लाख बैरल/दिन में कमी आने की उम्मीद कर रहा है. दुनिया में ईवी बिक्री कुल बिक्री का लगभग 13% है, जो इस दशक के आखिर तक 40% -45% के बीच तक पहुंचने की संभावना है. 


इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार, भविष्य में ईवी अपनाने की दर ईवी की कीमत और चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता पर ज्यादा निर्भर करेगी और दोनों ही मोर्चों पर चीन को फायदा है.


यूके की रिसर्च फर्म JATO डायनेमिक्स के अनुसार, 2023 के मध्य में चीन में एवरेज ईवी की कीमत 31,165 यूरो (लगभग 28 लाख) थी. रिसर्च के मुताबिक, चीन में सबसे सस्ती ईवी गैसोलीन से चलने वाली सबसे सस्ती सिमिलर कार के मुकाबले में 8% कम महंगी थी. जिसकी वजह बड़े पैमाने पर सरकारी सब्सिडी और जरुरी चीजों की आसान उपलब्धता के कारण है, जो ईवी उत्पादन के लिए जरुरी हैं. चीन में लगभग एक चौथाई बाज़ार ईवी का है, जिसमें लगातार बढ़ोतरी की कोशिश जारी है. 


जबकि इसके उलट, संयुक्त राज्य अमेरिका में, ऑटोमोटिव रिसर्च कंपनी केली ब्लू बुक के मुताबिक, ईवी की औसत कीमत $53,000 (लगभग 44 लाख) से ज्यादा है, जो फ्यूल से चलने वाली कार से लगभग $5,000 (4 लाख रुपए) ज्यादा है.


सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की कुल संख्या के मामले में भी USA चीन से काफी पीछे है, संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 52,000 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन, यूरोप में लगभग 400,000 और चीन में लगभग 1.2 मिलियन चार्जिंग स्टेशन हैं. फिर भी IEA ने अमेरिका में 2030 तक ईवी रजिस्ट्रेशन में 50% तक बढ़ोतरी की उम्मीद की है. 


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