Vastu Tips: बदलते दौर में घर की बनावट और रख-रखाव में भी काफी अंतर आ गया है. बात करें रसोईघर या किचन की तो यह घर का हृदय होता है, जिसे मंदिर के समान माना जाता है, क्योंकि रसोईघर में देवी अन्नपूर्णा का वास होता है.

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बदलते समय में किचन का स्वरूप भी तेजी से बदल गया है. आजकल अधिकतर घरों में मॉर्डन मॉड्यूलर किचन का चलन है. चमचमाती चिमनी, ग्रेनाइट स्लैब, हाई-टेक गैजेट्स, प्लास्टिक और कांच से बने जार और बर्तन पर लोग अधिक निर्भर हो गए हैं. हालांकि बदलते समय इन चीजों को अपनाना गलत नहीं है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि हम अपनी जड़ों और पारंपरिक चीजों को पीछे छोड़ दें. इस विषय में पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक डॉक्टर अनीष व्यास ने विस्तार से बताया है.

ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ अनीष व्यास के अनुसार, कई बार पारंपरिक और देसी चीजें भी आधुनिक संतुलन का प्रतीक बन सकती है. भले ही आपकी रसोई आधुनिक सुविधाओं से लैस हो, लेकिन वास्तु और भारतीय परंपरा के अनुसार कुछ देसी चीजें घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं. इन्हीं में एक है बांस की सुपड़ी या सूप (bamboo supdi). वास्तु शास्त्र और लोक मान्यताओं के अनुसार किचन में बांस की सुपड़ी रखने से घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

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प्रीति ने बताई अपनी राय

प्रीति (काल्पनिक नाम) ने बताया कि, पहले उन्हें किचन में नकारात्म ऊर्जा का अनुभव होता है. बार-बार बर्तन टूटते थे, रसोई हमेशा अव्यवस्थि रहती थी, दूध-नमक जैसी चीजें बार-बार हाथ से गिरती थी. इस विषय में जब उन्होंने वास्तु विशेषज्ञ से बात की तो उन्होंने बताया कि, रसोई में ऊर्जा रुकी हुई है, जिससे मानसिक अशांति और कलह-क्लेश बढ़ सकता है.

तब प्रीति ने अपने मॉड्यूलर किचन में बांस की सुपड़ी रखी, तो उन्हें घर के माहौल में धीरे-धीरे सकारात्मक बदलाव महसूस होने लगा. रीना के अनुसार पहले किचन में काम करते समय अक्सर बेचैनी और थकान रहती थी, लेकिन सुपड़ी रखने के बाद मन शांत रहने लगा और खाना बनाते समय अच्छा महसूस होने लगा.

प्रीति की मानें तो घर के सदस्यों के बीच छोटी-छोटी नोकझोंक भी कम हुई और किचन में हमेशा भरा-पूरा और व्यवस्थित सा एहसास रहने लगा. उन्हें लगता है कि यह देसी चीज न सिर्फ सजावट का हिस्सा बनी, बल्कि घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी लेकर आई.

बांस की सुपड़ी का महत्व

बांस से बनी सुपड़ी का उपयोग वर्षों से हमारी दादी-नानी करती आ रही हैं. अनाज को साफ करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए ज्योतिष और वास्तु में इसे शुद्धि का प्रतीक माना जाता है, जिस प्रकार सुपड़ी अनाज से कंकड़ और धूल को अलग करती है, उसी प्रकार से यह सुपड़ी किचन में रखने से घर से नकारात्मकता को बाहर निकालने का भी कार्य करती है.

वास्तु अनुसार बांस की सुपड़ी का स्थान

वास्तु शास्त्र के अनुसार, बांस की सुपड़ी किचन में रखने के लिए दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) या अनाज रखने वाले स्थान के पास रख सकते हैं. किचन में इसे रखने से अन्न-धन में बरकत होती है. गांव-कस्बों में आज भी लोग बांस की सुपड़ी का प्रयोग करते हैं. आप भी अपने मॉडल मॉड्यूलर किचन (Modern Modular Kitchen) में बांस की सुपड़ी रख सकते हैं. आप इसे शेल्फ पर रख सकते हैं, सुपड़ी में फल-सब्जियां सजाकर इसे फ्रूट बास्केट की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं, पूजा सामग्री रखने के लिए प्रयोग कर सकते हैं या फिर दीवार पर भी सजावटी रूप से टांग सकते हैं. रसोई में बांस का उपयोग कृत्रिम प्लास्टिक की तुलना में कहीं अधिक सकारात्मकता और शुद्ध होता है.

इन बातों का रखें ध्यान

इस बात का ध्यान रखें कि, किचन में टूटी-फूटी सुपड़ी न रखें. गंदी या बेकार पड़ी सुपड़ी को भी किचन मे न रखें, इससे वास्तु दोष बढ़ सकता है. सुपड़ी को कभी भी जमीन आदि पर न रखें. केवल इसका उपयोग करते समय ही इसे जमीन में रखा जा सकता है. इसके अलावा इसे किसी ऊपरी स्थान पर रखें या दीवार पर टांग कर ही रखें.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.