Wrongfully Subsidy Claime on Electric Two-Wheeler: केंद्र सरकार आधा दर्जन इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माताओं को सजा देने के उपायों पर विचार कर रही है, जो FAME II (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) स्कीम के तहत गलत तरीके से सब्सिडी लेने के लिए दोषी पाई गई हैं.


पेनल्टी ऑप्शन: एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया, कि ऐसी कंपनियों को भविष्य में सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाने के साथ-साथ पिछले 15 महीनों में बिक्री किये गए टू-व्हीलर्स पर छूट का लाभ उठाने से भी रोका जा सकता है.


फेम (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स)


सरकार ने भेजा रिकवरी नोटिस: सरकार ने पिछले महीने ही सात कंपनियों - हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक, एम्पीयर ईवी, रिवोल्ट मोटर्स, बेनलिंग इंडिया, लोहिया ऑटो और एएमओ मोबिलिटी - को लोकल सोर्सिंग नियमों का उल्लंघन करने के लिए लगभग ₹500 करोड़ का रिकवरी नोटिस भेजा था, जोकि प्रोत्साहन राशि का दावा करने के लिए FAME II के तहत मानकों को पूरा नहीं करते.


सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता के आरोपों के बाद इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माताओं को FAME-II स्कीम के तहत 1,400-1,500 करोड़ रुपये की सब्सिडी रोक दी. जिसके लिए कंपनियों ने लोकल सोर्सिंग नियमों को पूरा किए बिना, गलत तरीके से सब्सिडी लेने का दावा किया था.


क्या है मामला?


दरअसल सरकार देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए फेम (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनियों को अच्छी खासी खासी सब्सिडी दे रही थी. ताकि गाड़ियों की कीमत को कम से कम कीमत में लोगों को उपलब्ध कराई जा सके. लेकिन सरकार के मुताबिक, कई ईवी निर्माता कंपनियों ने ज्यादा सब्सिडी लेने के चक्कर में फेम II के तहत पालन किये जाने वाले नियमों को दरकिनार कर सब्सिडी का दावा करती रहीं.


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