Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में कामधेनु गाय को अत्यंत शुभ माना गया है. इसे देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. घर में इसकी मूर्ति रखने से धन, सुख और समृद्धि बढ़ती है. मान्यता है कि कामधेनु सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और नकारात्मक प्रभावों को दूर करती है.
जिस घर में यह मूर्ति रखी जाती है, वहां शांति का वातावरण बना रहता है. कहा जाता है कि इससे परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम बढ़ता है और मानसिक तनाव कम होता है.
सही दिशा और स्थान का महत्व
वास्तु के अनुसार कामधेनु मूर्ति रखने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण सबसे उत्तम मानी जाती है. यह दिशा देवताओं की दिशा कही जाती है. जब इस कोने में कामधेनु की स्थापना की जाती है, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह तेज हो जाता है.
इससे सुख-शांति बनी रहती है. वातावरण पवित्र रहता है. आप इसे घर के पूजा स्थान या लिविंग रूम में भी रख सकते हैं. मूर्ति को साफ सुथरा और स्वच्छ जगह पर रखना चाहिए. इससे उसका प्रभाव बढ़ जाता है. भूलकर भी इसे दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए. यह दिशा वास्तुशास्त्र के लिए अशुभ माना जाता है.
कामधेनु मूर्ति रखने के फायदे
मान्यता है कि कामधेनु मूर्ति रखने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. धन के नए अवसर बनते हैं. घर में सकारात्मकता बढ़ती है. पारिवारिक कलह में कमी आती है और रिश्तों में मधुरता बनी रहती है.
इसके साथ ही स्वास्थ्य से जुड़े लाभ भी माने जाते हैं. परिवार के सदस्यों की सेहत में सुधार होता है. कई लोग इसे मनोकामना पूर्ति से भी जोड़कर देखते हैं.
वास्तु टिप्स और सावधानियां
कामधेनु मूर्ति को बछड़े के साथ रखना अधिक शुभ माना जाता है. पीतल, तांबा या चांदी की मूर्ति को उत्तम माना गया है. मूर्ति का मुख घर के अंदर की ओर होना चाहिए. इसे हमेशा साफ और ऊंचे स्थान पर रखें, जमीन पर न रखें.
नियमित रूप से दीपक जलाना और फूल अर्पित करना अच्छा माना जाता है. ध्यान रखें कि इसे शयनकक्ष या दक्षिण दिशा में न रखें. इससे सकारात्मक प्रभाव कम हो सकता है.
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