Venus Transit 2021: कर्क राशि में शुक्र ग्रह का प्रवेश सभी राशियों को प्रभावित करने जा रहा है. तुला और वृषभ राशि के स्वामी शुक्र को ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. शुक्र ग्रह जब शुभ होते हैं, तब व्यक्ति के जीवन में सुख सविधाओं की बढ़ोत्तरी होती है. शुक्र लग्जरी लाइफ के कारक भी हैं. शुक्र को इन चीजों का कारक माना गया है-



  • लव रिलेशन

  • प्रेम

  • फैशन 

  • आकर्षण 

  • धन 

  • व्यापार

  • सांसारिक सुख

  • म्यूजिक 

  • फिल्म

  • इंटरटेनमेंट

  • जीवन का आनंद

  • आभूषण 

  • डांस 

  • परफ्यूम

  • सौंदर्य सामग्री 

  • चांदी 

  • हीरा 

  • शेयर मार्केट

  • पर्यटन

  • होटल


शुक्र राशि परिवर्तन (Venus Transit In Cancer 2021)
पंचांग के अनुसार 22 जून 2021 मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 07 मिनट पर शुक्र का राशि परिवर्तन होगा. मिथुन राशि में अपनी यात्रा को पूर्ण कर कर्क राशि में आ जाएंगे. जहां पर शुक्र 17 जुलाई 2021 तक रहेंगे. इसके बाद शुक्र का गोचर सिंह राशि में होगा. 


शुक्र ग्रह के देवता इंद्र हैं
शास्त्रों में इंद्र को शुक्र ग्रह का देवता भी बताया गया है. शुक्र एक जल तत्व ग्रह है. इसका क्षेत्र दक्षिण पूर्व दिशा माना गया है. इसका रंग श्वेत और किशोर अवस्था का प्रतीक और इसकी सवारी अश्व है.


शुक्र रोग भी प्रदान भी करते हैं
जन्म कुंडली में शुक्र के अशुभ होने पर व्यक्ति को डायबिटीज, गुप्त रोग भी प्रदान करते हैं. इसके साथ शुक्र खराब होने पर दांपत्य जीवन में परेशानी और सुखों में भी कमी प्रदान करते हैं. शुक्र के साथ मंगल और राहु को शुभ नहीं माना गया है.


शुक्र  को शुक्राचार्य भी कहा गया है
पौराणिक कथाओं में शुक्र को शुक्राचार्य बताया गया है. शुक्राचार्य दैत्यों के गुरु माने जाते हैं. इनके पिता का नाम महर्षि भृगु ऋषि था. शुक्राचार्य के पास ही संजीवनी बूटी की विद्या थी. ऐसा माना जाता है कि शुक्राचार्य भगवान शिव के उपासक हैं. शुक्रवार का दिन शुक्र ग्रह को समर्पित है.


शुक्र का मंत्र (Shukra Mantra)



  • ओम द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:

  • ॐ शुं शुक्राय नमः

  • ॐ हृीं श्रीं शुक्राय नमः


शुक्र उपाय (Venus Remedies Astrology)
शुक्र जब जन्म कुंडली में अशुभ स्थिति में हो तो कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए-



  • महिलाओं को सम्मान और आदर देना चाहिए.

  • धोखा नहीं देना चाहिए.

  • दांपत्य जीवन को मधुर बनाना चाहिए.

  • भगवान परशुराम की पूजा करें.

  • दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.