Rahu Ketu Transit 2023: ज्योतिष शास्त्र में ग्रह-नक्षत्रों का विशेष महत्व माना गया है. हर ग्रह निश्चित समय पर राशि परिवर्तन करते हैं. ग्रहों के इन गोचर का जातकों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु को पापी ग्रह माना जाता है. यह दो ग्रह छाया ग्रह कहलाते. राहु-केतु  जल्द ही अपनी राशि बदलने वाले हैं. राहु-केतु को क्रूर माना जाता है. कुंडली में राहु-केतु दोष हो तो व्यक्ति मानसिक तनाव से गुजरता है. उसे भारी आर्थिक और शारीरिक नुकसान होने की संभावना रहती है. राहु-केतु 30 अक्टूबर को गोचर करने वाले हैं.


कुडंली में राहु-केतु की स्थिति कमजोर हो तो उनकी शांति के लिए कुछ उपाय जरूर करने चाहिए. इन उपायों के प्रभाव से राहु-केतु शुभ फल देने लगते हैं और कष्टों में कमी आने लगती है. जानते हैं इन उपायों के बारे में.


राहु-केतु को प्रसन्न करने के उपाय




  • राहु दोष के दुष्प्रभाव से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा नीले रंग के कपड़े और केतु दोष से बचने के लिए गुलाबी रंग के कपड़े पहनने चाहिए. जिन लोगों की कुंडली में राहु-केतु की स्थिति कमजोर हो उन लोगों को शराब और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए. राहु कमजोर होने पर कुत्ते की सेवा और देखभाल करने से लाभ मिलता है.

  • रुद्राक्ष की माला से पंचमुखी शिवजी के सामने बैठकर ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करने से राहु-केतु के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं.

  • राहु केतु ग्रह की शांति के लिए घर पर भगवान श्रीकृष्ण की ऐसी तस्वीर रखें, जिसमें वे शेषनाग के ऊपर नृत्य कर रहे हों. इस तस्वीर की प्रतिदिन पूजा करें और ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. इस उपाय को करने से भी उग्र राहु-केतु शांत होते हैं.

  • राहु ग्रह का रत्न गोमेद है. कुंडली में राहु दोष होने पर ज्योतिषी की सलाह से इस रत्न को शनिवार के दिन धारण करना चाहिए. इस रत्न को धारण करने से जातकों को राहु दोष से मुक्ति मिलती है.

  • राहु-केतु की अशुभ दशा से बचने के लिये बुधवार के दिन राहु ग्रह से संबंधित वस्तुएं जैसे जौ, सरसों, सिक्का, सात प्रकार के अनाज (जौ, तिल, चावल, साबूत मूंग, कंगुनी, चना, गेहूँ ), गोमेद रत्न, नीले अथवा भूरें रंग के कपड़े, कांच निर्मित वस्तुओं को रात के समय दान करना चाहिए.

  • केतु ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए बुधवार को बुध के नक्षत्र में अश्वगंधा अथवा अस्गंध मूल धारण करें. केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिये 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक होता है.


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