Vaishakh Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा का पर्व धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. हिंदू ग्रंथों में इसके महत्व को लेकर विस्तार से चर्चा की गई है. स्कंद पुराण वैशाख माहात्म्य अध्याय क्रमांक 26 अनुसार, पूर्वकालमें वैशाख मास की एकादशी तिथि को शुभ अमृत प्रकट हुआ था. द्वादशी को भगवान् विष्णु ने उसकी रक्षा की. त्रयोदशी को उन श्रीहरि ने देवताओं को अमृत का सुधा-पान कराया.

Continues below advertisement

चतुर्दशी को देवविरोधी दैत्योंका संहार किया और पूर्णिमा के दिन समस्त देवताओंको उनका साम्राज्य प्राप्त हो गया. इसलिये देवताओंने सन्तुष्ट होकर इन तीन तिथियों को वर दिया- 'वैशाख’ मास की ये तीन शुभ तिथियां मनुष्यों के पापों का नाश करनेवाली हो. स्कंद पुराण अनुसार आज के दिवस श्रीमद्भागवतगीता अथवा विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ना अत्यंत शुभ माना गया हैं.

आज के दिवस भगवान महाकाल का भी महत्त्व हैं. स्कंद पुराण नागर खण्ड अध्याय क्रमांक 49-50 अनुसार, राजा रुद्रसेन ने  इस दिवस भगवान महाकाल की शास्त्रोचित पुजा करके परमपद को प्राप्त किया.

Continues below advertisement

भविष्य पुराण उत्तर पर्व अध्याय क्रमांक 152 अनुसार, वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन तिलधेनु का दान प्रशस्त माना गया हैं.

मत्स्य पुराण 206.2-3 अनुसार वैशाख पूर्णिमा दान के लिए महाफलदायक माना गया हैं (वैशाखी पौर्णमासी च ग्रहणे शशिसूर्ययोः. पौर्णमासी तु या माधी ह्याषाढ़ी कार्तिकी तथा...2 उत्तरायणे च द्वादश्यां तस्यां दत्तं महाफलम्. आहिताग्निर्द्विजो यस्तु तद् देयं तस्य पार्थिव ॥)

व्रत राज अनुसार, वैशाख पूर्णिमा तिथि को अत्यंत श्रेष्ठ माना गया हैं (वैशाखपौर्णमास्यां विशेषः स्मर्यंते भविष्ये वैशाखी कार्तिकी माधी तिथयोऽतीव पूजिताः ॥)

लोग आज के दिवस भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और तीर्थ स्नान करके दान देते हैं.

एक और संजोग है आज. जनश्रुति अनुसार आज के दिन ही भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार धारण किया था. आशा करता हूं की आज का दिवस पूरे भारत को  शुभ रहे.

यह भी पढ़ें- Vaishakh Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा पर बन रहा अद्भुत संयोग, खुल जाएगी इन राशियों की बंद किस्मत

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.