Affordable Electric Car: देश में सस्‍ती इलेक्ट्रिक कारों के उत्पादन की कवायद शुरू हो चुकी है. अहमदाबाद की एक कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग (Gensol Engineering) इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण के लिए अमेरिका के एक स्‍टार्टअप का अधिग्रहण करने जा रही है. कंपनी ने यह भी खुलासा किया है कि वह ग्राहकों के लिए केवल 6 लाख रुपये में इलेक्ट्रिक कार को बाजार में लाने की योजना पर काम कर रही है. यह अमेरिकी स्‍टार्टअप कंपनी जेनसोल को इलेक्ट्रिक कार बनाने तकनीकी सहायता प्रदान करेगी. भारत में अभी तक सबसे किफायती इलेक्ट्रिक कार 12.4 रुपये (एक्स शोरूम) में मिलने वाली Tata Tigor है.


मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, जेनसोल, एक सोलर पावर बिजनेस कंपनी है. कंपनी ने निवेशकों के साथ पिछले शुक्रवार को यह जानकारी साझा की कि वह अमेरिका के एक इलेक्ट्रिक व्‍हीकल बनाने वाले स्‍टार्टअप का अधिग्रहण करेगी जो इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए सहायता करेगी. जेनसोल की तरफ से इस स्टार्टअप कंपनी के नाम को उजागर नहीं किया गया है और न ही अधिग्रहण की राशि की जानकारी दी गई है.


सस्‍ती इलेक्ट्रिक कार की है आवश्यकता 


जेनसोल के मैनेजिंग डायरेक्टर अनमोल सिंह जग्गी के अनुसार भारत में सस्‍ती इलेक्ट्रिक कारों की आवश्यकता है. यहां 5-6 लाख रुपये तक की इलेक्ट्रिक कार होनी ही चाहिए. जग्‍गी ने कहा कि भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में बड़े परिवर्तन की जरूरत है और यह तभी संभव हो सकता है कि जब देश में इलेक्ट्रिक कारों की कीमत 5 लाख रुपये से कम हों.


सबसे सस्‍ती कार की कीमत 12 लाख से अधिक 


Tata Tigor तत्काल में भारत में सबसे कम कीमत वाली इलेक्ट्रिक कार है. जिसकी कीमत भी 12.4 लाख रुपये है. Hyundai भी सस्ती इलेक्ट्रिक कार बनाने का प्रयास कर रही है. एमजी मोटर्स इंडिया (MG Motor India) ने भी जानकारी दी थी कि वह 10-12 लाख रुपये की इलेक्ट्रिक कार बाजार में उतारेगी. अगर वैश्विक स्थिती की बात करें तो 4,200 डॉलर यानि लगभग 3.15 लाख रुपये की कीमत वाली चीन में बिकने वाली वूलिंग होंगगुआंग मिनी EV (Wuling Hongguang Mini EV) सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार है. 


12,000 कारें सालाना बनाएगी कंपनी 


जेनसोल की ओर से निवेशकों से यह जानकारी साझा की गई है कि कंपनी तकनीकी विकास के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर बनाना चाहती है और उसका उद्देश्य 2023 में पुणे से उत्पादन शुरू करने का है. इस प्लांट की शुरुआती क्षमता सालाना 12,000 कार उत्पादन की होगी. जेनसोल के मैनेजिंग डायरेक्‍टर जग्गी ने मनीकंट्रोल को जानकारी दी कि वह इस वेंचर में 250-400 करोड़ रुपये का निवेश करने वाले हैं. कंपनी को इस वेंचर के लिए कम से कम 150 ऑटोमोबाइल इंजीनियर्स और डिजाइनर्स की जरुरत पड़ेगी.


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