Makar Sankranti 2022 Date: वर्ष 2022 में मकर संक्रांति का पर्व पंचांग के अनुसार 14 जनवरी 2022, शुक्रवार को पौष मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी की तिथि को मनाया जाएगा. इस दिन सूर्य धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं तो इस प्रक्रिया को संक्रांति कहा जाता है. मकर संक्रांति को सभी संक्रांति में अति महत्वपूर्ण माना गया है. मकर संक्रांति को खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है. मकर संक्रांति पर स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है.
मकर संक्रांति का महत्वमकर संक्रांति का पर्व देशभर में अलग अलग नामों से भी मनाया जाता है. मकर संक्रांति पर सूर्य देव उत्तरायण होते है. मान्यता के अनुसार इस दिन से ही ऋतु में परिवर्तन आरंभ हो जाता है. मकर संक्रांति से सर्दी में कमी आने लगती है यानि शरद ऋतु के जाने का समय आरंभ हो जाता है और बसंत ऋतु का आगमन शुरू हो जाता है. मकर संक्रांति के बाद ही दिन लंबे रातें छोटी होने लगती हैं.
पुत्र के घर आते हैं पिताज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं. शनि, सूर्य के पुत्र कहलाते हैं. पिता-पुत्र का संबंध होने के बाद भी पिता और पुत्र में नहीं बनती है. यानि इनके आपस में संबंध मुधर नहीं माने जाते हैं. इसके बाद भी सूर्य पुत्र की राशि में लगभग एक माह के लिए आते हैं. एक माह तक पिता पुत्र के घर में रहते हैं. मकर राशि में सूर्य का गोचर कई मामलों में शुभ फल देने वाला माना गया है.
स्नान और दान का महत्वमकर संक्रांति पर स्नान और दान का विशेष महत्च बताया गया है. मकर संक्राति पर पवित्र नदी में स्नान करने को अत्यंत शुभ माना गया है. इसके साथ ही दिन दान करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस दिन खिचड़ी का दान बहुत ही पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है.
मकर संक्राति- शुभ मुहूर्तमकर संक्राति पुण्य काल - दोपहर 02:43 से शाम 05:45 तकअवधि - 03 घण्टे 02 मिनटमकर संक्राति महा पुण्य काल - दोपहर 02:43 से रात्रि 04:28 तकअवधि - 01 घण्टा 45 मिनट
यह भी पढ़ें:Dasara 2021: 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा दशहरा का पर्व, जानें रावण दहन का समय
October 2021 Calendar: 14 को नवमी, 15 को दशहरा और 16 और 17 अक्टूबर को पड़ रहे हैं दो विशेष व्रत