World Sleep Day 2023: जीवन में सांस लेना, भोजन करना और पानी पीना जितना आवश्यक है. नींद भी उतनी ही जरूरी है. जीवन में नींद के महत्व को विज्ञान और शास्त्रों में समझाया गया है. शास्त्रों के साथ ही विज्ञान भी इस बात को मानता है कि गलत समय पर सोना, गलत तरीके से सोना या तनाव के कारण नींद न आना व्यक्ति के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है.


नींद के महत्व को ही समझाने के लिए हर साल मार्च महीने के तीसरे शुक्रवार को वर्ल्ड स्लीप डे यानी विश्व नींद दिवस मनाया जाता है. इस साल वर्ल्ड स्लीप डे 17 मार्च 2023 को है. हिंदू धर्म और हिंदू शास्त्रों में पूजा-पाठ और व्रत-उपवास के साथ ही उठने, बैठने, भोजन करने, शौच आदि के साथ ही नींद के नियमों के बारे में बताया गया है, जिनका पालन करने से व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार, चेतना और आध्यात्मिक उन्नति होती है. आज वर्ल्ड स्लीप डे 2023 के मौके पर जानते हैं शास्त्रों के अनुसार, व्यक्ति को कितनी देर, किस दिशा और कब सोना चाहिए.



शास्त्रों और पुराणों के अनुसार ये है सोने के नियम



  • भविष्य पुराण में कहा गया है कि, सोने से पहले व्यक्ति को हमेशा ही हाथ-पैर धोकर सोना चाहिए.

  • विष्णु पुराण के अनुसार, कभी भी मैले या जूठे बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए. सोने से पहले हमेशा बिस्तर को साफ करें या साफ चादर बिछाएं.

  • मनु स्मृति नामक ग्रंथ के अनुसार, कभी भी सूने या निर्जल घर में अकेले नहीं सोना चाहिए. इसके साथ ही कभी किसी देव मंदिर या शमशान में भी न सोएं.

  • पद्मपुराण के अनुसार, व्यक्ति को स्वस्थ शरीर और लंबी आयु के लिए बह्मा मुहूर्त में उठना चाहिए.

  • चाणक्य की नीति कहती है कि, ऐसे लोग जो विद्यार्थी, नौकर या द्वारपाल होते हैं, उन्हें अधिक नहीं सोना चाहिए.


सोने की दिशा को लेकर शास्त्रों में नियम


हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार कभी भी दरवाजे की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए. इससे सुख-समृद्धि में कमी आती है.


पद्म पुराण के अनुसार,

उत्तरे पश्चिमे चैव न स्वपेद्धि कदाचन..
स्वप्रादायु: क्षयं याति ब्रह्महा पुरुषो भवेत.
न कुर्वीत तत: स्वप्रं शस्तं च पूर्व दक्षिणम..


इसका अर्थ है कि, हमेशा पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोना चाहिए. इसके विपरीत पश्चिम और उत्तर दिशा में मुंह करके नहीं सोना चाहिए. उत्तर और पश्चिम में सिर करके सोने से रोग बढ़ते हैं और आयु घटती है. 


आचारमयूख के अनुसार,


स्वगेहे प्राक्छिरा: सुप्याच्छ्वशुरे दक्षिणाशिरा:.
प्रत्यक्छिरा: प्रवासे तु नोदक्सुप्यात्कदाचन..


इस अर्थ यह है कि अगर आप अपने घर पर सो रहे हैं तो सिर पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. यदि आप ससुराल में सो रहे हैं तो सिर दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए और अगर आप यात्रा या फिर विदेश में सो रहे हैं तो सिर पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए.


सोने का सही समय



  • शास्त्रों में बताया गया है कि कभी भी संध्या के समय और खासकर गोधूलि बेला में नहीं सोना चाहिए. इससे घर की सुख-समृद्धि और व्यक्ति की आयु में कमी आती है.

  • शास्त्रों के अनुसार रात्रि के पहले प्रहर में सो जाना चाहिए और ब्रह्मा मुहूर्त में उठकर संध्यावंदन करना चाहिए.

  • हालांकि आधुनिक समय और जीवनशैली में अगर ऐसा संभव न हो तो भी जल्दी सोने और जल्दी उठने का प्रयास करें.

  • दिन का दूसरा प्रहर मध्याह्न कहलाता है जोकि सुबह 9 से दोपहर 12 बजे का होता है. इस समय भूलकर भी नहीं सोना चाहिए.


बेहतर नींद के लिए मंत्र



  • वाराणस्यां दक्षिणे तु कुक्कुटो नाम वै द्विज:।
    तस्य स्मरणमात्रेण दु:स्वपन: सुखदो भवेत्।।

  • या देवी सर्वभूतेषु निद्रा-रूपेण संस्थिता।
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

  •  अच्युतानन्त गोविन्द नामोच्चारणभेषजात्।
    नश्यन्ति सकला: रोगा: सत्यं सत्यं वदाम्यहम्।।


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