Driver Less Car Tesla: दुनिया में पहली बार ऐसा हुआ है जब एक कार बिना किसी ड्राइवर, रिमोट कंट्रोल या ऑपरेटर के खुद चलकर फैक्ट्री से सीधे ग्राहक के घर तक पहुंची. यह कार है Tesla की पूरी तरह ऑटोनॉमस इलेक्ट्रिक कार, जिसकी पहली डिलीवरी टेक्सास (Texas) में हुई. खास बात यह है कि ये डिलीवरी Elon Musk के बर्थडे पर हुई.

कैसे काम करती है यह Driverless Car?

टेस्ला की ड्राइवरलेस कार एक एडवांस AI आधारित Full Self Driving (FSD) तकनीक से लैस है, जो इसे बिना ड्राइवर के खुद चलने की क्षमता देती है. यह तकनीक कार को ट्रैफिक सिग्नल को पहचानने, सामने पैदल चलने वालों और अन्य वाहनों को देखकर अपने आप रुकने और फिर चलने में सक्षम बनाती है. यह कार शहर की सड़कों से लेकर हाईवे तक बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के खुद को नेविगेट कर सकती है और ट्रैफिक नियमों का पूरी तरह पालन करती है. इसके अलावा यह लेन चेंज, ऑटो ब्रेकिंग और पार्किंग जैसी गतिविधियां भी खुद-ब-खुद कर लेती है.

कीमत Toyota Fortuner के बराबर

फिलहाल यह टेक्नोलॉजी भारत में उपलब्ध नहीं है, लेकिन यदि कोई ग्राहक इसे इंपोर्ट करना चाहता है तो रियर-व्हील ड्राइव वेरिएंट की अनुमानित कीमत करीब 34 लाख रुपये और परफॉर्मेंस वर्जन की कीमत 51 लाख रुपये के आसपास हो सकती है. यह कीमत Toyota Fortuner या Audi Q3 जैसी प्रीमियम SUVs के बराबर है, लेकिन इसमें आपको पूरी तरह से ऑटोनॉमस ड्राइविंग की सुविधा मिलती है.

टेक्निकल फीचर्स

टेक्निकल फीचर्स की बात करें तो इस कार में 534 हॉर्सपावर का पावरफुल इलेक्ट्रिक मोटर मिलता है, जो इसे केवल 3.5 सेकंड में 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ने में सक्षम बनाता है. इसकी टॉप स्पीड 250 किमी/घंटा है और एक बार फुल चार्ज करने पर यह 455 किमी तक चल सकती है. इसके साथ ही इसमें 4.79 मीटर का व्हीलबेस, 1.92 मीटर की चौड़ाई और 854 लीटर का बड़ा बूट स्पेस मिलता है, जिससे यह परफॉर्मेंस के साथ-साथ स्पेस और प्रैक्टिकलिटी भी देती है.

क्रैश टेस्ट में मिली है हाई सेफ्टी रेटिंग 

टेस्ला ने इस कार को बनाते समय केवल तकनीक ही नहीं, बल्कि कंफर्ट और सेफ्टी का भी पूरा ख्याल रखा है. इसके प्रीमियम केबिन डिज़ाइन में ऑल-डिजिटल कंसोल, ऑटोपायलट सिस्टम, ग्लास रूफ और टचस्क्रीन कंट्रोल्स जैसी सुविधाएं शामिल हैं. इसके अलावा इस कार को क्रैश टेस्ट में भी हाई सेफ्टी रेटिंग मिली है.

भारत में लॉन्च कब तक संभव?

Tesla की यह टेक्नोलॉजी फिलहाल अमेरिका जैसे डेवलप्ड देशों में काम कर रही है, जहां इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रैफिक सिस्टम इसके अनुकूल हैं. भारत में इसके आने में अभी थोड़ा समय लगेगा, लेकिन Elon Musk ने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि Tesla भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की योजना बना रही है. ऐसे में आने वाले कुछ वर्षों में भारतीय सड़कों पर भी टेस्ला की ड्राइवरलेस कारें देखने को मिल सकती हैं.

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