Shani Margi in October 2022: सूर्य देव और माता छाया के पुत्र शनि देव महाराज बीते 5 जून से वक्री हुए थे. भगवान भोलेनाथ से न्याय के देवता का आशीर्वाद प्राप्त करने वाले शनि देव महाराज की चाल का असर विभिन्न राशियों पर पड़ता है. शनि वक्री अवस्था में सबसे धीमी चाल से चलते हैं. एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में लगभग ढाई साल का समय लगता है. शनि की वक्री चाल का मतलब होता है शनि का उल्टी चाल में चलना और मार्गी का मतलब होता है अपने ही मार्ग पर सीधा चलना. शनि 141 दिन बाद 23 अक्टूबर 2022 को मार्गी होंगे. इसका असर विभिन्न राशियों पर अलग-अलग पड़ेगा.


शनि के मार्गी होने पर राशियों पर पड़ने वाला प्रभाव (Shani Margi Effect)


अभी कर्क और वृश्चिक राशि वाले जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है. जिसकी वजह से इन पर शनि के मार्गी होने का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा. इन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को पूजा पाठ करना चाहिए.


मकर, कुंभ व मीन राशि वाले जातक इस समय शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव से जूझ रहे हैं. इन जातकों को भी इस समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है. यह समय इनके कार्यक्षेत्र और कारोबार में प्रभाव डाल सकता है. इसके लिए सचेत रहें. शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनिवार को मंदिर में जाकर शनि चालीसा का पाठ करें.


शनि देव के मार्गी होने का अनुकूल प्रभाव वृषभ, कन्या और धनु राशि वाले जातकों पर पड़ेगा. यह समय इनके लिए शुभ साबित हो सकता है. इनके कार्य क्षेत्र में वृद्धि होगी. कारोबार बढ़ेगा. नौकरी में पदोन्नति के आसार हैं.


शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए करें ये उपाय (Shani Dev Upay)



  • शनिदेव को प्रसन्न रखने के लिए शनिवार के दिन गाय की सेवा करनी चाहिए. गाय को हरा चारा खिलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.

  • बेसहारा और गरीब की मदद करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है. इन लोगों को यथासंभव दान दें.

  • शनिवार के दिन काला तिल और सरसों का तेल भगवान शनि देव को अर्पित करें. इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं.

  • शनिवार को रसोई में बने हुए भोजन में से एक निवाला पक्षियों के लिए डाल दें. इससे शनिदेव महाराज की कुदृष्टि से बचा जा सकता है.



 


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