Israel Iran War Connection: इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष का असर अब भारत में कार और बाइक चलाने वालों की जेब पर पड़ सकता है. जल्द ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा देखने को मिल सकता है. इस बार तेल की कीमतें बढ़ने के पीछे कोई घरेलू कारण नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैदा हुई संकट की वजह से है.
दरअसल, इजरायल और ईरान के बीच की बढ़ती तनातनी ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है. बाजार में अस्थिरता का नतीजा यह हुआ कि ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें अचानक से 6 डॉलर प्रति बैरल बढ़ गईं और यह 78 डॉलर से ऊपर पहुंच गई. यह बीते 5 महीनों की सबसे बड़ी बढ़त है. इसका सीधा असर भारत में ईंधन की खुदरा कीमतों पर पड़ सकता है.
भारत में क्या होगा असर?
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार की चाल पर निर्भर करती हैं. इंडियन ऑयल, एचपीसीएल और बीपीसीएल जैसी तेल विपणन कंपनियां रोजाना वैश्विक क्रूड प्राइस को ट्रैक करती हैं और उसी के आधार पर घरेलू दाम तय करती हैं. वर्तमान में दिल्ली में पेट्रोल 94.77 और डीजल 87.67 प्रति लीटर है, जबकि मुंबई में पेट्रोल 103.50 और डीजल 90.03, और चेन्नई में पेट्रोल 100.80 रुपये और डीजल 92.39 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. यदि ब्रेंट क्रूड की कीमतें 80 डॉलर प्रति बैरल के पार जाती हैं, तो भारत में 3 से 5 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी संभव है.
बता दें कि यदि इजरायल-ईरान संघर्ष सीमित रहा और तेल आपूर्ति में बाधा नहीं आई, तो असर ज्यादा नहीं होगा. लेकिन यदि हालात बिगड़ते हैं और अन्य तेल उत्पादक देश भी प्रभावित होते हैं, तो स्थिति गंभीर हो सकती है. ऐसे में आम नागरिकों के लिए जरूरी है कि वे निजी स्तर पर तैयारी करें. वाहन का टायर प्रेशर सही रखें ताकि माइलेज बेहतर हो, गैर-जरूरी यात्राओं से बचें, कार पूलिंग करें या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें. साथ ही, इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड गाड़ियों की ओर रुख करना अब एक समझदारी भरा कदम साबित हो सकता है.
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