Insomnia: लगातार टूटती नींद, बेचैनी, मानसिक अशांति और रात भर करवटें बदलना वैदिक ज्योतिष के अनुसार केवल तनाव की देन नहीं होते. ऐसे मामलों में अधिकतर बार चंद्र, राहु, शनि और बुध में से कोई न कोई ग्रह असंतुलित होता है. ये ग्रह मानसिक तरंगों, भावनात्मक स्थिरता और रात्रि ऊर्जा के नियमन से सीधे जुड़े हैं. शोध बताते हैं कि इन ग्रहों की गड़बड़ी नींद को सबसे पहले प्रभावित करती है.
नींद का ग्रह कौन? चंद्रमा का वैज्ञानिक और ज्योतिषीय कनेक्शन
वैदिक शास्त्रों में चंद्रमा मन, भावनाओं और नींद का स्वामी है. जब चंद्रमा पीड़ित हो, तो सबसे पहले असर रात और नींद पर दिखता है. ये तब ज्यादा प्रभावशाली ढंग से महसूस होता है जब चंद्रमा कमजोर होता है? पाप ग्रहों की दृष्टि या युति हो या फिर राहु और केतु का ग्रहण योग कुंडली में हो, ये कुछ ऐसे संकेत हैं जब नींद में खलल पड़ता है.
2–4 बजे अचानक नींद खुलना. दिमाग शांत न रहना. हल्का डर या भावनात्मक बेचैनी ये राहु के कारण हो सकता है. क्योंकि राहु डिजिटल युग की नींद का सबसे बड़ा विघ्नकर्ता है. राहु एक हाइपरएक्टिव, भ्रम का कारक और ओवरथिंकर बनाने वाला ग्रह है. आज के समय में स्क्रीन लत से लेकर Anxiety तक ज़्यादातर राहु से जुड़ी समस्या मानी जाती है.
राहु सक्रिय होने के संकेत
- बिस्तर पर जाने के बावजूद मन जागा रहना
- लगातार सपने या डर
- मोबाइल बंद करके भी बेचैनी
शनि: बेचैनी, दबाव और मानसिक बोझ का ग्रह
शनि की ऊर्जा मन को भारी बनाती है. यदि शनि महादशा, अंतरदशा या साढ़ेसाती में सक्रिय हो, तो रात में बेचैनी सामान्य होती है. शनि के प्रभाव से क्या होता है?
- Overthinking
- थकान के बाद भी नींद न आना
- Past Memories Trigger होना
ज्योतिष ग्रंथ के अनुसार शनि ग्रह चंद्र को दुखी करे तो निद्रा नष्ट होकर मन मलिन होता है. बुरे विचार आते हैं. जो नहीं हो रहा है जीवन में उसके घटित होने के ख्याल आते हैं.
बुध: दिमाग का प्रोसेसर और रात की ओवर-एनालिसिस का कारण
बुध नींद को सीधे प्रभावित नहीं करता, लेकिन दिमाग के Information-Processing को नियंत्रित करता है. दूषित बुध के प्रभाव
- सोने के समय दिमाग तेज़ चलना
- प्लानिंग, चिंता, हिसाब-किताब
- अगले दिन की तैयारी दिमाग में घूमना
यह स्थिति आधुनिक विज्ञान में Cognitive Hyperactivity कहलाती है. इसे और विस्तार से समझते हैं-
- मन - चंद्र
- डर - राहु
- दबाव - शनि
- विश्लेषण - बुध
विज्ञान की भाषा से समझें
- Stress hormone - Cortisol बढ़ता है
- Screen Overload - Dopamine imbalance
- Anxiety - Sleep Cycle Disturbance
दोनों का निष्कर्ष एक अगर ग्रह असंतुलित हों, तो नींद सबसे पहले प्रभावित होती है.
उपाय (Scientific और Vedic)
1. चंद्रमा शांत करने के लिए
रात 10 बजे के बाद स्क्रीन कम
ॐ सोमाय नमः 5 मिनट
तकिए के नीचे चांदी का छोटा टुकड़ा
2. राहु शांत करने के लिए
सोने से पहले पैर धोएं
काला तिल हाथ में लेकर श्वास नियंत्रण
मंद रोशनी में सोएं
3. शनि संतुलन के लिए
सरसों के तेल से पैरों को हल्के मलें
ॐ शं शनैश्चराय नमः 108 बार
21 गहरी सांसें
4. बुध को स्थिर करने के लिए
सोने से पहले 3 मिनट Writing Therapy
लगातार कई दिनों तक रातें करवटों में कटें, तो यह केवल तनाव का नतीजा नहीं होता. 90% मामलों में किसी न किसी ग्रह की स्थिति असंतुलित पाई जाती है. यदि रातें परेशान कर रही हों, तो समाधान ग्रहों में भी छिपा है और सुधार आपके दैनिक अनुशासन में, इस बात को भूलना नहीं चाहिए.