Vastu Tips: वास्तु शास्त्र हमारे जीवन की तमाम ऊर्जाओं से जुड़ा होता है. ये एक ऐसा प्राचीन विज्ञान है, जिसमें घर से जुड़े कई नियमों के बारे में बताया गया है. घर के प्रत्येक कोने में ऐसी ऊर्जा होती है, जिसका हम पर कहीं न कहीं प्रभाव पड़ता है. ऐसे में वास्तु के अनुसार घर का प्रत्येक कोना सही होना चाहिए.
जब हम नए घर में प्रवेश करते हैं तो वास्तु के नियमों का ध्यान रखना चाहिए. जैसे कि गृह प्रवेश की शुभ तारीख, दिन या मुहूर्त आदि. अगर इन नियमों का ठीक से पालन किया जाए तो घर में पॉजिटिव वातावरण रहता है.
वहीं गलत दिन घर में प्रवेश करने से जीवन में नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं. आइए जानते हैं गृह प्रवेश के समय किन नियमों का पालन करना चाहिए?
किस दिन गृह प्रवेश करना अशुभ?
शास्त्र के अनुसार, शुभ दिनों में नए घर की पूजा करने से घर में सदैव बरकत बनी रहती है. इसके अलावा घर में मौजूद प्रत्येक सदस्य के जीवन में बेहतर परिणाम देखने को मिलते हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार मंगलवार, शनिवार और रविवार के दिन भूलकर भी नए घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से अशुभ फल की प्राप्ति होती है. वहीं, सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार के दिन गृह प्रवेश करना बेहद शुभ माना जाता है.
दिन या रात किस समय करें गृह प्रवेश?
बहुत से लोग दिन में गृह प्रवेश करते हैं, जबकि कुछ लोगों को रात के समय नए घर में जाना पसंद होता है. शास्त्रों के अनुसार किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठानों को दिन में ही करना सही माना जाता है.
अमूनन आज के समय में ज्यादातर लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से गृह प्रवेश करते हैं, हालांकि सुबह का समय सबसे बेहतर माना जाता है.
इसके अलावा भूलकर भी राहुकाल के दौरान घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए. राहुकाल का समय किसी भी शुभ काम की शुरुआत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसे में जब भी गृह प्रवेश करें तो ज्योतिषाचार्य से शुभ मुहूर्त जरूर निकलवाए.
गृह प्रवेश कब नहीं करना चाहिए?
श्राद्ध पक्ष, खरमास, चैत्र, आषाढ़, भाद्रप्रद, अश्विनी, पौष मास में भूलकर भी गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए.
गृह प्रवेश कब करना चाहिए?
वैशाख, ज्येष्ठा, श्रावण, मार्गशीर्ष, माघ, फाल्गुन मास में गृह प्रवेश करना बेहद शुभ माना जाता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.