Shiv Puja: सोमवार का दिन शंकर भगवान को समर्पित होता है. भोलेनाथ को परम पिता, पालनकर्ता और संहारक माना जाता है. शिव जी की पूजा करने से सुख, समृद्धि और शांति मिलती है.


माना जाता है कि भोलेनाथ बहुत भोले हैं और भक्तों से बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. शिव पूजा के कुछ खास नियम होते हैं. शिव पूजा में कुछ चीजों का इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है. आइए जानते हैं शिव पूजा से जुड़े इन नियम के बारे में.


शिव पूजा से जुड़े नियम



  • पूजा-पाठ में हल्दी का इस्तेमाल बहुत पवित्र और शुभ माना जाता है लेकिन शंकर भगवान की पूजा में हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए. हल्दी का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक माना जाता है इसलिए महादेव को हल्दी चढ़ाना अशुभ होता है.

  • भोलेनाथ को केतकी, केवड़े के फूल और लाल रंग के फूल नहीं अर्पित करना चाहिए.  इन फूलों को अशुभ और तामसिक माना जाता है, जो भगवान शिव के सात्विक स्वभाव के विपरीत हैं. माना जाता है कि शंकर भगवान को कनेर और कमल के अलावा कोई भी अन्य फूल प्रिय नहीं हैं. 

  • शास्त्रों के अनुसार शिव जी की पूजा में कुमकुम और रोली का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इसलिए शिवलिंग पर कभी भी रोली नहीं चढ़ानी चाहिए. इससे भोलेनेथा प्रसन्न नहीं होते हैं.

  • शिव जी की पूजा में शंख का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार शंकर भगवान ने शंखचूर नाम के असुर का वध किया था इसलिए शंख भगवान शिव की पूजा में में वर्जित माना गया है.

  • महादेव को तुलसी का पत्ता चढ़ाना भी अशुभ माना जाता है. इसके पीछे की कथा के अनुसार असुर राज जलंधर की पत्नी वृंदा तुलसी का पौधा बन गई थी. श‌िव जी ने जलंधर का वध क‌िया था इसल‌िए वृंदा ने भगवान श‌िव की पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग न करने की बात कही थी.

  • शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए. नारियल में मां लक्ष्मी का वास होता है.  विष्णु जी की पत्नी होने की ही वजह से शिव पूजन में इसे चढ़ाने की मनाही होती है.



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