Shani Dev Puja: आमतौर पर सभी लोग शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या (Sade Sati and Dhaiya) से डरे हुए रहते हैं. हालांकि यह जरूरी नहीं है कि शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या आपको कष्ट, परेशानी और तकलीफें ही दें. ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने शनि की साढ़ेसाती में इतनी उन्नत्ति की, जितनी अपने पूरे जीवन में नहीं की, क्योंकि शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का पूर्ण फल आपकी जन्म कुंडली में शनि की स्थिति देखने से मिलता है. यदि आप पर भी शनि की दशा-अंतर्दशा चल रही है या फिर साढ़ेसाती और ढैय्या से प्रभावित हैं तो शनि जन्म दिवस के विशेष अवसर पर नीचे दिए गए उपाय कर सकते हैं.
- सूर्योदय के समय स्नादि से निवृत होकर घर के आस-पास स्थित पीपल के पेड़ के चारों ओर कच्चा सूत यानि सफेद रंग का धागा लेकर उसे 7 बार लपेटकर धूप-दीप, नैवेद्य आदि से शनिदेव का मनोयोगपूर्वक पूजन कर शनि स्तोत्र का पाठ करें.
- या फिर शनि बीज मंत्र 'ऊं प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' का 21 बार जाप करें और शनिदेव से शनिजनित दोषों से मुक्ति की प्रार्थना करें.
- कोशिश करें कि इस दिन एक ही बार नमकरहित भोजन करें और यथाशक्ति शनि की प्रिय वस्तु का दान करें.
- साथ ही इस दिन दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में काले घोड़े की नाल का बना लोहे का छल्ला, पूजा-अनुष्ठान करके पहनें, यह उत्तम रहेगा.
- पवनपुत्र, अंजनिसुत, परमवीर श्री हनुमान जी के सहस्र नामों का उच्चारण करें.
- शनि के दान जैसे काले तिल, तेल, उड़द, काला वस्त्र, जूते, लोहा, सरसों का तेल, कुलथी, कस्तूरी, स्वर्ण ब्राह्मण को दान दें.
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